BiG News (वीडियो) रवि गोप हत्याकांड में एसआईटी को मिली सफलता, साज़िश का हुआ खुलासा हॉस्टल संचालक गिरफ़्तार, उजली अपाची बरामद, शूटर और अन्य की ख़ातिर छापेमारी जारी
शशि यादव, ब्यूरो कोर्डिनेटर, पटना
#कुख्यात शंकर राय ने सुपारी देकर कराइ रवि गोप की हत्या, ज़मीन कारोबार बनी वजह
#रेकी ख़ातिर इस्तेमाल उजली अपाची बाइक जिसपर 3 लड़के सवार थे हुई बरामद
#एसआईटी द्वारा गिरफ्तार हॉस्टल संचालक मूल रूप से सिवान का रहने वाला है।
#भोला राय नामक अपराधी चला रहा था बाइक और सिप्पू ने दागी गोलियां
पटना Live डेस्क। राजधानी पटना में बीते 27 मई की अहले सुबह मॉर्निंग वॉक कर लौट रहे रवि गोप हत्याकांड में एसएसपी पटना द्वारा गठित एसआईटी (special investigation team) को अहम सफलता मिली है। एसआईटी ने न केवल हत्या की साज़िश में शामिल रहे हॉस्टल संचालक को धर दबोचा है बल्कि दरसअल 19 मामलों के नामज़द अभियुक्त रहे रवि की हत्या की वजह और साज़िश पर से भी पर्दा उठा दिया है। दरसअल रवि की हत्या एक विवादित ज़मीन पर दो गिरोहों के बीच कब्जे की होड़ का नतीजा है। गिरफ़्तार आदित्य मूल रूप से सिवान का रहने वाला है जो पटना के बुद्धा कालोनी स्थित सांई गली में एक हॉस्टल चलाता है। इसी हॉस्टल में रवि की मौत की स्क्रिप्ट लिखी गई है। हॉस्टल संचालक की गिरफ्तारी के बाद अब एसआईटी शूटर सिप्पू सहित दो और अपराधियों की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। वही मिली जानकारी के अनुसार एसआईटी कभी भी इनके गिरेबान तक पहुच जाएगी। पूरा मामला पढ़ने ख़ातिर क्लिक करे
राजधानी के पॉश इलाके में सोमवार सुबह सबेरे मार डाले गए कुख्यात रवि गोप हत्याकांड की जांच ख़ातिर गठित एसआईटी ने सर्वप्रथम घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी को खंगाला तो एक उजले रंग की अपाची बाइक पर 3 लड़के इलाके में हत्या से पहले और बाद में मंडराते हुए दिखाई दिए। इस अहम कड़ी को चिन्हित करने के बाद जब चकराम इलाके में उक्त लड़को के घरों पर छापेमारी की गई तो सभी घर से फरार मिले। फिर क्या था कड़ी से कड़ी जोड़ने ख़ातिर एसआईटी ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर हॉस्टल संचालक आदित्य कुमार को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की तो शुरू में वो अंजान बनने की एक्टिंग करता रहा। पर जब एसआईटी ने उसके मोबाइल लोकेशन की डिटेल्स सामने रखी और बातचीत का डेटा देते हुए घटना के कुछ दिन पहले से लगातार सभी चिन्हित आरोपियों का लोकेशन एक साथ होने का प्रमाण दिया तो वो टूट गया।
फिर क्या था मूल रूप से सिवान का रहने वाला आदित्य तोतें की तरह रवि गोप की हत्या की गुत्थी के तमाम सवालों से एसआईटी को अवगत कराने लगा। यानी रवि गोप की हत्या में शामिल शातिरों के नाम समेत पूरी साजिश से पर्दा उठा दिया।
ज़मीन कब्जे की जंग में ढेर हुआ रवि गोप
