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BiG News – Corona का कहर-बदलने वाला है बाइक पर बैठने का दशकों पुराना तरीका, जानिए क्या है मोदी सरकार का नया आदेश

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  • बाइक पर चलाने वाले की सीट के पीछे हैंड होल्ड होंगे।
  • इसका मकसद पीछे बैठने वाले लोगों की सेफ्टी है।

पटना Live डेस्क। पूरी दुनिया को अपने प्रकोप में लेने वाले Covid-19 वायरस ने इंसानी जिन्दगियों पर बेहद गहरा असर डाला है। लोगो को इस बेहद तेजी से फैलने वाले वायरस की वजह से लगातार घरों में रहने को मजबूर किया गया है ताकि इसके इंफेक्शन को चक्र को तोड़ा जा सके।

                    इसी क्रम में भारत सरकार ने भी तमाम प्रयास किये है ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण कम से कम हो। बीते कुछ समय में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सेफ्टी को ध्यान में रखकर कई नियम बदल दिए हैं।वहीं, कई नए नए- नियम भी लागू किए गए हैं। मंत्रालय द्वारा जारी की नई गाइडलाइन बाइक की सवारी करने वाले लोगों के लिए है।आइए इस नए नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

ड्राइवर की सीट के पीछे हैंड होल्ड

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक बाइक के दोनों ओर ड्राइवर की सीट के पीछे हैंडहोल्ड होंगे।इसका मकसद पीछे बैठने वाले लोगों की सेफ्टी है। अभी तक अधिकतर बाइक में ये सुविधा नहीं थी। इसके साथ ही बाइक के पीछे बैठने वाले कि लिए दोनों तरफ पायदान अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा बाइक के पिछले पहिए के बाएं हिस्से का कम से कम आधा हिस्सा सुरक्षित तरीके से कवर होगा ताकि पीछे बैठने वालों के कपड़े पिछले पहिए में नहीं उलझे।

हल्का कंटेनर लगाने के भी दिशानिर्देश

वही, मंत्रालय ने बाइक में हल्का कंटेनर लगाने के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस कंटेनर की लंबाई 550 मिमी, चौड़ाई 510 मिली और ऊंचाई 500 मिमी से अधिक नहीं होगा।अगर कंटेनर को पिछली सवारी के स्थान पर लगाया जाता है तो सिर्फ ड्राइवर को ही मंजूरी होगी।मतलब कोई दूसरा सवारी बाइक पर नहीं होगा।

वहीं, अगर पिछली सवारी के स्थान के पीछे लगाने की स्थिति में दूसरे व्यक्ति को बाइक पर बैठने की इजाजत होगी। सरकार समय-समय पर इन नियमों में बदलाव होती रहेगी।

टायर को लेकर जारी हुई गाइडलाइन 

बता दें कि हाल ही में सरकार ने टायर को लेकर भी नई गाइडलाइन जारी की है।इसके तहत अधिकतम 3.5 टन वजन तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का सुझाव दिया गया है। इस सिस्टम में सेंसर के जरिए ड्राइवर को ये जानकारी मिल जाती है कि गाड़ी के टायर में हवा की स्थिति क्या है। इसके साथ ही मंत्रालय ने टायर मरम्मत किट की भी अनुशंसा की है। इसके लागू होने के बाद गाड़ी में एक्स्ट्रा टायर की जरूरत नहीं होगी।

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