बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

Super Exclusive – राजीव नगर बवाल का असली गुनहगार- जिसकी गलती से 3 जेसीबी, एक पुलिस जीप जलकर खाक, सैकड़ो राउंड फायरिंग और पूरा इलाका रणक्षेत्र में हुआ तब्दील

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पटना Live डेस्क।सरकारी तन्त्र कितना लापरवाह, अदूरदर्शी और गैर जिम्मेदार हो सकता है इसकी बानगी मंगलवार को राजधानी पटना में दिखी,जब बिना किसी पूर्व सार्वजनकि सूचना और पब्लिक एड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल किये बिना बिहार आवास बोर्ड के अधिकारी जेसीबी और पुलिस के साथ राजीव नगर इलाके में अतिक्रमण हटाने जा धमके।आवास बोर्ड के इस बेहद लापरवाही भरे कदम की वजह से सैकड़ो पुलिसवालो और हज़ारों आमलोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई। अब आप सोच रहे होंगे आखिर हम ये क्यो कह रहे है ?

पुलिस और पब्लिक के इस भिड़ंत को टाला जा सकता था, लेकिन सरकारी तन्त्र की लापरवाही ने सैकड़ो ज़िन्दगियों को दाव पर लगा दिया और पूरे इलाके को रणक्षेत्र में तब्दील कर दिया।

आवास बोर्ड – घातक लापरवाही,अदूरदर्शी रवैया, गैर जिम्मेदाराना हरकत

यहा डीएम पटना के बयान के 2 टुकड़ो को उल्लेखित कारना बेहद जरूरी है। ताकि आवास बोर्ड की घातक लापरवाही समझी जा सके जिसकी वजह से जिला प्रशासन कर्मियों और पुलिस वालो से पब्लिक की भिड़ंत हुई।

डीएम पटना के बयान

डीएम संजय अग्रवाल ने बताया कि सीबीएसइ और पासपोर्ट कार्यालय की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने ख़ातिर  जिला प्रशासन और आवास बोर्ड के साथ ही पुलिस टीम कब्जा हटाने को गयी थी। दोनों सरकारी उपक्रम को कुल साढ़े 4 एकड़ जमीन अतिक्रमण मुक्त कर सौपनी थी।
सच्चाई भी यही है– यह ज़मीन सीबीएसई और पासपोर्ट कार्यालय के लिए आवंटित की गयी है। इसके लिए सीबीएसई और पासपोर्ट कार्यालय ने राशि भी जमा कर दी है। इसको लेकर 4 महीने पहले बुडको द्वारा 500 मीटर लंबा रास्ता भी टेंडर निकाल कर बनवाया गया है। पहले चरण में सीबीएसई की 2.5 एकड़ और पासपोर्ट कार्यालय की दो एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना था।

अफ़वाह ने भड़काया

इस पुलिस पब्लिक भिड़ंत के दौरान घटना स्थल पर मौजूद रहे डीएम पटना स्वयं इस तथ्य को स्वीकार करते हुए अपने बयान कुबूला की – किसी ने अफवाह उड़ा दी कि राजीव नगर की सारी जमीन को खाली कराने के लिए यह टीम आयी है। चुकी इस इलाके में हज़ारों हज़ार घर बने है। मुख्यतः मिडिल क्लास की रिहाइश वाला यह इलाका लंबे दौर से कानूनी मामले में उलझा है। पूरी ज़िंदगी की मेहनत से एक इंसान घर बनाता है और अगर वो घर उसकी नज़रों के सामने तोड़ दिया जाय तो हालात क्या होंगे इसका अन्दाज़ा लगाना मुश्किल नही है। तभी तो नामचीन शायर कश्मीर निवासी बशीर बद्र ने अपने इस दर्द को कुछ इन शब्दों में बयान किया है

उम्र गुजर जा एक घर बनाने में ….
ओ उफ्फ भी नही करते बस्तियां जलाने में ….

इस शायर ने ये दर्द आतंकी घटनाओं के संदर्भ में यह पंक्तियां लिखी है पर दर्द तो आशियाने के टूटने का ही है
इस दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस पर हमला किया. पथराव किया गया और जेसीबी मशीन के साथ ही पुलिस गाड़ी जला दी गयी।

दीघा थाना क्यो ?

बिहार की राजधानी पटना के राजीव नगर-दीघा इलाके से अवैध निर्माण ढहाने पर मंगलवार को हुए बवाल मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 25 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। इसको लेकर भी आज सुबह सबेरे सड़क जाम करने की कोशिश की गई।

अब तक कि जांच में यह बात स्पष्ट हो चुका है कि बालू माफिया ने इसी गलफत का फायदा उठाते हुए दीघा थाना क्षेत्र के पाटलिपार के लोगो को भीड़ में शामिल कराकर पूरे मामले को पुलिस के खिलाफ प्रयोजित करते हुए हालात बद से बदतर कर दिया। पुलिस ने अगर संयम नही बरता होता तो कई लाशें गिरती और पूरा मामला राजनीतिक रूप धारण कर लेता।

 

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