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BiG News – पटना पुलिस की करतूत जीवित को मृत बताकर 23 लोगो को मॉब लीचिंग का आरोपी बनाकर कर भेजा जेल, जीवित कृष्णा मांझी पहुचा गाँव तो खुल गया खाकी का काला खेल

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पटना Live डेस्क। बिहार पुलिस का हाल बेहाल है। सूबे में आपराधिक वारदातों की झड़ी लगाकर अपराधियों ने खाकी को बैक फुट धकेल दिया है। हालात ये है कि अपराधियों को पकड़ पाने मेंं असफल साबित हो पुलिस लगातार लापरवाही भरे कदम उठाकर अपनी फजीहत करा रही है। इसी क्रम पटना पुलिस की सबसे बड़ी लापरवाही का खुलासा हुुुआ है जिसने खाकी के दामन को बार फिर दागदार कर दिया है। दरअसल पटना सेे सटे नौबतपुर थाना इलाके में मॉब लिंचिंग मामले को लेकर एक नया मोड़ सामने आ गया है। बताया जा रहा है कि नौबतपुर में हुए मॉब लिंचिंग की घटना में जिस व्यक्ति की की मौत होनेे की बात कह पुुुलिस ने 23 लोगो को जेेेल भेेेज दिया था। वो शख्स जिंदा लौट आया है। जबकि वो सभी 23 लोग इस समय भी जेल में बंद हैं। वहीं पुुुलिस द्वारा तथाकथित तौर पर मृत कृष्णा मांझी के जीवित होने की वजह से अब पुलिस भी सकते में हैं। वही यह  अब यह मामला पुलिसिया कार्रवाही पर सवाल खड़ा कर रहा है।

दरअसल पटना जिले के नौबतपुर थाना क्षेत्र के महमतपुर गांव में विगत 10 अगस्त को  मॉब लिंचिंग की एक घटना में एक युवक की मौत हो गई थी। मृत व्यक्ति के शव की पहचान रानी तालाब थाना के निसरपुरा गांव निवासी कृष्णा मांझी के तौर पर की गई थी। तदुपरान्त स्थानीय थाना पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर कृष्णा के परिजनों को को सौंप दिया था। लेकिन अचानक तीन महीने बाद कृष्णा मांझी सकुशल अपने घर लौट आया है। कृष्णा मांझी के सकुशल लौटने की खबर आग की तरह पूरे इलाके मे फ़ैल गई।

अब यह घटना पटना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती हो गई है कि जिस शव को कृष्‍णा मांझी मानकर पोस्‍टमार्टम कराया और उसके कथित घरवालों से दाह संस्‍कार करा दिया, वह आखिर किसका शव था? इस पूरे मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए पुलिस कृष्णा मांझी को नौबतपुर लाने की कवायद में जुट गई है। अब कृष्णा मांझी का कोर्ट में 164 का बयान भी कलमबंद कराया जाएगा।

पुलिस ने जबरन कृष्ण का शव बताकर सौंपा

वहीं पति के तौर पर अन्य को पहचान करने के सवाल पर कृष्णामांझी की पत्नी रुदी देवी का कहना है कि 12 अगस्त को दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल में शव देखने गई तो देखा कि शव सड़ा-गला अवस्था में है। उन्‍होंने यह भी आरोप लगाया कि नौबतपुर थाना प्रभारी सम्राट दीपक कुमार ने जबरन मृत युवक को कृष्णा मांझी बताकर शव हमलोगों को सौंप दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस के दबाव में हम लोगो ने शव का दाह संस्कार किया।

वही, शव के दाह संस्कार के बाबत कृष्णा मांझी की पत्नी ने कहा कि अंतिम क्रिया कर्म करने के लिए हमलोगों को कर्ज भी लेना पड़ा। इसके बाद न तो कबीर अंत्येष्टि योजना की राशि मिली और न ही सामाजिक सुरक्षा के तहत 20 हजार की धनराशि ही मिली। वहीं पुलिस ने रुदी देवी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। कहा कि पुलिस क्यों ऐसा करेगी।

 

 

नौबतपुर मॉब लिंचिंग का ये मामला अब पुलिस की गले की हड्डी बनती जा रही है। क्योकि कृष्णा मांझी की ह्त्या के आरोप में नौबतपुर थाना प्रभारी सम्राट दीपक ने 23 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। ऐसे में अब गांव में भी यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है कि इसी मॉब लिंचिंग मामले में 23 लोगों की गिरफ्तारी हुई और अब उनका क्‍या होगा ? बिलवजह एक जीवित व्यक्ति की मौत का ज़िम्मेदार बताकर कर जेल भेज दिए गए और अब भी सलाखों के पीछे कैद है। इन सभी के साथ हुए अन्याय का गुनाहगार कौन है ? क्या दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर राज्य सरकार इसकी जबाबदेही तय करते हुए कड़ी करवाई करेगी या फिर पुनः एक बार बेगुनाहों को जेल भेजने के पूर्व के मामलों की तरह लीपापोती कर गताल खाने में धकेल दिया जायेगा? साथ ही आखिर जिस शव को पुलिस ने कृष्णा मांझी बतलाकर दाह संस्कार करवा दिया वो कौन था ?

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