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Super Exclusive (वीडियो) छपरा जेल का हाल देखिए SIT दरोगा हत्याकांड का आरोपी समेत दर्जनों कुख्यात मोबाइल कर रहे है इस्तेमाल

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पटना Live डेस्क।बिहार की जेलों का हाल कितना बेहाल है यह समय समय पर खुलासा होता रहता है। अमूमन जेले बाहुबलियों और कुख्यातो की ऐशगाह में तब्दील हो चुकी है। ये एक वो स्याह सच है जो सबको मालूम है पर हर वक्त जेल प्रशासन इसे नकारता रहता है। लेकिन एक बार फिर पटना Live को सूत्रों से लगातार मिल रही जेल में मोबाइल की सूचना उस वक्त पुख्ता हो गईं जब छपरा मंडल कारा के वार्ड संख्या-20 के कई कुख्यात बंदियों को मोबइल चलाते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इस वायरल वीडियों मे स्पष्ट दिखता है कि वार्ड में कैदी किस तरह बेखौफ होकर स्मार्टफोन और अन्य मोबाइलों का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे है। पहले आप ये वायरल वीडियो देखिए

वार्ड नंबर 20 यानी तमाम दुर्दांत अपराधी

छपरा मंडल कारा में कड़ी सुरक्षा के बावजूद जेल में बंद कुख्यात बदमाश खुलेआम स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। वो भी उन कुख्यातो वाले वार्ड संख्या 20 में धड़ल्ले से मोबाइल इस्तेमाल किया जा रहा है जिनमे शामिल है SIT दरोगा हत्याकांड का अभियुक्त रोहित सिंह समेत कुख्यात काली सिंह ,अनिल सिंह ,सुनील सिंह और नितेश सिंह जैसे दुर्दांत। वही कुख्यात काली सिंह जिले का तड़ीपार रहा है। बैंक लूट कांडों में संलिप्त तो रहा ही है साथ बेहद दुःसाहसी सुपारी किलर है। इनके द्वारा मुतमइन होकर जिस तरह मोबाइल का इस्तेमाल किया जा रहा है वो खुद ही जेल सुरक्षा की पोल खोल रहा है।

एसआइटी के दारोगा मिथिलेश हत्याकांड

उल्लेखनीय है कि 20 अगस्त 2019 को मढ़ौरा थाना क्षेत्र के स्टेट बैंक के पास एसआइटी के दारोगा मिथिलेश कुमार साह तथा सिपाही फारूक अली को अपराधियों ने गोलियों से भून डाला था। इस मामले में सुबोध सिंह मुख्य को मुख्य आरोपित करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी। वे सारण जिला परिषद के अध्यक्ष मीणा अरूण के जेठ का पुत्र है। इस मामले में मीना अरुण तथा उनके पति पूर्व मुखिया अरुण कुमार सिंह भी नामजद आरोपी हैं। मामले में नामजद अन्य सभी आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें जिला परिषद अध्यक्ष तथा उनके पति समेत कई अन्य आरोपी जमानत पर हैं । सुबोध सिंह की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण कुर्की जब्ती की भी कार्रवाई पुलिस कर चुकी है। इसी माह में पुलिस ने एसआइटी के दारोगा तथा सिपाही हत्या मामले में प्रयुक्त एके-47 बरामद किया था।

इस मामले में छपरा मंडल कारा में बंद दो आरोपियों को रिमांड पर लेकर पुलिस ने पूछताछ की थी और उनके निशानदेही पर एके-47 समेत अन्य हथियार बरामद किए गए थे। पुलिस कप्तान संतोष कुमार ने बताया कि सिपाही -दारोगा हत्या कांड में उनके द्वारा जेल में बंद विवेक कुमार सिंह एवं रोहित कुमार सिंह को रिमांड पर लिया गया था। उनसे पूछताछ के दौरान रोहित के स्वीकारोक्ति बयान पर रोहित के घर तरैया थाना क्षेत्र के गलिमापुर गांव में रेड की गई तो वहां से पुलिस की हत्या के बाद उनसे लूटी गई एके-47 एवं एक पिस्टल को भी बरामद किया जा चुका है। एसआइटी टीम को दोनों तरफ से घेरकर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिग की थी जिसमें दारोगा व सिपाही की जान गई थी।

एसआइटी के दारोगा मिथलेश कुमार एवं सिपाही फारूख 20 अगस्त की देर शाम मढ़ौरा किसी अभियुक्त की गिरफ्तारी को लेकर टीम के साथ बोलेरो वाहन से गये थे। वे जैसे ही मढ़ौरा थाना क्षेत्र स्थित एलआइसी चौक के पास पहुंचे कि अपराधियों ने उनके वाहन को ओवरटेक कर दोनों तरफ से घेर लिया और पुलिस वाहन पर ताबड़तोड़ फायरिग शुरू कर दी। उस दौरान जबतक पुलिस कुछ समझ पाती तब तक एसआइटी के दारोगा मिथलेश कुमार एवं सिपाही फारूख की मौत हो गई थी।

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