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कोरोना योद्धा : दिगंबर मंडल – जनता की सेवा के लिए ओहदे की नहीं इच्छाशक्ति की ज़रुरत

बभनगामा पंचायत के लोग भी दिगंबर मंडल के प्रयासों की सराहना करते नहीं थकते जब हमारे प्रतिनिधि ने दिगंबर मंडल के बारे में बात कि तो ग्रामीणों ने दिगंबर मंडल कि सराहना करते हुए कहा कि आज हर पंचायत को हमारे पंचायत के जैसे ही मुखिया कि ज़रूरत है।

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व्यवस्था बदल सकती है। जरूरत है ईमानदार राजनीतिक इच्छाशक्ति की! इसी ध्येय के साथ बभनगामा पंचायत (Babhnagama Panchayat) के मुखिया दिगंबर मंडल (Digambar mandal) पिछले एक दशक से जनता की सेवा में लगे हुए हैं। अपने मुखिया के कार्यकाल में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए दिगंबर मंडल (Digambar mandal ) ने बभनगामा गांव की तस्वीर बदल दी है। जहाँ एक तरफ नेता विकास की बातें केवल टीवी चैनलों और अख़बारों में करते नज़र आतें हैं वही बभनगामा गांव (Babhnagama Panchayat Mukhiya) के मुखिया मीडिया के पोस्टरबाज़ी से इतर पूरी ईमानदारी से अपने पंचायत में विकास की गाथा लिख रहे हैं।

कोरोना  योद्धा : दिगंबर मंडल

लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई पंचायती राज व्यवस्था में मुखिया का एक दायरा होता है लेकिन दिगंबर मंडल ने इस मिथक को तोडा है। इन दिनों पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रही है। इस मुश्किल दौर में भी दिगंबर मंडल (Digambar Mandal) अपने पंचायत के लोगों के लिए कोरोना योद्धा बनकर सामने आये है। हमसे बात करते हुए दिगंबर मंडल बताते है कि जब मोदी सरकार ने 22 मार्च को देश में सम्पूर्ण Lockdown लगाया था। तब जनता के लिए सरकारी इंतज़ाम नाकाफी थे। पहले से गरीबी का दंश झेल रही जनता के सामने एक बड़ा संकट आ गया था। उस परिस्तिथि में भी मैं बभनगामा पंचायत के लोगो के लिए हमेशा उपलब्ध रहा। दिगंबर बताते हैं की उन्हें आभास हो गया था कि यह महामारी भयावह रूप लेने वाली है। तब जाकर उन्होंने तत्काल तौर अपने निजी मद से पंचायत के लोगों के लिए मास्क और Sanitizer कि व्यवस्था करवाई। साथ ही घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के प्रयास में जुट गए। चूँकि सरकारी व्यवस्था के लेट लतीफी के कारण पंचायत में Sanitization की प्रक्रिया नहीं हो रही थी तो उन्होंने खुद ग्रामीणों के साथ मिलकर गाँव को Sanitize करने का काम किया। साथ ही Lockdown के दौरान अपने खेत में उपजाई गयी हरी सब्ज़ियों को भी गाँव वालों को उपलब्ध कराया। दिगंबर मंडल द्वारा कोरोना काल में ग्रामीणों के लिए किये गए अभूतपूर्व व सराहनीय प्रयास हेतु केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय से दूरभाष पर सराहना भी मिल चुकी है।

पंचायत के लोग भी दिगंबर मंडल के प्रयासों की सराहना करते नहीं थकते

बभनगामा पंचायत के लोग भी दिगंबर मंडल के प्रयासों की सराहना करते नहीं थकते जब हमारे प्रतिनिधि से दिगंबर मंडल के बारे में बात कि तो ग्रामीणों ने दिगंबर मंडल की सराहना करते हुए कहा कि आज हर पंचायत को हमारे पंचायत के जैसे ही मुखिया कि ज़रूरत है। ग्रामीणों का यह भी कहना था कि अगर लोकतंत्र में सभी जन प्रतिनिधि अगर अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करें तो देश कि तस्वीर बदल सकती है। साथ ही आस पास के गाँव वालों का भी कहना था कि एक मुखिया के तौर पर दिगम्बर मंडल अपनी जनता के चहेते हैं। अब वक़्त आ गया है कि दिगंबर मंडल को राज्य कि राजनीति में मौका मिलना चाहिए।

कौन है दिगंबर मंडल

बेहद सौम्य और मिलनसार व्यक्तित्व के मालिक दिगंबर मंडल कि पढ़ाई लिखाई बांका जिले से ही हुयी है। पेशे से व्यापारी और किसान के बेटे दिगंबर मंडल सामाजिक कार्यों में स्कूली जीवन से ही जुड़े रहे हैं। रंगमच और कला के क्षेत्र में भी दिगंबर मंडल कि खासी रुचि है। वर्तमान में दिगंबर मंडल बांका जिले के बभनगामा पंचायत के मुखिया है।दिगंबर मंडल एक ग़ैर सरकारी संस्था “माँ वैष्णवी सेवा संस्थान” का भी संचालन करते हैं। माँ वैष्णवी सेवा संस्थान खास तौर पर पर्यावरण के क्षेत्र में काम करती है। दिगंबर मंडल धार्मिक कार्यों में भी खासा रुचि रखते हैं। बभनगामा गांव में ही दिगमबर मंडल मंदिर का निर्माण करवा रहे है। साथ ही दिगंबर मंडल लायंस क्लब से भी सक्रिय तौर पर जुड़े हुए हैं। दिगंबर पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं।

बहरहाल , दिगंबर से बात करने पर उन्होंने इस का भी इशारा किया कि आने वाले विधानसभा चुनाव् में वो ताल ठोकने की तैयारी में हैं। दल के मुद्दे पर सवाल पूछने पर दिगंबर मंडल यह साफ़ नहीं किया कि वो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे ये किसी दल से।

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