पटना Live डेस्क। नेता प्रतिपक्ष से तेजस्वी यादव ने सदन में दो प्रस्ताव रखा। पहला प्रस्ताव विधायकों की पिटाई के मामले से जुड़ा था। उन्होंने स्पीकर से आग्रह किया कि सदन में विधायकों की पिटाई के मामले पर चर्चा की जाए। वहीं तेजस्वी यादव ने दूसरी ओर जातीय जनगणना को लेकर बड़ा दांव खेल दिया।
विधायकों की पिटाई के मामले में सदन में तेजस्वी यादन ने कहा कि इस 23 मार्च को सदन में जो घटना हुआ वे बहुत ही गलत था। लोकतंत्र के मंदिर में विधायकों की पिटाई होती है तो, विधायकों की क्या मान सम्मान रह जाएगी। मामले में सिर्फ दो सिपाही को निलंबित किया गया। सत्ता आती जाती रहती है, कल फिर ऐसा वातावरण रहेगी तो कोई फिर पुलिस वाला विदायक को गोली मार देगा। और कार्रवाई के नाम पर फिर से दो सिपाही को निलंबित कर दिया जाएगा। स्पीकर से तेजस्वी यादव ने कहा कि आपको एक बात का ख्याल रकना पड़ेगा की सदन में विधायकों की पिटाई क्यों हुआ। स्पीकर से आग्रह किया कि इस विषय पर सदन में चर्चा करा दिया जाए। लेकिन इस मामले में स्पीकर के तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
तेजस्वी यादव ने कहा कि जातीय जनगणना के समर्थन में बिहार विधानसभा से दो बार प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भी भेजा गया। लेकिन उसके बावजूद केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना की मांग को खारिज कर दिया। तेजस्वी ने कहा कि अब इस मामले में हमें ज्यादा गंभीरता दिखाने की जरूरत है। तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा की एक कमेटी बनाई जानी चाहिए और नीतीश कुमार को देश का नेतृत्व करते हुए केंद्र सरकार के सामने जाकर मांग रखी कि देश में जातीय जनगणना कराई जाए।
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