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BiG News-पटना में थानेदार को “नज़राना” कबूलते निगरानी दस्ते ने लिया दबोच, साथ में बॉडीगार्ड सिपाही भी हुआ गिरफ्तार

घूसखोरी के दौरान विजिलेंस टीम के हत्थे चढ़े पटनासिटी के दीदारगंज थानेदार अपने बॉडीगार्ड संग दबोचे गए है।

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पटना Live डेस्क। बिहार में सुशासन है। मतलब कानून का राज है लेकिन हक़ीक़त क्या है इसकी बानगी समय समय पर परिलक्षित होती रहती है। इसी क्रम में एक बार फिर सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों की रिश्वतखोरी पर लगाम लगाने में जुटी बिहार सरकार के निगरानी दस्ते ने दीदारगंज थाना के एसएचओ राजेश कुमार को नज़राना कुबूलते धर दबोचा है। साथ ही निगरानी विभाग की टीम ने थानेदार के साथ साथ उनके दो विश्वस्त सिपाही विवेक कुमार, वैदिक को भी पकड़ा है। निगरानी दस्ते ने तीनों को अपने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दिया है।

दरअसल, यह पूरा मामला बालू के अवैध खनन से जुड़ा है। विजिलेंस की टीम को सूचना मिली थी कि दीदारगंज इलाके में गंगा नदी से बालू की खनन होती है। वहां से पुलिस की निगरानी में ट्रक और ट्रैक्टर के जरिए बालू की ढुलाई हो रही है। बालू के अवैध खनन का यह काम 24घंटे होता है।विजिलेंस मुख्यालय ने उक्त शिकायत के आलोक में अपनी जाल बिछाकर इंस्पेक्टर राजेश कुमार को उनके थाना से ही गिरफ्तार कर लिया। टीम के सदस्यों ने बताया कि इलाके में और टॉल प्लाजा से गुजरने वाले बालू लदे ट्रैक्टर और ट्रकों से अवैध वसूली करते हैं। बालू लदे बड़े ट्रक से वो 50 हजार से भी अधिक रुपए वसूल करते हैं।इस बात की जानकारी मिलने के बाद विजिलेंस की टीम ने यह कार्रवाई की है।

विजिलेंस दस्ते के अनुसार जब टीम वहां पहुंची तो थाना के अंदर इंस्पेक्टर राजेश कुमार 60 हजार रुपए ले रहे थे। इस कार्रवाई के बाद पटना पुलिस के अंदर हडकंप मच गया है। विजिलेंस के अधिकारी थानेदार और सिपाही से पूछताछ करने में जुटे हुई है।सूत्र बताते हैं की थाना प्रभारी अपने क्षेत्र के सभी बालू माफियाओं के संपर्क में था और उनसे मोटी रकम भी वसूला करता था।

महीने का मांग रहे थे 60 हजार

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से मिली जानकारी के मुताबिक दीदारगंज के थानेदार राजेश कुमार एक ट्रांसपोर्टर से रिश्वत की मांग कर रहे थे। ट्रांसपोर्टर की शिकायत थी कि उसकी कई ट्रकें बालू और गिट्टी लेकर चलती हैं। ट्रकों को नहीं पकड़ने के लिए उन्होंने हर महीने 60 हजार रुपए की डिमांड की। जांच के दौरान रिश्वत मांगे जाने का मामला सही पाया गया। इसके बाद डीएसपी सुरेन्द्र कुमार मौआर, अरुणोदय पाण्डेय और समीर चंद्र झा के नेतृत्व में एक टीम को थानेदार को गिरफ्तारी का जिम्मा सौंपा गया। गुरुवार की रात दीदारगंज थाना में इंस्पेक्टर राजेश कुमार के बॉडीगार्ड ने रिश्वत की रकम ली और रुपए थानेदार को दे दिए। जैसे ही रुपए थानेदार के पास पहुंचे, निगरानी की टीम ने कार्रवाई शुरू कर दी। दोनों को थाना परिसर में ही गिरफ्तार कर लिया गया।

बिस्कोमान कॉलोनी में है घर

राजेश कुमार बिहार पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर बहाल होने के बाद प्रोन्नति के जरिए इंस्पेक्टर बने। उनका अपना मकान गायघाट के पास बिस्कोमान कॉलोनी में है। गिरफ्तारी के बाद निगरानी की टीम उनके आवास पहुंची। बताया जाता है कि तलाशी में नगदी और चल-अलच संपत्ति से जुड़े कागजात हाथ लगे हैं। हालांकि तलाशी का काम जारी रहने के चलते इस बाबत विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है। कार्रवाई में निगरानी के इंस्पेक्टर संजय चतुर्वेदी, सुशील यादव और सत्येन्द्र राम समेत एक दर्जन अधिकारियों व जवानों की टीम शामिल थी।

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