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बिहार पंचायत चुनाव का प्रस्ताव लीक, पदाधिकारियों ने साधी चुप्पी, मचा हड़कंप

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पटना Live डेस्क। पंचायत चुनाव कराने की अनुशंसा राज्य निर्वाचन आयोग ने की थी। इससे संबधित पत्र निर्वाचन आयोग ने पंचायती राज विभाग को भेजा था। पत्र के अनुसार 10 चरणों में चुनाव कराने की अनुशंसा की गयी थी। चुनाव की संभावित तारीख भी दी गयी थी, लेकिन प्रस्ताव वाला यह पत्र मीडिया में लीक हो गया। इससे सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया है। खासकर पंचायती राज विभाग सकते में है।
सूत्रों के अनुसार, राज्य निर्वाचन आयोग से पंचायती राज विभाग को भेजा गया प्रस्ताव लीक होने के मामले में पंचायती राज विभाग ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि, इस पर विभागीय पदाधिकारी कुछ भी बोलना नहीं चाह रहे हैं। जांच की जा रही है कि आखिर निर्वाचन आयोग का पत्र किस स्तर से लीक हुआ है। सरकार से मंजूरी मिलने के पहले ही सार्वजनिक हुए इस प्रस्ताव वाले पत्र से चुनावी तारीखों के ऐलान में परेशानी बढ़ गई है। सूत्रों की मानें तो राज्य निर्वाचन आयोग को अब नयी तारीख के साथ नया प्रस्ताव तैयार करना होगा।
दरअसल, राज्य राज्य निर्वाचन आयोग ने 3 अगस्त को चुनाव से संबधित प्रस्ताव तैयार कर पंचायती राज विभाग को भेजा था। इस प्रस्ताव में 10 चरणों में चुनाव कराने की बात कही गई थी। इसमें 20 सितंबर से 25 नबंबर के बीच चुनाव संपन्न कराए जाने की बात है। इस प्रस्ताव को बिहार कैबिनेट के सामने रखा जाना था, लेकिन इससे पहले ही यह लीक हो गया।
सूत्रों के अनुसार, कंफिडेंशियल पत्र के लीक होने के बाद पंचायती राज विभाग की भी परेशानी बढ़ गई है। अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। पंचायती राज विभाग की ओर से इसकी जांच शुरू कर दी गई है। यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर यह किस स्तर से लीक हुआ है? इस मामले में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। बहरहाल, मतदान की तिथि बदलेगी या नहीं, इस पर अधिकृत रूप से कोई बोलना नहीं चाह रहे हैं। लेकिन सूत्रों की मानें तो चुनाव की तिथि में फेरबदल हो सकती है।

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