बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

शर्मनाक (वीडियो) DGP साहब #Corona_Warrior गोनू तत्मा का ये अपमान नही सहेगा हिंदुस्तान

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  • जिन्हें PM तक दे रहे है सम्मान उनका हाक़िम ने किया सरेआम अपमान
  • Viral वीडियो ने बिहार की अफ़सरशाही के हनक को किया बेनकाब
  • बैरगाछी OP थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार की भूमिका पर भी उठ रहे है सवाल,
  • दावा वीडियो में खुद करवा रहे थे उठक बैठक

पटना Live डेस्क। कोरोना वायरस और भारतवासियों  के बीच दीवार बनकर खड़े अदम्य साहसी ख़ाकीवालों के सम्मान में बिहार ही नही अपितु पूरा मुल्क फूलों की बारिश कर रहा है। लेकिन बिहार के अररिया से Viral एक वीडियो ने बिहार की अफ़सरशाही की हनक को न केवल नंगा कर दिया है बल्कि आम आदमी में रोष का संचरण कर दिया है। जिन कर्मवीरों ने इस वैश्विक महामारी को पस्त करने का बीड़ा उठाया है। इनमें मुख्य रूप से #पुलिसकर्मियों और चिकित्सकों की भूमिका सबसे अहम है व अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है। इन अदम्य साहसी कर्मवीरों द्वारा अपनी जान की परवाह किये बगैर मिनिमम सुरक्षा संसाधनों के साथ आमलोगों और घातक #CoronaVirus के बीच दीवार बनकर खड़े हैं।

वर्त्तमान समय मे कोरोना वायरस के संक्रमण काल में ‘सोशल ट्रांसमिशन’ न हो इस ख़ातिर जान की परवाह किए बगैर ड्यूटी कर रहे बिहार पुलिस का हर अधिकारी और जवान न केवल ड्यूटी पर मुस्तैद है बल्कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव कार्य के लिए लगातार प्रयासरत है।

बिहारवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने ख़ातिर बिहार गृह रक्षा वाहिनी के 55 वर्षीय गोनू तत्मा भी लगातार बैरगाछी OP थाना में अपनी तैनाती के दौरान अपनी ड्यूटी कर रहे है। विगत कुछ दिनों से उनकी तैनाती बैरगाछी चौक पर हो रही है।

कोरोना वॉरियर गोनू तत्मा का सरेआम अपमान

दरअसल,सूबे में कोरोना वायरस के ‘सोशल ट्रांसमिशन’ को रोकने ख़ातिर ख़ाकीवालों की ड्यूटी चौक चौराहों पर लगाई गई है ताकि गुजरनेवाले वाहनों की चेकिंग हो सके ताकि Lockdown को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। मिले आदेश के तहत गोनू तत्मा बैरगाछी चौक पर तैनात थे। लेकिन अपनी ड्यूटी सही ढंग से निभाने की वजह 55वर्षीय सिपाही को सरेआम न केवल अपमानित होना पड़ा बल्कि की बाकायदा बावर्दी सड़क पर सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में हाकिम के पाँव छूकर माफ़ी मांगनी पड़ी बल्कि उम्र के इस पड़ाव में उठक बैठक करनी पड़ी। जबकि हाकिम की गाड़ी रोकने और सच जानने के बाद गोनू भर्राई आवाज,कांपते हाथ और लरज़ते अल्फ़ाज़ में वो हाथ जोड़े लगातार माफी मांगता रहा पर हाकिम की हनक तो महज एक होमगार्ड के रोकने से इस कदर आहत हो गई कि उन्होंने उसकी उम्र का भी लिहाज नही किया।

लॉक डाउन के दौरान बैरगाछी में तैनात गोनू तत्मा ने जब अनजाने में जिला कृषि पदाधिकारी के वाहन को रोक दिया तो साहब भड़क गये और पैर छूकर माफ़ी मंगवाया और जब इससे भी दिल नही भरा तो सरेआम दिनदहाडे उठक बैठक भी करवाया।

मामला बिहार के अररिया का है। जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार बैरगाछी चौक होकर से गुजर रहे थे। जहा पुलिस विभाग के वरीय अधिकारी के निर्देशानुसार गोनू तत्मा अपने ड्यूटी पर तैनात थे।उसने सामने से गुजर रहे वाहन को रुकवाया और lockdown का पास दिखाने को कहा तो गाड़ी की पिछली सीट पर सवार अररिया जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार भड़क गए और अपने हाक़िम होने की हनक दिखाते हुए गोनू को पहले तो जमकर हड़काया और फिर जेल भेज देने की धमकी देते हुए बावर्दी ड्यूटी पर तैनात की जमकर लानत मलानत करने लगे।

इसी बीच चौक पर तैनात दरोगा जी ने तो हद ही पर कर दिया। होमगार्ड के जवान द्वारा जिला कृषि अधिकारी के रोकने और उनके भड़काने की स्थिति को देखते हुए दरोगा जी ने आव देखा ना ताव उन्हें गोनू को। तुरंत आदेश दिया कि तुमने वरीय अधिकारी का गाड़ी रोका इससे हमारी बेइज्जती हुई है तुरंत पैर छूकर माफ़ी मांगो,आदेश का पालन करते हुए सिपाही गोनू तत्मा तुरंत पैर छूकर माफ़ी मांगा। इस दौरान मनोज कुमार दरोगा किधर बात का समर्थन करते वीडियो में देखे और सुने जा सकते है। इससे भी दारोगा जी का दिल न भरा तो उसने उठक बैठक का फरमान दिया उसे भी उस बुजुर्ग पुलिस बल ने पूरा किया।

बिहार में अफ़सरशाही की संवेदन किस कदर तमाम हदों को पार कर गई है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण आप देखिए। पूरा देश और PM मोदी जिनके अदम्य साहस और कर्तव्यनिष्ठा की मुक्त कंठ से प्रशसा कर रहे और उनके सम्मान में नतमस्तक है उनके साथ बिहार सरकार के हाक़िम ने किया सरेआम अपमानजनक व्यवहार अब देखना है क्या होता है उनके साथ सुशासन का व्यवहार ?

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