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पश्चिमोत्तानासन : पाचन क्रिया को दुरुस्त करने के लिए

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पटना Live डेस्क । अगर ध्यान दे तो आधी से ज्यादा बिमारी पाचन क्रिया में गड़बड़ी के कारण उत्पन्न हो जाती है। आज हम पश्चिमोत्तानासन की बात कर रहे जिसको करने से आपकी पाचन शक्ति बढ़ेगी और खाना न पचने, गैस, या पेट दर्द जैसी शिकायत आपको नहीं होगी। इस आसन को करने से पेट, किडनी, लिवर, पैंक्रियाज फिट और एक्टिव रहता है और यही सारे बॉडी के हिस्से खाना पचाने का काम करता है। अगर ये सारे ऑर्गन्स सही रहेंगे तभी हमारी पाचन क्रिया भी सही बनी रहेगी। इस आसन क्रिया से आपके पेट पर दबाव पड़ता है, जिसका सीधा प्रभाव पेट की चर्बी पर पड़ता है। यदि आपका पेट ज्यादा ही निकल गया है तो भी इस आसन किफायती होगा। पीठ दर्द में भी यह आसन लाभदायक है।

कैसे करें :

 

1. सबसे पहले किसी सीधे जगह पर बैठ जाएं। अपने पैरों को अपनी बॉडी के सीध में रख लें। ध्यान रहे कि पैर मजबूती से जमीन पर रखे हों।

2. अपने दोनों हाथों को उपर उठाकर सांस अंदर की ओर लेते हुए नीचे की ओर झुककर अपने फुट को छूने की कोशिश करें। हाँ, अगर आप अभी अभी शुरू कर रहें है और पैर सीधे रख कर झुकने में दिक्कत हो रही है तो अपने घुटनों को हल्का मोड़ सकते हैं क्योंकि शरीर के हिस्सों में किसी प्रकार का भी खिंचाव नहीं बनाना है।

 

3. इसी मुद्रा में दो मिनट तक स्थिर रहे। आप शरू शुरू में इसे 5 से 6 बार ही करे। बाद में इसकी अवधि को धीरे-धीरे बढ़ा लें।

विशेष ध्यान :
1. डायरिया या पीठ की चोट से पीड़ित व्यक्ति इस आसन को न करें।

2. झुकते वक़्त रीढ़ की हड्डी को सीधे में ही रखें। एवं योग क्रिया का सबसे जरूरी हिस्सा शवासन होता है, जब हम पूरी तरह आराम की मुद्रा में आ जाते हैं। सांस खींचने के साथ आपकी रीढ़ सही मुद्रा में आती है और सांस छोड़ने वक़्त पेट अंदर की ओर जाता है। तो स्वास कब अंदर की और लेना है और कब छोड़ना है , इसका ध्यान रखें।

 

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