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BiG Breaking – (वीडियो) पूर्व मुखिया पति के अपहरण से बिफरे समर्थकों ने किया हंगामा तो मुक्त हुए अपहृत, घटना से नाराज सैकड़ो लोग थाना परिसर में मौजूद

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सुभाष चंद्रा, वरीय संवाददाता, सुपौल

पटना Live डेस्क। बिहार के सुपौल जिले में बेख़ौफ़ अपराधियों का तांडव जारी है। ताबड़तोड़ जरायम की घटनाओं ने जिलावासियों का सुख चैन छीन लिया है। दूसरी तरफ खाकी का खौफ अपराधियो से खत्म होता प्रतीत हो रहा है। बुधवार को इसकी बानगी सुबह सबेरे दिखी सदर थाना क्षेत्र मे एक युवक की गला रेत कर हत्या कर देने की घटना को अंजाम देने की खबर फैली। पुलिस इस मामले की तहकीकात में जुटी ही थी देर शाम त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र मे एक पूर्व मुखिया पति का अपराधियों ने अपहरण कर लिया। हालाकि अपहृत के परिजनों और समर्थकों के जबरदस्त आक्रोश के बाद सक्रिय हुई पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश का फलाफल रहा कि महज चंद घंटे मे ही अपहरणकर्ताओं ने अपहृत को छोड़ दिया। पुलिस अब पीड़ित मुखिया पति के बयान पर मामला दर्ज करने की कवायद जुटी है तो दूसरी तरफ घटना से नाराज सैकड़ो की संख्या में स्थानीय लोग थाना परिसर मौजूद दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग अड़े।

दरअसल बुधवार की देेेर शाम त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के थल्हा गड़िया उत्तर के पूर्व मुखिया पति वेदानन्द यादव के अपहरण कर लिए जाने की सूचना उसके परिजनो और समर्थको को मिली बड़ी संख्यां मे लोग त्रिवेणीगंज  डीएसपी आवास के सामने आकर एनएच 327 ई को जाम कर हंगामा करने लगे। पुलिस प्रशासन से अपहृत पूर्व मुखिया पति वेदानन्द यादव को अपराधियों के चंगुल से छुड़ाने की मांग करने करने लगे। इधर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने अपराधियों के अड्डो पर दबिश देते हुए दबाव बढ़ाया तो महज डेढ़ घंटे के अंदर ही अपहृत वेदानन्द को अपहरणकर्ताओं ने थलहा गांव मे एक पलार पर छोड़ दिया। तदुपरान्त पुलिस ने पूर्व मुखिया पति को बरामद कर लिया और थाने लाकर घटना के बाबत पूछताछ शुरू कर दिया। 

घटना के मूल बलात्कार कांड 

वही, इस घटना के बाबत बताया जाता है की वेदानन्द यादव का अपहरण जरैला गांव से बदमाशों ने किया था। दरअसल, विगत दिनों पंचायत क्षेत्र  में एक बलात्कार की घटना घटी थी। उक्त मामले तमाम तमाम दबाव के बावजूद वेदानन्द यादव ने पीड़िता का साथ दिया था। इसी खुन्नस से पूर्व मुखिया पति का अपहरण किया गया।इस कि तस्दीक इलाके की निवासियों और पुलिसिया सूत्रों द्वारा किए जा रहा है।

लेकिन इस कांड से जुड़े तमाम सवाल उठ खड़े हुए है। जैसे पूरा मामला क्या है? किसने कब कैसे वेदानन्द यादव को अपहृत किया ? आखिर पुलिस की दबिश कहा और कब पड़ी ? कि महज चंद घंटों में अपहृत की सकुशल रिहाई हो गई ? ऐसे तमाम वो सवाल है जो स्थानीय लोगो की जेहन में उमड घुमड़ रहे है। साथ ही क्या पुलिस द्वारा बयान दर्ज करने की प्रक्रिया के बाद घटना से जुड़े तथ्य और कांड को अंजाम देने वालो का खुलासा हो पाए। वही अबतक पुलिस द्वारा कांड के बाबत कोई जानकारी साझा नही की गई है।

 

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