दरअसल, बुद्धा कॉलोनी की एक विवादित ज़मीन पर कब्जे की जंग की भेंट चढ़ गया रवि गोप। रवि गोप भी जरायम की दुनिया का एक बेहद दबंग शख्स था। इलाके में इसका भी दबदबा था। वही दूसरी तरफ पटना पुलिस की नज़रों में 11 वर्षों से फरार कुख्यात शंकर राय भी इलाके का नामचीन रंगबाज और हिस्ट्रीशीटर है। विगत 3 महीने पहले जेल से बेल पर बाहर आने के बाद रवि गोप ने ज़मीन के कारोबार में हाथ डाल दिया था। जबकि शंकर राय लंबे समय से शहर में ज़मीन के कारोबार में मुतमइन है। विवादित ज़मीन को औने पौने दाम पर खरीद कर उसपर कब्जा कर मोटी कमाई करता चला आ रहा है। शंकर राय की मुसीबत उसवक्त बढ़ने लगी जब रवि गोप जेल से बाहर आकर ज़मीन के कारोबार में कूद पड़ा।
चुकी शंकर राय लंबे समय से ज़मीन के कारोबार में शामिल है और काफी पैसा उसने विवादित ज़मीनों को ख़रीदने में लगा रखा है। पर रवि गोप ने उन तमाम ज़मीनों पर पेच फसाकर शंकर राय के काम मे अड़ंगा लगा देता और फिर बाद में मोटी रकम हिस्सेदारी के तौर लेता था। शुरुआती दौर में तो 2-3 बार शंकर ने पैसे देकर रवि गोप से समझौता कर लिया। जिसका फलाफल ये हुआ कि रवि गोप का मनोबल बढ़ता चला गया। अब तो जिस भी जमीन पर शंकर राय हाथ डालता रवि गोप अड़ंगा खड़ा कर हिस्सेदारी मांगने लगता था। इसी बीच बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र में दशकों से विवादित एक बड़े भूखंड ख़ातिर शंकर राय ने मोटी रकम खर्च कर उसका एग्रीमेंट अपने नाम कराया। इसकी जानकारी जब रवि गोप को हुई उसने भी मोटी रकम उगाहने की नीयत से उक्त ज़मीन में अड़ंगा लगा दिया। लेकिन बार बार के रवि गोप की अड़ंगेबाजी से आज़िज़ शंकर राय ने इस बार खुद और धंंधे मेंं मुसीबत बन चुके रवि गोप का किस्सा ही खत्म करने का मन बना लिया। उसने ठान लिया कि रवि गोप को हिस्सा देने की बजाए उन्ही पैसो से उसे परलोक भेज अपने रास्ते से सदा के लिए हटा देगा। एक बार जब शंकर राय ने फैसला कर लिया तो बस कर लिया। फिर क्या था पर्दे के पीछे से शंकर ने पूर्व परिचित अपराधी भोला राय को मोटी रकम के बदले रवि गोप की हत्या की सुपारी दे दी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शंकर राय ने एडवांस के तौर पर ढाई लाख रुपये भी भोला को दे दिए। यानी रवि के मौत के परवाने पर नोटों की दमदार कलम से हस्ताक्षर कर दिया।
हॉस्टल में रची गई कत्ल की साज़िश
रवि गोप की हत्या की सुपारी लेने के बाद भोला ने अपने शागिर्द सिप्पू को प्लान में शामिल कर लिया। रवि गोप भी कोई मामूली अपराधी तो था नही, उसकी सच्चाई से भोला भी अवगत था। फिर क्या था बुद्धा कॉलोनी स्थित साई गली में हॉस्टल चलाने वाले अपने परिचित आदित्य के यहाँ सिप्पू और भोला ने बैठकर पूरी बारीकी से रवि को टपकाने और फिर सुरक्षीत फरार होने की प्लानिंग की। इसके तहत रवि की दिनचर्या को जानने ख़ातिर उसके मोहल्ले के ही 3 लड़कों को लगाया गया। तीनो लड़को ने कई दिनों तक रेकी करने के बाद बताया कि रवि रीढ़ की तकलीफ से पीड़ित है और डॉक्टर की सलाह पर अहले सुबह मॉर्निंग वॉक करने निकलता है। इस वक्त वो बिल्कुल अकेला होता है और सड़क पर भी इक्का दुक्का लोग ही होते है।
