पटना Live डेस्क। पटना Live डेस्क। शौचालय घोटाले में गांधी मैदान थाने में एक नहीं, बल्कि दो एफआईआर दर्ज कराए गए थे। लेकिन थानेदार प्रियरंजन ने मामला दर्ज होने कई घन्टे बाद तक इस मामले को वरीय अधिकारियों से छुपाये रखा और जिससे दर्ज आरोपियों को फरार होने का वक्त मिल गया। उल्लेखनीय है पटना के गांधी मैदान थाना में डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के आदेश पर 3 नवंबर को घोटालेबाजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। एफआईआर में 2 सरकारी पदाधिकारियों का साथ ही 4 एनजीओ के संचालकों को नामजद अभियुक्त बनाया गया।
लेकिन थानेदार की लापरवाही से कार्यपालक अभियंता विनय कुमार समेत घोटाले के मुख्य आरोपी समेत सभी घोटालेबाज फरार हो गए। अगर समय पर एसएसपी या सिटी एसपी को मामले की जानकारी थानेदार द्वारा दी गई होती तो घोटाले में नामज़द अभियुक्तों को पकड़ा जा सकता था। अब गांधी मैदान के थानेदार की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं।
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