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Exclusive – लालू जी एक नबर के घमंडी हैं। एक पाँव जेल में दूसरा पाँव कब्र में,हमे सिर्फ चारा का पता था, लारा का तो अब पता चला है- बोले आरसीपी सिंह

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पटना Live डेस्क। सूबे में महागठबन्धन की सरकार के पतन के बाद राजद और जदयू के बीच “ऑलआउट वार” शुरू हो गया है। लालू कुनबे और लालू जी एक नंबर हैं। एक पाँव जेल में दूसरा पाँव कब्र में,हमे सिर्फ चारा का पता था, लारा का तो अब पता चला है- बोले आरसीपी सिंह दल के बीच एक दूसरे की पोल खोलने और दोषारोपण की मुहिम चरम पर है।

इसी कड़ी में नीतीश के बेहद खासमखास  और पूर्व नौकरशाह  जेडीयू में नम्बर दो की हैसियत रखने वाले आरसीपी सिंह पर जबरदस्त हमला करते हुए  लालू प्रसाद ने मंगलवार को अपने प्रेस कांफ्रेंस में आरसीपी सिंह को मुख्यमंत्री का कलेक्शन एजेंट बताया था। साथ ही उन्हें दागी अफसर भी कहा था।
इस पर पलटवार करते हुए आरसीपी सिंह ने लालू यादव लालू यादव के बयान के बाद आरसीपी ने भी लालू के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि लालू जी एक नम्बर के घमंडी हैं। एक पाव जेल में दूसरा पाँव कब्र में।
वही लालू के आरोप जिसमे उन्होंने आरसीपी द्वारा तबादला में पैसे का लेन-देन की बात कही थी इस बाबत उनका कहना रहा कि लालू जी द्वारा यह आरोप भी मुझ पर सरासर झूठा है। आरसीपी ने को लालू को हताश और निराश बताया है। लालू यादव को पता नहीं है कि बिहार में आपवाद है तुमवाद नही चलता है। साथ उनका कहना रहा कि क्या कोई मुख्यमंत्री को तुम कहकर बोलता है।लालू यादव ने अपनी मर्यादा खो दी है। मुझे नीतीश कुमार के नाक का बाल कहते हैं लालू यादव।

लालू यादव को दी चुनौती

 

वही तबादले और पैसे लेने के आरोप को नकारते हुए आरसीपी ने लालू को चुनौती देते हुए कहा कि वो किसी डीजीपी या किसी अधिकारी का नाम बताए जिसे मैंने फोन किया है या किया था। साथ ही उन्होंने यह तक दावा किया कि लालू एक आदमी को सामने लाये और कहलवाए कि मैंने पैसा लिया। मैं खुद इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट में था। अगर मैं भूमिगत होता फिर भी इनकम टैक्स का छापा मुझपर पड़ता। लालू यादव बताएं कि कब ललन सराफा के घर इन्कम टैक्स का रेड पड़ा।

लालू यादव की वजह से लिया वीआरएस

लालू यादव को पता है मैं 20 साल से नीतीश कुमार के साथ हूँ। वही लालू यादव वर्ष 2005 से लालू यादव मेरे पीछे पड़े हैं। लालू यादव के कारण ही मैंने वक्त से पूर्व वालेंटरी रिटायरमेंट स्किम यानी वीआरएस के तहत नौकरी छोड़ी थी। लालू यादव खुद कहते थे बहुत अच्छा काम चल रहा है।लालू यादव खुद प्रशासनिक अधिकारियों को फोन करते थे।

चोर के दाढ़ी में तिनका

 

लालू यादव पर ही तबादला का खेल खेलने का आरोप चस्पा करते हुए आरसीपी ने कहा कि लालू यादव फोन सामाजिक कार्य के लिए नहीं बल्कि ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए करते थे। वही सूबे में जारी पूर्ण शराबबंदी का उपहास उड़ाते हुए लालू के बयान का भी जवाब देते हुए आरसीपी ने कहा कि -लालू यादव को कैसे पता था कि शराब की होम डिलीवरी होती है? यदि होम डिलीवरी होती थी तो लालू बताएं उनके घर या उनके जानने वाले के घर होम डिलीवरी होती थी क्या?

लालू के साथ जाना क्या राजनीतिक भूल थी ?

इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसका जवाब नीतीश बाबू ने दिया था। नीतीश को महागठबंधन का नेता बनाया गया था। नीतीश लौट के पटना आ गए थे। उस समय की परिस्थिति और उनके ऑफर के कारण जदयू उनके साथ गई थी। नीतीश कुमार के डिक्शनरी में गिड़गिड़ाना नहीं है।

लालू यादव के सामने गिड़गिड़ाएंगे नीतीश ?

लालू यादव के सामने कभी नीतीश गिड़गिड़ा नहीं सकते। लालू यादव खुद किनके सामने गिड़गिराये, वे बताएं।।आरसीपी सिंह ने ये भी कहा कि लालू यादव खुद लफाजराम हैं,वे क्या किसी को पलटू कहेंगे। जब हम लालू यादव के साथ गए थे हमें सिर्फ चारा का पता था। लारा का पता तो अब चला।

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