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गंगा, पुनपुन और सोन में घटा पानी, उत्‍तर बिहार में अब भी वही है हालत

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पटना Live डेस्क। बाढ़ से पटना के शहरी इलाकों में राहत मिली है पर ग्रामीण क्षेत्रों में दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। पटना में गंगा, सोन और पुनपुन नदियों के जलस्तर में गिरावट होने लगी है। लगातार चढ़ने के बाद पटना में गंगा नदी का पानी घटने लगा है। गंगा के साथ पुनपुन और सोन नदी भी उतरने लगी हैं। हाथीदह में भी गंगा के स्तर में कमी आई, लेकिन पानी उतरने की रफ्तार बेहद धीमी है। हालांकि उत्तर बिहार की अन्य नदियां अब भी खतरे के निशान से ऊपर हैं। कोसी नदी, कटिहार और खगड़ि‍या में एक मीटर से ऊपर बह रही है। गंडक भी लगभग एक महीने से गोपालगंज में खतरे के निशान से ऊपर ही है। बाढ़ की वजह से सूबे की 267 सड़कों पर परिचालन प्रभावित हुआ है। पटना की आधा दर्जन सड़कों पर परिचालन बंद है।
जल आयोग की अनुसार गंगा हाथीदह और भागलपुर में जलस्तर के पुराने रिकार्ड को तोडऩे के बाद अब नीचे उतरने लगी है। गंगा नदी मंगलवार को पटना के दीघाघाट में करीब 39 सेमी नीचे उतरी, बावजूद लाल निशान से 85 सेमी ऊपर बह रही है। वही गांधी घाट में यह नदी 28 सेमी नीचे आई है। हाथीदह में छह सेमी नीचे उतर कर खतरे के निशान से 171 सेमी ऊपर बह रही है। दूसरी ओर मुंगेर में गंगा 82 सेमी और कहलगांव में लाल निशान से 148 सेमी ऊपर थी। फरक्का में भी यह लाल निशान से ऊपर रही। पटना के नजदीक मनेर में सोन नदी भी नीचे उतर कर लाल निशान से 96 सेमी ऊपर थी। जबकि पुनपुन 68 सेमी नीचे उतरी है। बावजूद लाल निशान से 41 सेमी ऊपर है।
जानकारी के अनुसार गंगा, पुनपुन सोन को छोड़ दिया जाए तो कोसी, गंडक, बागमती व कमला के साथ उत्तर बिहार की कई दूसरी नदियां अब भी उफन रही हैं। कोसी का डिस्चार्ज मंगलवार को बराह क्षेत्र में 1।17 लाख व बराज पर 1।71 लाख क्यूसेक रहा। यह नदी खगडिय़ा में लाल निशान से 123 सेमी ऊपर थी। गंडक का डिस्चार्ज वाल्मिकीनगर में बराज पर 1।42 लाख क्यूसेक था। बागमती मुजफ्फरपुर में खतरे के निशान से 140, शिवहर में 43 सेमी ऊपर थी। बूढ़ी गंडक खगडिय़ा में 242 सेमी ऊपर थी। घाघरा सीवान में 44 सेमी ऊपर है।

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