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BiG News -अयोध्या पर फैसला सुनाने वाले जस्टिस नजीर के परिवार को मिली धमकी,ख़तरे को देखते हुए सरकार ने तुरंत मुहैया कराई Z श्रेणी की सुरक्षा

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पटना Live डेस्क। तारीख 9 नवम्बर 2019 दिन शनिवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ ने 40 दिनों में इस मामले की सुनवाई पूरी करते हुए 70 साल से कानूनी लड़ाई में उलझे और 491 साल से अधिक समय से जारी देश के सबसे चर्चित व विवादित रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में अपना फैसला सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐतिहासिक फैसला सुनाने वालो में तात्कालिक चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़,जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल रहे।

अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने वाले 5 न्यायमूर्तियों में रहे हैं शामिल रहे जस्टिस एस अब्दुल नजीर और उनके परिवार के सदस्यों को जेड कैटेगरी की सिक्योरिटी मिलेगी।केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की धमकियों को देखते हुए जस्टिस नजीर और उनके परिवार के सदस्यों को जेड कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। साथ ही गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ को और स्थानीय पुलिस को जस्टिस नजीर और उनके परिवार के सदस्यों को तुरंत जेड सिक्योरिटी की सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने दी थी धमकी

दरअसल, प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जस्टिस नजीर और उनके परिजनों पर खतरे को देखते हुए यह सुरक्षा देने का फैसला लिया गया है। गृह मंत्रालय ने जस्टिस नजीर और उनके परिजनों को जेड कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और स्थानीय पुलिस को आदेश दे दिया है।

जस्टिस नजीर को कर्नाटक कोटे से जेड कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। उन्हें बेंगलुरु, मंगलुरु और राज्य में कहीं भी यह सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी यही सुरक्षा मंगलुरु और बंगलुरु में रहने वाले उनके परिवार के सदस्यों को भी दी जाएगी। सुरक्षा एजेंसियों ने अयोध्या मामले पर फैसला आने के बाद पीएफआई और अन्य से अब्दुल नजीर और उनके परिवार की जान को खतरा होने को लेकर आगाह किया है।

कौन हैं जस्टिस नजीर?

61 वर्षीय जस्टिस नजीर कर्नाटक हाईकोर्ट में साल 1983 में वकील के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्हें हाई कोर्ट का एडिशनल जज 2003 में बनाया गया था। 17 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर उन्हें प्रमोट किया गया था। जस्टिस नजीर अयोध्या के अलावा तीन तलाक को गैरकानूनी करार देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी 5 जजों की बेंच में शामिल रहे हैं।

जस्टिस नजीर 5 जजों की उस बेंच का भी हिस्सा थे जिसने 22 अगस्त 2017 को विवादास्पद तीन तलाक को गैर कानूनी ठहराया था। 5 जजों की बेंच ने 3:2 से तीन तलाक को गैर कानूनी ठहराया था। हालांकि जस्टिस नजीर और उस वक्त भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस खेहर ने तीन तलाक को धार्मिक मान्यता का हिस्सा मानते हुए उसको सही ठहराया था।

क्या है Z कैटेगरी की सुरक्षा ?

जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं। इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं। सुरक्षा गार्ड्स मार्शल आर्ट्स में ट्रेंड होने की वजह से बिना हथियार भी लड़ने में दक्ष होते है। साथ ही हाथों में सब मशीन गन लिए आधुनिक संचार उपकरणों से लैस रहते है। जेड कैटगरी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को एक एस्कॉर्ट कार भी मिली होती है।

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