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जातीय जनगणना को लेकर तेजस्वी यादव ने केंद्र को लपेटा

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पटना Live डेस्क। जातीय जनगणना का मुद्दा बड़ा होता जा रहा है। लालू यादव के बाद अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लोकसभा में तीन दिन पहले लाए गए ओबीसी बिल पर भी तंज कसा। तेजस्वी ने 27 परसेंट आरक्षण को बढ़ाए जाने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने जातीय जनगणना को लेकर दो पेज का पत्र पीएम नरेंद मोदी को भेजा है। यह पत्र मीडिया को भी जारी किया गया है। इतना ही उन्होंने यह भी कहा कि सीएम नीतीश कुमार को पीएम नरेंद्र मोदी मिलने के लिए समय ही नहीं दे रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना बहुत जरूरी है। यह देश हित में है, लेकिन केंद्र सरकार इसे नहीं कराना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीएम की अगुवाई में कमेटी बनाई जाए। वही कमेटी पीएम से मिले। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने के लिेए सीएम नीतीश कुमार ने समय मांगा है। लेकिन अब तक पीएम ने समय नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी को जिस बिहार ने सबसे ज्यादा सीट दी है। पीएम उस राज्य को समय नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि साजिश के तहत ओबीसी बिल लाया गया। उन्होंने कहा कि सिर्फ कानून बनाने से काम नहीं चलेगा। 27 नरसेंट आरक्षण का दायरा भी सरकार बढ़ाए। उन्होंने फिर कहा कि जातीय जनगणना ही सबका निदान है।
गौरतलब है कि आज ही आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने ट्वीट कर कहा है कि जनगणना में विभिन्न पशु-पक्षियों, जीव-जंतुओं की गणना हो सकती है पर विभिन्न पिछड़ी-अतिपिछड़ी जातियों के मनुष्यों की नहीं। अगर जनगणना का उद्देश्य जन का उत्थान है तो हज़ारों जातियों की गिनती कर उन जातियों के जनों के जीवन में गुणात्मक उत्थान की बात करना कहां से गलत है? उन्होंने यह भी लिखा है कि जनगणना में पिछड़ी-अतिपिछड़ी जातियों की गणना नहीं होगी तो ऐसे आंकड़ों को जमा करने की खानापूर्ति से पिछड़ों/अतिपिछड़ों का तो भला होगा नहीं? वंचित उपेक्षित वर्गों के लिए कोरी जनगणना के आंकड़े मात्र कागज का टुकड़ा या रद्दी का ढेर ही रहेगा।

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