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BiG News -बिहार के 5 सपूतों समेत माटी ख़ातिर 20 वीरों ने दी शहादत, वीर सपूतों को नमन

बिहार के 5 सपूतों समेत माटी ख़ातिर 20 वीरों ने दी शहादत,गम में डूबे परिजन,लेकिन नहीं भूले गर्व करना। जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा: PM मोदी

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पटना Live डेस्क।भारत-चीन (India-China) सीमा विवाद को लेकर गलवन घाटी (Galwan Valley) में हुए खूनी झड़प में बिहार के पांच जवानों ने भी अपनी शहादत दी है। आज शाम पांच बजे के बाद जवानों का शल विशेष विमान से पटना पहुंचेगा। इसका इंतजार जारी है। जवानों की शहादत पर पूरे बिहार को गर्व है। भारत-चीन सीमा पर 20 सैनिकों की शहादत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया है।

शहीद हुए जवानों में 16 बिहार रेजिमेंट के 12 जवान, 3 पंजाब रेजिमेंट के 3 जवान, 3 मीडियम रेजिमेंट के 2 जवान, 12 बिहार रेजिमेंट, 81 माउंट बिग्रेड सिग्नल कम्पनी और 81 फील्ड रेजिमेंट के 1-1-1 शामिल हैं। गलवान वैली में शहीद हुए सभी 20 जवानों के नाम सामने आ चुके हैं। पांच शहीद सैनिकों में पटना के हवलदार सुनील कुमार, भोजपुर के सिपाही चंदन कुमा, वैशाली के सिपाही जयकिशोर सिंह, समस्तीपुर के सिपाही अमन कुमार औऱ सहररसा के सिपाही कुंदन कुमार शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि देश इन शहीदों के बलिदान को हमेशा याद रखेगा। वह इस घटना से काफी मर्माहत हैैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के शहीद जवानों का अंतिम संस्कार राज्य सरकार की ओर से पुलिस सम्मान के साथ किया जाएगा।

कोशी के लाल कुंदन -पिता बोले बदला चाहिए

पूर्वी लद्दाख की गालवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के जवानों के बीच बीती सोमवार रात को हुई झड़प में बिहार के कोशी के लाल कुंदन कुमार ने भी देश की सेवा में अपनी जान दे दी। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवानों ने अपनी जान दी है।इनमें शामिल कुंदन कुमार बिहार के सहरसा जिले के बिहरा थाना क्षेत्र अंतर्गत आरन गांव के रहने वाले थे। झड़प में जान गंवाने की खबर के बाद उनके गांव में कोहराम मच गया है।उनके पूरे परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

सुनील कुमार – बिहटा

लद्दाख के गलवान घाटी में चीन से खूनी झड़प में पटना के बिहटा प्रखंड में सिकरिया पंचायत के तारानगर निवासी सुनील कुमार भी शहीद हुए हैं।शहीद 36 वर्षीय हवलदार सुनील कुमार के स्वजनों के आंसू नहीं थम रहे। पिता बासुदेव साव की किराना की दुकान है, मां रुक्मिणी देवी गृहिणी हैं। बेटे की शहादत की खबर मिलते ही मां-बाप बेसुध हो गए। उन्हें सांत्वना देने के लिए गांव के लोग पहुंच गए। भीड़ जुटी रही। शहीद का एक घर दानापुर के मैनपुरा में है, जहां पत्नी रिक्की देवी बच्चों के साथ रहती है। सुनील के दो पुत्र आयुष (11) विराट (4) एवं एक पुत्र सोनाली (13) हैं। सभी आर्मी स्कूल दानापुर में पढ़ते हैं।

चंदन कुमार- भोजपुर 

चंदन के तीन बड़े भाई भी आर्मी में हैं।शहीद जवान चंदन कुमार मूलरूप से जिले के जगदीशपुर प्रखंड के कोरा ज्ञानपूरा गांव निवासी ह्रदानंद सिंह के चौथे व सबसे छोटे बेटे हैं। देश के लिए बलिदान देने वाले चंदन कुमार की शादी पिछले मई महीने में होने वाली थी। लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनकी शादी को टाल दिया गया था। शहीद चंदन कुमार चार भाई और चार बहनों के बीच सबसे छोटे थे। चंदन के तीन बड़े भाई भी आर्मी में है, जो फिलहाल देश की रक्षा करने में लगे हुए हैं।

समस्तीपुर के लाल अमन ने दी है शहादत

भारत और चीन के बीच हुए हिंसक झड़प में समस्तीपुर ने भी अपना एक लाल खो दिया है। समस्तीपुर जिला के मोहिउद्दीन नगर प्रखंड के सुल्तानपुर गांव के रहने वाले सुधीर कुमार सिंह के पुत्र अमन कुमार सिंह (बिहार रेजीमेंट में कार्यरत) चीनी सैनिकों के साथ हुए झड़प में शहीद हो गए। अमन की शहादत की खबर परिवार वाले और ग्रामीणों को रात के लगभग 10:30 बजे मिली जब भारत चीन बॉर्डर से ही भारतीय सेना के किसी अधिकारी ने फोन करके परिजनों को यह सूचना दी।

अमन कुमार के परिवार में उनकी पीछे पत्नी मीनू देवी, पिता सुधीर कुमार सिंह, मां रेणु देवी, दो भाई और एक बहन है। परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि अमन 2014 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और उन्हें 16 बिहार रेजिमेंट में शामिल किया गया था। उन्होंने फरवरी 2019 में शादी की और इस साल फरवरी में लेह-लद्दाख क्षेत्र में तैनात थे। अमन लेह-लद्दाख में अपनी नई पोस्टिंग लेने से पहले आठ दिनों के लिए घर आए थे। अमन ने जुलाई में घर आने की बात की थी।

जयकिशोर सिंह – वैशाली

वैशाली के जय किशोर की शहादत की खबर उनके पैतृक गांव चकफतह में कोहराम मच गया। घटना की सूचना मिलते ही गाँव के लोग शहीद जय किशोर के जन्दाहा के चकफतह में सतही पैतृक आवास पर पहुँचने लगे। घटना की सूचना पर शहीद जय किशोर की माँ का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।

मालूम हो कि जयकिशोर सिंह वर्ष 2018 में भारतीय थल सेना में चुने गए थे। उनका चयन बिहार रेजीमेंट 12 वीं बटालियन में हुआ था। चयन के पश्चात बिहार रेजीमेंट दानापुर कैंप में ट्रेनिग पूरी करने के बाद उनकी पहली पोस्टिग 2019 में भारत-चीन सीमा पर पूर्वी लद्दाख में हुआ था। उनके पिता राजकपूर सिंह किसान हैं, जबकि उनके बड़े भाई नंदकिशोर सिंह भारतीय थल सेना में सिक्किम में पदस्थापित हैं। शहीद सैनिक चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। दो छोटे भाई शिवम कुमार एवं कौशल कुमार पढ़ाई कर रहे हैं। शहीद सैनिक की सबसे बड़ी बहन ममता शादीशुदा हैं। शहीद सैनिक के बड़े भाई नंदकिशोर सिंह विवाहित हैं।

शहीद के पिता राज कपूर सिंह ने बताया कि जय किशोर शुरुआत से काफी प्रतिभाशाली थे।देश के कुछ कर गुजरने की उनमे प्रबल इच्छा थी।उनके बड़े भाई नंदकिशोर भी सेना में जवान थे।जिनसे प्रेरणा लेकर ही जय किशोर भी भारतीय सेना में जाने का फैसला किया।

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