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BiG News -हृदयविदारक पुर्णिया बस हादसे के बाद टूटी परिवहन विभाग की नींद, जारी किया फरमान अग्निशामक यंत्र नही तो, बंद होगा बसों का परिचालन

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#बिहार में डीटीओ और एमवीआई बसों में फायर फाइटिंग उपकरणों की करेंगे जांच

#परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल का फरमान सभी बसों में फायर इंस्टीग्यूशर  होना अनिवार्य

पटना Live डेस्क। मुजफ्फरपुर से सिलीगुड़ी जा रही न्यायरथ नामक स्लीपर एसी बस पूर्णिया बस स्टैंड के पास सोमवार की अल सुबह करीब तीन बजकर 10 मिनट पर डिवाइडर से टकरा गई। डिवाइडर से टकराते ही बस में जोरदार धमाका हुआ और आग लग गई। बताया जाता है कि डिवाइडर से टकारते ही बस का एसी टैंक फटने से धमाका हुआ। इसके साथ ही तेल टैंक फट गया जिससे कारण आग लग गई और बस धू-धूकर जलने लगी। लगी आग से एक महिला समेत 2 लोगो जिंदा भस्म हो गए। वही 17 लोग झुलस गए। इस हृदयविदारक हादसे के बाद अब जाकर बिहार परिवहन विभाग की नींद टूटी है।

हादसे के बाद आनन फानन में परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी डीटीओ और एमवीआई को फरमान जारी करते हुएकहा है कि बसों के परिचालन की इजाजत तब तक नहीं दिया जाय जब तक कि अग्निशामक उपकरण कार्यरत न हो। यानी सभी बसों में लगे अग्निशामक यंत्र (फायर इंस्टीग्यूशर) की जांच की जाएगी। जांच में फायर फाइटिंग उपकरण कार्यरत नहीं पाया जाएगा तो वैसे बसों के परिचालन पर रोक लगाई जाएगी।

 इस संबंध में परिवहन सचिव ने बताया कि बस से सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी बसों में फायर इंस्टीग्यूशर का होना अनिवार्य है। बसों में फायर इंस्टीग्यूशर नहीं होने की वजह से आग लगने की स्थिति में तत्काल आग पर काबू नहीं पाया जा सकता। फायर इंस्टीग्यूशर होने से किसी तरह हादसा होने पर यात्रियों की जान बचाई जा सकती है। परिवहन सचिव ने जिले के सभी डीटीओ और एमवीआई को कहा है कि अपने-अपने जिलों में चल रही बसों की जांच करें कि उसमें फायर इंस्टीग्यूशर है या नहीं। अगर है तो  फायर इंस्टीग्यूशर है तो वह कार्यरत है या नहीं इसको सुनिश्चित किया जाए।

वही, अगर कार्यरत नहीं है तो वैसे बसों के परिचालन पर रोक लगाएं और फायर फाइटिंग उपकरण कार्यरत होने के बाद ही परिचालन की इजाजत दें। वहीं फायर इंस्टीग्यूशर नहीं होने पर तत्काल लगवाना सुनिश्चित करें और तब तक वैसे बसों के परिचालन पर रोक लगाए रखें।

परिवहन सचिव ने बताया कि अग्निशमन उपकरण को चलाने के लिए बस के ड्राइवर और कंडक्टर को विशेष रुप से प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए अग्निशमन विभाग से समन्वय किया जाएगा। प्रोविजन के अनुसार बसों की क्षमता के अनुसार  एक या एक से अधिक फायर इंस्टीग्यूशर का प्रावधान है। एक फायर इंस्टीग्यूशर ड्राइवर के सीट के पास होना अनिवार्य है।

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