पटना Live डेस्क. शायद राजनीति इसी को कहते हैं..जबतक आप आलाकमान की नजरों में प्रत्यक्ष तौर पर पार्टी को फायदा पहुंचाते रहेंगे..तबतक आपके उपर उनकी नजरें इनायत रहेंगी.. आप उनकी नजरों में बने रहेंगे…प्यादे से वजीर तक का सफर आप कब पूरा कर लेंगे यह आपको भी पता नहीं चलेगा….लेकिन जैसे ही आलाकमान की नजरों से उतरे.. तो कब आप वजीर से प्यादे बन जाएंगे और खेल से रुखसत हो जाएंगे इसका इल्म आपको पद के जाने के बाद चलेगा…बिहार प्रदेश कांग्रेस की हालत इन दिनों यही है..पार्टी टूट की कगार पर है..कब कितने एमएलए पाला बदल लें यह किसी को नहीं पता..मौके की नजाकत देख केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय हुआ है..प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी और वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह को सोनिया ने तलब किया…तो विधायकों को राहुल गांधी ने..सबसे चर्चा हुई..लेकिन पार्टी एकजुट रहेगी कि नहीं यह कांग्रेस आलाकामान को भी नहीं पता..इस बीच सारा आरोप प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी पर डालने की कोशिश हो रही है…जब उनसे सवाल पूछा गया..तो कैमरे के सामने ही अशोक चौधरी की आंखों में आंसू आ गए…दिल से टूट गए..आंसुओं ने गला भर दिया.. दिल का गुबार निकला..दर्द भी निकला..भड़ास भी निकाली…और साजिश की आशंका जतायी… नहीं छुपने वाले दर्द को छुपाते अशोक चौधरी ने कहा..बड़ी मेहनत से पार्टी को पटरी पर लाए…चार साल इतनी मेहनत की लेकिन फल क्या मिला…यह सच है कि जब दिल की पीड़ा जुबां पर आती है..तो आंखों से आंसू बहते ही हैं..दर्द निकलता ही है…गला भरता ही है…. दर्द छुपाते अशोक चौधरी ने एक खुलासा भी कर डाला..कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटि के बड़े नेता ही इस सारे खेल को खेल रहे हैं…साजिशों की आशंका के बीच अशोक चौधरी ने कहा कि कुछ बड़े नेता अपने चहेतों को बिहार में पार्टी का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं…चौधरी ने कहा कि पार्टी को मेरी वफादारी पर कोई शंका नहीं है… लेकिन दिल्ली में बैठे कुछ सीनियर नेता मुझे पद से हटाने के लिये सारा खेल रच रहे हैं… मैंने पूरे चार साल बिहार में पार्टी को खड़ा करने में लगाया है….हालांकि इस बीच अशोक चौधरी ने पार्टी को पूरी तरह एकजुट बताया और किसी भी टूट की आशंका से इऩकार किया…
कहते हैं कि आंसु दिल की जुबां होते हैं…सो शायद अशोक चौधरी को इस बात की जानकारी है कि प्रदेश कांग्रेस में अब उनके दिन बचे-कुचे ही हैं… चौधरी जी इसी को तो सियासत कहते हैं..आपने जिंदगी कांग्रेस में लगा दी..जबतक आप फल देने वाले थे तबतक आप पार्टी के चहेते थे…अब सूबे में महागठबंधन टूटा..कांग्रेस जहां पहले थी वहीं फिर से आ गयी.. लड़ाई हुई जेडीयू और राजद के बीच लेकिन सजा मिल गई आफको..हां इस बार तो 27 हैं लेकिन अगली बार कितने रहेंगे..इसका अंदाजा तो अब आने वाला समय ही बताएगा…
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