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BIG News (वीडियो) इलाज के दौरान जदयू एमएलए श्याम रजक की जली पीठ, चाचा की हालत देख बोला भतीजा पारस अस्पताल नहीं कत्लखाना

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पटना Live डेस्क । बिहार में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं ख़ातिर अमूमन आम से लेकर खास सभी निजी नर्सिंग होम्स का रुख करते है। इसी क्रम में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक श्याम रजक (Shyam Rajak) के भतीजे ने शास्त्रीनगर थाना इलाके में स्थित पारस हॉस्पिटल के डॉक्टर और प्रबंधन पर केस दर्ज कराया है। इलाज के दौरान लापरवाही के कारण श्याम रजक की पीठ जल गई थी, जिसको लेकर मामला दर्ज कराया गया है। उल्लेखनीय है कि पटना के फाइवस्टार सुविधाओ वाले निजी अस्पताल पारस (Paras hospital) हॉस्पिटल का एक बार फिर बेहद खौफनाक चेहरा सामने आया है। पटना के इस बेहद चर्चित पारस अस्पताल की कारगुजारिया समय समय पर समाचारों की सुर्खियां बनती रही है। इस अस्पताल की काली करतूतों का कच्चा चिट्ठा जानने के लिए पढ़े..

BiG News – (वीडियो) फिर फूटा पारस हॉस्पिटल का पाप, पूर्व मंत्री श्याम रजक ने लगाए बेहद गंभीर आरोप

स्पाइन सर्वाइकल से पीड़ित है श्याम रजक

दरअसल, श्याम रजक कंधे और पीठ में असहनीय दर्द होने पर 16 अप्रैल को पारस हॉस्पिटल में भर्ती हुए। हॉस्पिटल में कमरा संख्या 307 में वे इलाजरत रहे। उन्हें स्पाइनल सर्वाइकल की समस्या है। संस्थान में वो डॉक्टर गौतम आर प्रसाद की निगरानी में उनका इलाज रत चल थे। पारस हॉस्पिटल के इलाज के बाद भी दर्द कम नहीं हो रहा था। 19 अप्रैल की शाम दर्द बढ़ने के कारण उनकी पीठ में हीटिंग पैड लगा दिया गया था। लेकिन इसे देखने के लिए कोई भी स्टाफ नहीं था। लिहाजा पैड इतना गर्म हो गया कि उनकी पीठ जल गई और फोले पड़ गए।

सूचना देने पर देखने कोई नहीं आया

फफोलो और जलन की तीव्रता से असहनीय दर्द झेल रहे पूर्व मंत्री के हालात की जानकारी मिलने पर भी अस्पताल प्रबंधन लापरवाह बना रहा। दर्द से बिलबिलाते चाचा की हालत देखकर राकेश बिफ़र उठे और पारस अस्पताल के बाबत कहा कि यह अस्पताल नही स्लॉटर हाउस है।

तमाम हालात से रूबरू होकर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ दर्ज मुकदमे में राकेश ने कहा है कि उनका फिजियोथेरेपी और पैड हीटिंग से इलाज चल रहा था। डॉक्टर व नर्स ने उनकी पीठ पर पैड हीटिंग लगा दी और सभी चले गए। डॉक्टर व इलाज कर रहे स्टाफ को बुलाने गए लेकिन कोई नहीं आया। कई बार बुलाने गए तो कहा गया कि यहां स्टाफ कम है और मरीज ज्यादा।

जब चाचा चिल्लाने लगे तो मैंने पैड को हटा दिया। उनकी गर्दन से लेकर पीठ तक बड़े-बड़े फफोले पड़ गए हैं। जिससे उन्हें असहनीय दर्द व जलन होने लगा। परंतु अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

तदुपरान्त,विधायक के भतीजे राकेश रंजन द्वारा पारस अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ शास्त्री नगर थाने में केस दर्ज कराया गया। श्याम रजक वहां से दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए चले गए।

Paras का पाप – पूर्व में इस संस्थान पर लग चूके है बेहद गंभीर आरोप जैसे – पटना के पारस अस्पताल में मरीज की मौत के बाद भी चलता रहा इलाज – पारस अस्पताल के ख‍िलाफ केस भी दर्ज हुआ है … देेखिये वो Prasa ka Gunda Act..

टालमटोल भरा जवाब  

                वहीं इस बाबत पारस अस्पताल प्रबंधन से जुड़े डॉक्टर तलत हलीम से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया। उनके मोबाइल की घंटी कई बार बजी पर उन्होंने रिसीव नहीं किया। उनके वाट्सएप पर अस्पताल का पक्ष जानने के लिए मैसेज भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। कई बार संपर्क करने की कोशिशों के बाद महज खानापूर्ति तरीके से प्रबंधन कि ओर से मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आसिफ रहमान ने कहा कि हीटिंग पैड से सेकाई की जा रही थी।उससे जलने की समस्या नहीं होती है। उनकी सेकाई प्रतिदिन शाम पांच बजे होती थी लेकिन उन्होंने शिकायत रात एक बजे की। 

इस मामले से जुड़ा वीडियो देखिए …

 

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