पटना Live डेस्क। जाति आधारित जनगणना का मामला बिहार में तूल पकड़ता जा रहा है। RJD और JDU तो इसके पक्ष में थे ही अब HAM भी समर्थन में है। जब से सरकार ने संसद में कहा है कि इस बार जनगणना में केवल अनुसूचित जाति और जनजाति की गिनती की जाएगी तबसे बिहार में ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और एनडीए के सहयोगी जीतनराम मांझी ने 2021 की जनगणना में जाति आधारित गिनती भी करने की मांग की है। मांझी ने जातिगत जनगणना के समर्थन में ट्वीट करते हुए कहा, “जब देश में सांप, बाघ, बकरी की जनगणना हो सकती है तो फिर जातियों की क्यों नहीं? देश के विकास के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है। पता तो लगे कि किसकी कितनी आबादी है और उसे सत्ता में कितनी भागीगारी मिली।”
जब देश में सांप,बाघ,बकरी की जनगणना हो सकती है तो फिर जातियों की क्यों नहीं?
देश के विकास के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है।
पता तो लगे कि किसकी कितनी आबादी है और उसे सत्ता में कितनी भागीगारी मिली।— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) July 24, 2021
जीतनराम मांझी के ट्वीट के पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी ट्वीट करके जातिगत जनगणना की मांग की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। बिहार विधान मंडल ने दिनांक 18।02।19 एवं पुनः बिहार विधानसभा ने दिनांक 27।02।20 को सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था तथा इसे केंद्र सरकार को भेजा गया था। केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए।”
Comments are closed.