कत्ल से एक रोज़ पहले यानी रविवार को
मिली जानकारी को पुख्ता करने ख़ातिर ब्लैक कलर की पल्सर पर सवार होकर भोला और सिप्पू रवि गोप के मॉर्निंग वॉक के तय समय पर पहुचे। दरअसल, जेल से बेल पर बाहर निकला रवि गोप कई बीमारियों से जूझ रहा था। इसलिए वह रोज सुबह मॉर्निंग वॉक करता था।उसके पिता मोती राय श्रीकृष्णानगर पार्क में गार्ड की नौकरी करते हैं। इसीलिए रवि श्रीकृष्णनगर पार्क में रोज मॉर्निंग वाक करने जाता था। दोनो ने रवि के मॉर्निंग वॉक के आने जाने वाले रास्ते की ढंग से रेकी की और फरार होने के तमाम रास्ते देखे और उस जगह का चयन भी कर लिया जहाँ कांड कर फरार होने आसान रहता। रेकी के दौरान दोनो काफी देर तक बाइक पर सवार होकर इलाके में मंडराते रहे।
27 मई सोमवार वक्त 5 बजकर 45 मिनट
सोमवार को साज़िश से अनजान रवि गोप नियत समय पर घर से निकला और टहलते हुए रोज़ की भांति श्रीकृष्ण नगर पार्क पहुचा और कुछ देर पार्क में टहलने के बाद वह बाहर निकल गया। फिर पूरी बेफिक्री से कीदवईपुरी वाली सड़क पर टहलते हुुुए घर की दिशा में बढ़ने लगा।लेकिन रवि गोप को क्या मालूम था कि उसके आसपास 6 जोड़ी आंखे लगातार पल पल और हर पल उसपर गिद्ध दृष्टि जमाये थी। अपनी दिनचर्या के मानिंद रवि गोप टहलते हुए जैसे किदवईपुरी के जयकुंज अपार्टमेंट के पास पहुचा और घड़ी ने जैसे ही 5 बजकर 45 मिनट का वक्त बताया ठीक उसी वक्त मौके के इंतजार में पूर्व से घात लगाए इंतजार कर रहे भोला राय और सिप्पू अचानक सामने से रवि की ओर लपके और जैसे ही रवि के नजदीक पहुंचे सिप्पू ने आव देखा न ताव ताबड़तोड़ गोलियां दाग दी। दो गोली सीने में, एक पजरा मे और एक गोली सिर में लगते ही हत्या, लूट, रंगदारी के 19 कांडों में चार्जशीटेड कुख्यात रवि गोप जो बुद्धा कॉलोनी और कोतवाली पुलिस के लिए भी बड़ा सिरदर्द रहा था औंधे मुंह सड़क पर गिर पड़ा और 19 वर्षो के आतंक की कहानी महज क्षण भर में खत्म हो गई।
रवि की मौत का जश्न
अहले सुबह अपने टारगेट को हीट करने के बाद भोला राय और सिप्पू सीधे आदित्य के हॉस्टल पहुचे और डेरा जमा दिया। इस बीच लगातार हालात के बाबत जानकारी लेते रहे। फिर सबकुछ शांत होने के बाद लगभग साढ़े पांच घंटे बाद 11 बजे के आसपास भोला और सिप्पू साथ साथ निकले और शहर की भीड़ में शामिल हो गए। कांड को अंजाम देने में मिली सफलता का जश्न भी हुआ। दुश्मन के मौत की महफ़िल में कुख्यात शंकर राय भी शामिल हुआ था जो शहर के एक बेहद चर्चित अपार्टमेंट में आयोजित किया गया था।
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