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आदित्य हत्याकांड में रॉकी के बचने की तमाम कोशिशें हो गईं थी सफल लेकिन साइंटिफिक जांच ने रॉकी की उम्मीदों पर फेरा पानी

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पटना Live डेस्क. आदित्य सचदेवा की हत्या का दोषी रॉकी यादव ने बचने की तमाम कोशिश कर ली थी..आदित्य की हत्या में मौके पर मौजूद उसके चारों दोस्त रॉकी और उसके परिवार की हैसियत देखकर मुकर गए थे..खुद रॉकी यादव ने आदित्य की हत्या से साफ इनकार कर दिया था..लेकिन अपराध करने वाला कितना भी शातिर क्यों न हो..लाश खुद बता देती है कि उसका हत्यारा कौन है…बस जरुरत होती है सही जांच की…

आदित्य मर्डर केस में यही हुआ, कोर्ट फिर गवाही, फिर सुबूत तमाम तरह की जांच के बाद आखिरकार अपराधी कानून के शिकंजे से बच ना सका और तमाम गवाहों के बयान के बाद इस केस में कोर्ट ने रॉकी यादव सहित चार लोगों को दोषी करार दिया…

आदित्य सचदेवा अपने दोस्तों के संग घूमने गया से बोधगया जा रहा था.. रास्ते में उसने दबंग बिंदी यादव और जदयू की एमएलसी रही मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव की लैंड रोवर कार को साइड नहीं दी थी.. इस बात से रॉकी इतना गुस्सा हुआ कि उसने अपना लाइसेंसी पिस्टल निकाला और आदित्य के सिर में गोली मार दी..

हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद रॉकी यादव अपने साथियों के साथ मौके से भाग गया था.. आदित्य के साथ उसके चार दोस्त थे.. सबने देखा था कि गोली किसने चलाई, लेकिन डर के मारे वे गवाही के दौरान मुकर गए…गवाह भले ही डर के मारे मुकर गए, लेकिन पुलिस हर हाल में आदित्य के हत्यारे को सजा दिलाना चाहती थी.. ऐसे में साइंटिफिक इनवेस्टीगेशन काम आई.. फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री की टीम ने घटना स्थल से सबूत जमा किए.. आदित्य के सिर से गोली मिली थी.. इसके साथ ही पुलिस ने रॉकी की पिस्टल भी बरामद कर ली थी.. फॉरेंसिक साइंटिस्ट ने जांच कर बताया कि आदित्य के सिर में जो गोली मारी गई थी वह रॉकी के पिस्टल से चली थी.. यह रिपोर्ट उसे सजा दिलवाने में बहुत काम आई…

 

 

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