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जीएसटी काउंसिल ने छोटे व्यापारियों को दी राहत…अब हर महीने भरना नहीं होगा रिटर्न…

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पटना Live डेस्क.  जीएसटी काउंसिल ने छोटे और मझोले व्यापारियों को बड़ी राहत दी है…करीब 90 फीसदी व्यापारियों को अब हर महीने जीएसटी का रिटर्न दाखिल नही करना पड़ेगा..वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में काउंसिल की 20 वीं अहम बैठक में दो फैसले लिए गए…साथ ही जीएसटी लागू होने के बाद नकदी संकट से जूझ रहे निर्यातकों को भी बड़ी राहत दी गई…काउंसिल ने पहले फैसले में कंपोजीशन स्कीम की मौजूदा सीमा सालाना 75 लाख टर्न ओवर को बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दी…साथ ही सालाना डेढ़ करोड़ तक टर्न ओवर वाले व्यापारियों के लिए हर माह रिटर्न दाखिल करने की बाध्यता खत्म कर दी..जेटली ने कहा कि इस फैसले के बाद जीएसटी में पंजीकृत 90 प्रतिशत कारोबारियों को  हर माह एक की जगह तीन महीने में एक बार रिटर्न भरना होगा…कंपोजीशन स्कीम के तहत जुलाई-सितंबर की तिमाही का रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि भी बढ़ाकर 15 नवंबर कर दी गई है…स्कीम के तहत पंजीकृत व्यापारी एडवांस लेते हैं तो उन्हें टैक्स नहीं देना पड़ेगा…प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दो दिन पहले ही कंपनी सचिवों के गोल्डन जुबली कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार कारोबारियो को राहत देने के लिए जीएएसटी के नियमों में बदलाव करने को तैयार है…बैठक में निर्यातकों को भी राहत देने का फैसला लिया गया…अब उन्हें मार्च 2018 तक जीएसटी लागू होने से पूर्व की तरह आईजीएसटी से छूट प्राप्त रहेगी और उसके बाद रिफंड की व्यवस्था के लिए ई-वॉलेट की व्यवस्था होगी….ई वॉलेट की व्यवस्था की तहत निर्यातकों को पहले ही सरकार की ओर से एक नेशनल क्रेडिट दे दिया जाएगा…जिसका इस्तेमाल वे आईजीएसटी के भुगतान के लिए कर सकेंगे…यह व्यवस्था एक अप्रैल 2018 से शुरु होगी..हालांकि घरेलू निर्माताओं से माल खरीदने वाले निर्यातकों को 0.1 प्रतिशत की दर से जीएसटी देना होगा…

अरुण जेटली ने कहा कि जो निर्यातक जुलाई के लिए जीएसटी दे चुके हैं उन्हें 10 अक्टूबर से तथा अगस्त के लिए 18 अक्टूबर से रिफंड मिलने लगेगा…काउंसिल ने यह फैसला राजस्व सचिव हसमुख अढिया की अध्यक्षता वाला समिति की सिफारिशों पर किया है…काउंसिल ने ई-वे बिल की व्यवस्था राज्यों में एक जनवरी तथा देशभर में एक अप्रैल 2018 से लागू करने का फैसला भी किया है…

 

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