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Phulwari Sharif Terror Module: NIA करेगी आतंकी कनेक्शन की जांच

Phulwari Sharif Case : फुलवारी शरीफ मामले की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी NIA करेगी। गृह मंत्रालय ने नोटिस किया जारी, मिशन 2047 समेत ISIS से लिंक की होगी पड़ताल,देश विदेश और तमाम सूबे से जुड़े है तार

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पटना Live डेस्क। NIA अब पटना टेरर केस की जांच करेगी। गृह मंत्रालय की तरफ से आतंकी मॉड्यूल केस में एनआईए जांच को मंजूरी दे दी गई है। सूत्रों के मुताबिक अब आतंकी मॉड्यूल में पीएफआई लिंक की जांच की जाएगी। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने नोटिस जारी कर दिया है। फुलवारी शरीफ मामले में अब PFI संस्था की ओर से संदिग्ध गतिविधियों और पाकिस्तान (Pakistan) समेत कई अन्य देशों से जुड़े कनेक्शन के आरोपों की विस्तार से NIA जांच करेगी।हालांकि, इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही है।

दरअसल, पटना आतंकी संपर्क मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर ISIS के संपर्क में था। उसके जरिए साल 2023 में जिहाद की साजिश रची गई थी। मरगुव अहमद के फोन से ISIS से जुड़े कई नंबर भी मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी के विरोध में पटना में प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी। विरोध-प्रदर्शन की प्लानिंग का भी खुलासा हुआ है। खबर के मुताबिक 12 जुलाई को SDPI की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन होना था।माना जा रहा है कि जल्द ही NIA बिहार पुलिस से मामले की केस डायरी मांगेगी। इस केस में PFI लिंक की भी जांच की जाएगी।

                            आपको बता दें कि पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार के फुलवारी शरीफ मामले में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम का मामला दर्ज किया था,जहां पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों को अत्यधिक आपत्ति जनक सामग्री के साथ पाया गया था, जो भारत को 2047 तक एक इस्लामिक राज्य बनाने का संकेत देता है। इस मामले में बिहार पुलिस ने पाया था कि पीएफआई सदस्यों के प्रतिबंधित संगठन सिमी से संबंध थे।बिहार पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले में करीब 26 संदिग्धों की पहचान की है।

बता दें कि आईबी की जांच में पता चला है कि देश विरोधी साजिश रचने वालों में मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बीर मलिक और शमीम अख्तर के अलावा और भी कई लोग हैं।जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें रियाज मॉरिफ, सनाउल्लाह, तौसीफ, महबूब आलम, एहसान परवेज, मो. सलमान, मो. रसलान (सचिव, बिहार-बंगाल क्षेत्रीय समिति PFI), महबूब-उर-रहमान, इम्तियाज दाऊद, महबूब आलम, खलीकुर जमा, मो. अमीन आलम (टीचर ट्रेनिंग कॉलेज गोनपुरा फुलवारी शरीफ के कर्मचारी), जीशान अहमद, रियाज अहमद, मंजर परवेज, नुरुद्दीन जंगी उर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन, मो. रियाज (PFI का राष्ट्रीय नेता), मो. अंसारुल हक (मिथिलांचल यूनिट का निदेशक प्रभारी), मंजहरुल इस्लाम, अब्दुर्रहमान, मो. मुस्तकीन, अरमान मलिक, परवेज आलम (राज्य कमेटी सदस्य PFI मिथिलांचल) शामिल हैं. इन लोगों पर आरोप है कि ये फुलवारी शरीफ आकर ब्रेनवॉश करते थे और भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की बातों को लेकर साजिश रचते थे।

पुलिस जांच ने संकेत दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके रडार पर थे। पटना पुलिस ने अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को फुलवारी शरीफ इलाके से गिरफ्तार किया था। उनके कहने पर मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर,अरमान मलील और शब्बीर के रूप में पहचाने गए तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वे कथित तौर पर एक आतंकी मॉड्यूल चला रहे थे और मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे थे।

परवेज सिमी का सदस्य बताया जाता है और युवाओं को ट्रेनिंग देता था।परवेज के भाई मंजर आलम को पटना के गांधी मैदान बम विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था जो 2013 में मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुआ था।आलम बोधगया विस्फोट में भी शामिल था। आलम समेत अन्य फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।

मोहम्मद जलालुद्दीन भी सिमी का सदस्य बताया जाता है। पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने रैली के दौरान आतंकी हमले को अंजाम देने की कोशिश की थी।पुलिस ने जलालुद्दीन और परवेज के पास से ऐसे दस्तावेज बरामद किए हैं जिनमें लिखा है कि वे 2047 तक भारत को इस्लामिक राज्य बना देंगे। युवकों को फिजिकल ट्रेनिंग दिलाने के बहाने पटना में उनका ब्रेनवॉश कर रहे थे। वे कथित तौर पर मुस्लिम युवकों को हिंदुओं के खिलाफ भड़का रहे थे।इस बीच, पीएफआई ने कहा है कि उसने कभी कोई आपत्तिजनक दस्तावेज प्रकाशित नहीं किया है।

NIA करेगी आतंकी मॉड्यूल केस की जांच

गिरफ्तार मरगूब अहमद ने कहा कि एक दिन गजवा-ए-हिंद बनेगा। दुनिया के सभी मुसलमान पाकिस्तान के नेतृत्व में लड़ेंगे। फुलवारी शरीफ आतंकी मॉड्यूल की जांच अब NIA करेगा। बता दें कि बिहार पुलिस ने हाल ही में देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।जिसके बाद आतंकी मॉड्यूल का भंडाभोड़ हुआ था। भारत को इस्लामिक देश बनाने की प्लानिंग किए जाने की जानकारी सामने आई थी। इस मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। बता दें कि दो संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ था कि उनके निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी थे। वहीं इस मामले में पाकिस्तानी कनेक्शन पहले भी सामने आया था।

मिशन 2047 की जांच

ये ‘मिशन 2047’ साजिश के तहत बिहार के फुलवारी शरीफ में प्रारंभ की गई थी, लेकिन इस साजिश से जुड़े जाल का कनेक्शन बिहार के कई जिलों के साथ साथ उत्तर प्रदेश, केरल, नई दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित कई अन्य राज्यों से जुड़ता हुआ प्रतीत हो रहा है। हालांकि कई साल पहले ही केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबी और मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारियों द्वारा फुलवारी शरीफ को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाला बेहद सुरक्षित और संदिग्ध स्थान बताया गया था। अभी तक की जांच में आरोपी मरगुव अहमद उर्फ ताहिर के अल्फलाही नाम के वॉट्सऐ ग्रुप को खंगालने के बाद जिस तरह से इनपुट सामने आए हैं, उससे साफ पता चलता है कि कैसे भारत-नेपाल, पाकिस्तान से जुड़े मदरसों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े लोगों और उसकी भूमिका सामने आ रही है।

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