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गोपालगंज: बाढ़ से कहीं हालात में सुधार तो कहीं स्थिति भयावह

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पटना Live डेस्क. राज्य में बाढ़ की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है और अब यह त्रासदी सूबे के 16 जिलों में फैल गई है. इस बाढ़ के चलते करीब एक करोड़ की आबादी प्रभावित है. पूरे राज्य में अबतक बाढ़ के चलते करीब 250 लोगों की मौत की खबर है. हालांकि सरकारी आंकड़े करीब 120 लोगों की मौत की पुष्टि कर रहे हैं. वहीं सीमांचल, पूर्व बिहार और कोसी क्षेत्र में अब तक 131 लोगों की मरने की सूचना है. गुरुवार को उत्तर बिहार के जिलों में 20 लोगों की मौत बाढ़ की वजह से हो गई. मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में अब तक 94 लोगों की मौत हो चुकी है.

गोपालगंज, वैशाली और छपरा में नए इलाके बाढ़ के पानी से घिरे तो कुछ प्रभावित जिलों में अब पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को गोपालगंज, बगहा, बेतिया, रक्सौल तथा मोतिहारी के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया.

गुरुवार को गोपालगंज जिले में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है. बुधवार को सिधवलिया प्रखंड के सदौवा गांव के समीप सारण मुख्य तटबंध टूटने के बाद एनएच-28 को पार कर पानी गांवों और खेतों को डुबोते हुए बढ़ रहा है. एनएच पर तीन फिट पानी से प्रशासन ने हाईवे पर वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी है.

जिला मुख्यालय का यूपी समेत आसपास के जिलों से संपर्क भंग हो गया है. जिले के 174 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. तीन लोगों की मौत भी बाढ़ से हो गई है. सारण में वाल्मिकी नगर बराज से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर है. चार प्रखंडों में बाढ़ से 18000 की आबादी प्रभावित है. बाढ़ के पानी में डूबने से जिले में दो की मौत हो गई है. सिवान में सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. वैशाली में बुधवार की शाम गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि से तटीय इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. दो सौ परिवार बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं.

 

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