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भागलपुर: बटेश्वर बांध टूटने को लेकर जल संसाधन विभाग और एनटीपीसी आमने-सामने,एक दूसरे पर लगाए आरोप

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पटना Live डेस्क. बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर परियोजना के नहर की दीवार टूटने के बाद अब जल संसाधन विभाग और एनटीपीसी दोनों आमने-सामने है…जल संसाधन विभाग यह आरोप लगा रहा है कि एनटीपीसी के अंडर पास बनाए जाने से नहर की दीवार कमजोर हो गई..विभाग ने यह आरोप लगाया कि एनटीपीसी ने इस बात को लेकर अनुमति नहीं ली..वहीं एनटीपीसी का कहना है कि विभाग से एनओसी लेकर ही अंडरपास का निर्माण कराया गया था…जल संसाधन विभाग का कहना है कि जहां दीवार क्षतिग्रस्त हुई है वहां एनटीपीसी ने अंडरपास बनाने को लेकर तकनीकी सपोर्ट नहीं दिया..जिसकी वजह से नहर टूट गई…इसमें विंग वॉल एवं रिटर्न वॉल का प्रावधान नहीं किया गया जिससे नहर टूटी… प्रारंभिक जांच में यह बात भी सामने आयी है कि एनटीपीसी ने अंडरपास बनाने के लिए जल संसाधन विभाग से अनुमति ही नहीं ली थी…एनटीपीसी ने बगैर एनओसी के ही पूरी संरचना खड़ी कर ली थी.. साल 2005 में जल संसाधन विभाग ने इसका विरोध किया था..विभाग की ओर से तत्कालीन डीजीएम ए. कुजूर को पत्र लिखा गया था.. जल संसाधन विभाग ने इस अंडरपास को मिट्टी से भरने की योजना बनायी, लेकिन एनटीपीसी के अधिकारियों ने उस समय उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.. विभाग ने एनटीपीसी से इस टनेल के ऊपर दीवार बनाने का भी अनुरोध किया.. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.. इस नहर का निर्माण 1985 में किया गया जबकि एनटीपीसी ने 1995 में नहर के नीचे वहीं पर सुरंग बनाकर नाला का निर्माण करा लिया…

उधर, एनटीपीसी प्रबंधन ने जल संसाधन विभाग द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है.. एनटीपीसी का कहना है कि विभाग से एनओसी मिलने के बाद ही अंडरपास बनाया गया था.. नहर की दीवार कमजोर थी, इसलिए टूटी.. अंडरपास पुल का निर्माण सभी विंग व रिटर्निंग वॉल के साथ ही कराया गया है…

एनटीपीसी आवासीय परिसर के पास गंगा पम्प नहर परियोजना की टूटी दीवार को जल संसाधन विभाग ने स्टोन डस्ट से भर दिया है.. हालांकि पुल के नीचे भसकर आए नहर के मलवे को गुरुवार को भी नहीं हटाया जा सका। इससे आमलोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है…

 

 

 

 

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