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बिहार में जूनियर डॉक्टरों ने किया हड़ताल, बैठे धरने पर

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पटना Live डेस्क। बिहार के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्ता चरमरा गयी है। पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच, दरभंगा डीएमसीएच समेत कई सरकारी अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया है। सुबह 10 बजे से ही इन सभी ने हड़ताल कर दिया है। जिससे इन अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्ता चरमरा गयी है। ओपीडी और इमरजेंसी सेवा बाधित हो गयी है। अस्पतालों में इलाज के लिए दूर दराज से आए लोग काफी निराश है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण हाहाकार मचा हुआ है। जूनियर डॉक्टरों ने साफ कहा है इस बार आर-पार की लड़ाई होगी जब तक मांगें पूरी नहीं होती है तब तक कोई भी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर ड्यूटी पर वापस नहीं लौटेंगे।
बताया जा रहा है कि 2016 बैच के मेडिकल के छात्र सरकार के वादाखिलाफी से खासा नाराज है। इनकी माने तो 2013 से ही स्टाइपेंड में बढ़ोतरी नहीं की गयी है। जबकि सरकार ने हर तीन साल पर बढ़ाने का वादा किया था। लेकिन अभी तक एकबार भी नहीं बढ़ाया गया है। आज से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। सुबह 10 बजे से पीएमसीएच समेत सभी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है। जिससे ओपीडी में मरीजों की परेशानी बढ़ गई है वहीं इमरजेंसी वार्ड में भी सीनियर डॉक्टरों पर दवाब बढ़ गया है।
जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि पिछले 2013 से इंटर्न को महज 15 हजार स्टाइपेंड मिलता आ रहा है। जबकि कई बार मांग पत्र देने और आंदोलन के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्टाइपेंड बढ़ोतरी को लेकर आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन 8 साल बाद भी स्टाइपेंड में बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऐसे में अब काम कर पाना मुश्किल है। जूनियर डॉक्टरों की मांग को जायज बताते हुए आईएमए ने भी इसका समर्थन कर दिया है। सरकार से अतिशीघ्र मांगों पर विचार इंटर्न के स्टाइपेंड को 15000 से बढ़ाकर 50 हजार करने की मांग की है।

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