बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

शरद यादव की नाराजगी पर नीतीश कुमार ने ये दिया जवाब

132

पटना Live डेस्क. बिहार में बीजेपी के साथ नीतीश कुमार के सरकार बनाने को लेकर शरद यादव नाराज हैं. कुछ दिनों तक चुप रहने के बाद सोमवार को शरद यादव ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी और कहा कि वो महागठबंधन टूटने से खुश नहीं हैं. विपक्ष के तमाम बड़े नेता उनसे मिल चुके हैं और मिलने का सिलसिला जारी है. सारे लोग शरद यादव को अपने पाले में लाने को लेकर बेचैन हैं. कोई उऩ्हें सामाजिक न्याय का चैंपियन बता रहा है तो कोई उन्हें विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए पहल करने का आग्रह कर रहा है. शरद यादव यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर करें तो क्या करें. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन कर उनसे महागठबंधन टूटने और बीजेपी के साथ गठबंधन कायम करने के बारे में बात भी की है. लेकिन शरद यादव के रुख में फिलहाल कोई नरमी नहीं आयी है. नीतीश कुमार ने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरा यह साफ कर दिया कि जेडीयू एक क्षेत्रीय पार्टी है और इसकी भूमिका बिहार तक ही सीमित है. इशारों ही इशारों में नीतीश कुमार ने शरद यादव को यह मैसेज देने की कोशिश की कि वर्तमान दौर में जेडीयू की सहभागिता राष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा नहीं है. लेकिन शरद यादव की नाराजगी कायम है. उऩका आरोप है कि नीतीश कुमार ने बिहार में इतना बड़ा फैसला लेने से पहले उनसे बात नहीं की. जाहिर है शरद यादव जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं ऐसे में उनकी नारजगी भी स्वाभाविक है. लेकिन विपक्षी नेताओं से उनकी मुलाकात औऱ खुले तौर पर नीतीश कुमार के फैसले के खिलाफ बयानबाजी कहीं न कहीं पार्टी और नीतीश कुमार को असहज कर रही है. अब जब शरद यादव ने कुछ दिनों तक चुप रहने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी तो नीतीश कुमार ने भी अपनी राय साफ तरीके से जाहिर कर दी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि जिनके  मन में जो भी सवाल हैं वो पार्टी फोरम पर उठाएं. बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद जदयू की पहली कार्यकारिणी की बैठक 19 अगस्त को पटना में होगी. सीएम नीतीश ने कहा कि वे कोई भी फैसला लेने से पहले ये जरूर सोचते हैं कि पार्टी हित में क्या है. उन्होंने ये भी कहा कि लालू यादव के साथ गठबंधन तोड़ने और बीजेपी के साथ सरकार बनाने से पहले सारी बातें शरद यादव को बता दिया गया था. शरद यादव की नाराजगी पर नीतीश कुमार ने कहा कि उम्मीद है कि चीजें अपने आप दुरुस्त हो जाएंगी. जदयू की बिहार इकाई महत्वपूर्ण है और यह निर्णय मेरी उपस्थिति में लिया गया. यदि किसी को तकलीफ है तो पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अपनी बात रख सकता है. माना जाता है कि नीतीश कुमार ने इशारों-इशारों में पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव को यह जताने की कोशिश की है उन्होंने फैसला पार्टी के हित में लिया है.

Comments are closed.