देश में आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को केंद्र सरकार द्वारा दस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी जारी है। सवर्ण आरक्षण बिल दोनों सदनों से पास हो चूका है। देश की ज्यादातर पार्टियों ने लोकसभा और राज्यसभा में सवर्ण आरक्षण बिल के पक्ष में मतदान किया वहीँ राष्ट्रीय जनता दल ने बिल के विरोध में मतदान किया।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तो सीधे तौर पर कहा कि ‘आरक्षण आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए नहीं है। यह सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के प्रतिनिधित्व के लिए था। अगर 15 फ़ीसदी आबादी को 10% आरक्षण तो फिर 85 फ़ीसदी आबादी को 90% आरक्षण हर हाल में मिलना चाहिए।10% आरक्षण किस आयोग और सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर दिया जा रहा है? सरकार विस्तार से बतायें’।
तेजस्वी यादव ने ये भी कहा है कि मोदी सरकार को पहले जातिगण जनगणना के आंकड़े सामने लाने चाहिए जिससे पता चल सकेगा कि कौन सी जातियां क्या काम करती हैं।
सवर्ण सेना ने तेजस्वी यादव का पुतला जलाकर किया विरोध
सवर्ण आरक्षण पर तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के रूख का सवर्ण सेना ने कड़ा विरोध जताया है। गुरुवार को सवर्ण सेना ने पटना के कारगिल चौक पर तेजस्वी यादव का पुतला दहन किया। सवर्ण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुमीत सरकार ने कहा कि पूरा देश जनता है कि तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी जातिगत राजनीति की पैरोकार है। तेजस्वी यादव से समावेशी राजनीति कि उम्मीद भी नहीं कि जा सकती है। इस बार सवर्ण आरक्षण के बिल के विरोध में जाकर के उन्होंने सबूत दे दिया है कि वो जातिगत राजनीति हमेशा करते हैं और करेंगे। साथ ही सुमित ने कहा कि अब कांग्रेस पार्टी को सोचना है जिसने सवर्ण आरक्षण बिल का सहयोग किया की वो महगठबँधन में रहे या नहीं क्योंकि राजद हमेशा एक जाती विशेष की ही पार्टी है। राजद में सवर्ण प्रकोष्ठ बनाने कि महज एक दिखावा है। तेजस्वी यादव जी को सबके सामने आकर के सवर्ण समाज और देश से माफ़ी माँगनी चाहिए ।
तेजस्वी का ट्वीट देखें
अगर 15 फ़ीसदी आबादी को 10% आरक्षण तो फिर 85 फ़ीसदी आबादी को 90% आरक्षण हर हाल में मिलना चाहिए।
10% आरक्षण किस आयोग और सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर दिया जा रहा है? सरकार विस्तार से बतायें।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 7, 2019
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