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Super Exclusive -(वीडियो) पटना में लूट में आरोपी बनने पर थाने से फरार हुए रंगबाज दारोग़ा की करतूत पहले लुट लिया और अब देरहा है मुकदमा उठाने धमकी

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पटना Live डेस्क। राजधानी पटना की सड़कों पर जरा संभल कर चला करें वरना खाकी पहनने वाले ही मौका मिलते ही रात के अंधेरे में लूट लेंगे। यह किसी फिल्म का जुमला या काल्पनिक कहानी नही है जनाब,बल्कि ये सौ फीसदी एक स्याह सच्चाई है। राजधानी में पुलिसकर्मियों द्वारा सितम्बर महीने की 11 तारीख़ दिन सोमवार की रात को अंजाम दी गई बेहद शर्मनाक और ओछी करतुत है। इस घटना ने न केवल पुलिस महकमें को शर्मशार कर दिया बल्कि पटनावासियों के पुलिस की सुरक्षा के दावे के विश्वास की नींव की चूले ही हीला दी। वही दूसरी तरफ लूट कांड में सह-आरोपी दारोग़ा की करतूत ने उस वक्त तो पटना पुलिस का सर शर्म से झुका ही दिया अब कानून की नज़रों में फरार दारोग़ा की बेशर्मी भरी रंगबाजी यानी पीड़ित युवक और उसके पिता को लगातार मुकदमा वापस लेने की धमकी ने गांधी मैदान थाना पुलिस की कार्यशैली पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
उल्लेखनीय है कि राजधानी पटना में युवक सुधीर से पहले 150 रुपये फिर 2150 रुपये लूट कांड को अंजाम देने वालो में शामिल और अब मुकदमे में आरोपी उस वक्त गांधी मैदान थाने में तैनात रहे दारोगा विद्यानंद यादव समेत दो सिपाही मो. नौशाद आलम, मोती राम और ड्राइवर विरेंद्र कुमार है। जब इस बेहद सनसनीखेज घटना की जानकारी एसएसपी मनु महाराज को हुई, तब त्वरित जांच शुरू हुई। दोषी पाए जाने पर आरोपित सिपाही मोती राम,मो.नौशाद और कॉन्ट्रेक्ट पर बहाल चालक वीरेंद्र को लूट समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वही मामले में सह-आरोपी दारोगा विद्यानंद यादव थाने से निकल भागने में सफल रहा था या जानबूझकर भगा दिया गया था उसको लेकर भी तमाम बातें उस दौर में चर्चित रही। अब सुनिए फिर से एक बार पीड़ित सुधीर की जुबानी खाकी वाले लुटेरों की कहानी …

                     उस वक्त एसएसपी मनु महाराज ने कहा था कि खाकी पर दाग लगाने वाले पुलिसकर्मियों को कतई नही बख्शा जाएगा। वही घटना के बाद से फरार आरोपी दारोगा को अबतक गांधी मैदान थाना पुलिस सिर्फ तलाश ही कर रही है। उधर, पुलिसिया गुंडागर्दी और खाकी वालो की लूट का शिकार हुए युवक और उसके पिता को लगातार केस मैनेज करने ख़ातिर हड़काता है,तो कभी समझौते ख़ातिर पैसे की पेशकश करता है और अब तो तमाम हदों को पार करते हुए अपने पुलिसिया साथियों संग अंजाम भुगते की धमकी भी दे रहा है।


खैर,बात फिर एक बार 11सितंबर 2017 की करे तो मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तार होकर आरोपित सिपाही मोती राम और नौशाद एवं अनुबंध चालक रहा वीरेंद्र बेउर जेल पहुच गए और वर्त्तमान में भी जेल में ही है। लेकिन, घटना के बाद से तथाकथित तौर पर थाने से फरार दारोग़ा विद्यानंद यादव ने सुधीर और उसके पिता का जीना हराम कर दिया है की दर्ज मामले में समझौता करों या केस उठा लो। आरोपी दारोग़ा दशहरा के पहले से कभी पुलिस मार्के वाली आपची बाइक नंबर BR01WB -7105 से तो कभी पुलिस की ही मार्के वाली ग्लैमर बाइक से सुधीर के पुनाईचक स्थित दुकान के चक्कर लगाता है।
शुरुआत अमूमन घुमा फिराकर ऊंच-नीच समझते हुए इंसानी ज़िन्दगियों के चुटकियों में गायब होने जैसे किस्से सुनाकर दबाव बनाने से किया फिर भी जब दाल नही गली और सुधीर नही माना तो सीधे सीधे धमकी देने लगा,तो सुधीर ने भी हिम्मत दिखाते हुए एसएसपी मनु महाराज का नंबर दिखाते हुए दारोग़ा को कहा कि अब बहुत हुआ मेरे दुकान पर मत आइये वरना बड़े एसपी साहब ने मुझे अपना नंबर दिया है उनसे से बोल दुगा। ये बोलना था कि दारोग़ा उस वक्त वहां से चलता हों गया और फिर कुछ दिनों तक सुधीर की दुकान की तरफ का रूख नही किया तो बाप बेटे ने सोचा पिंड छूट गया और चैन महसूस करने लगे। पर जल्द ही इनका यह भरम टूट गया और विद्यानंद ने उन फिर दबाब बनाने लगा पर अब वो सामने नही था।

                लेकिन फिर अचानक बीते अक्टूबर महीने में कुछ अनजान चेहरे पुलिस मार्के वाली गाड़ियों से सुधीर के दुकान पर आने लगे और तरह तरह से उसके पिता को धमकी भरे अंदाज़ में समझाने लगे कि ज्यादा उड़ो मत पुलिस की दोस्ती भी अच्छी नही होती तुम्हारे बेटे ने तो दुश्मनी कर ली है। अब भी वक्त है कुछ ले दे के मामले को रफादफा कर लो इसमें ही तुम्हारी और तुम्हारे बेटे की भलाई है। बातों ही बातोंके दुकान भी खत्म हो जायेगी तुम बर्बाद हो जाओगे जैसे धमकियां भी मिलती रही। एसआई की बढ़ती जा रही दबंगई रंगबाजी का रूप अख़्तियार करने लगी।।इधर वक़्त अपनी रवानी पर बीतने लगा।
3 दिन पहले जब वो दुकान पर नही था दारोग़ा कुछ लोगो संग आ धमका और सुधीर को सामने लाने की बात उसके पिता से कही और बेहद भद्दी लैंग्वेज में धमकी देते हुए कहा कि मैं 3-4 दिन में आऊंगा अपने बेटे को बुलाकर रखना अब बहुत हो गया अब तो या तो समझौता होगा केस हटेगा या फिर …. इस वाकये के बाद से सुधीर और उसके पिता समेत सभी परिजन बेहद डरे सहमे है। वही सुधीर ने पटना Live संवाददाता से बात करते हुए उसने बेहद लरज भरे लहजे में कहा कि भइया आप ही का सहारा है। हम क्या गलत किये है उलोग गलत किया हमको मारा पीटा गलत किया फिर हमको ही धमकाता है कि कोई नही कुछ करेगा समझौता कर लो इसी में सब का भलाई है नही तो … सुनिए दारोग़ा की दंबगई और रंगबाजी की कहानी सुधीर की जुबानी

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