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BiG News (वीडियो) ये खून खून है टपका है तो कैसे छुपेगी सच्चाई डीजीपी साहब ? विनीत ने 16 जनवरी को गुहार लगाई 17 को कत्ल कर दिया गया

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  • सुशासन का हाल देखिए – DGP ने गुहार लगाई तो गुनहगारों 24 घंटे में ही कर दी हत्या
  • न पूर्ण शराबबन्दी हो सकी है ना ही सुशासन में कानून का राज़ दिखाई दे रहा है
  • इस कत्ल का गुनाह बिहार पुलिस के माथे पर

पटना Live डेस्क। बिहार में सुशासन है ये मुख्यमंत्री का दावा है। वही दूसरी तरफ बिहार के पुलिस के मुखिया गुप्तेश्वर पांडेय भी अक्सर सोशल मीडिया के जरिए सूबे की आवाम से यह दावा करते हैं कि बिहार में पुलिस व कानून का राज है। लेकिन जमीनी हकीकत बद से बदतरीन होने की गवाही दे रहे है। पुलिस पूरी तरह निरंकुश और मनमौजी हो चुकी है। थानेदारों की दबंगई और व्यवहार पुराने क्रूरतम जागीरदारों की याद दिलाने लगे है। पूर्ण शराबबंदी की कवायद ने बिहार के खाकीवालो की कमाई को छप्पर फाड़ के दिया है। अकूत कमाई का गुमान ऐसा की थानेदार अब मनमर्जी के मालिक हो चूके है। खाकी का सिस्टम असंवेदनशील तो था ही अब पूरी तरह निकम्मा और उदण्ड हो चुका है। हालात ये है कि बिहार पुलिस द्वारा न अपराध पर ही लगाम लग रहा है ना शराब की तस्करी पर।

हालात ये है कि अपराधियों ने खुला चैलेंज देकर एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी,जिसने फेसबुक लाइव के जरिए आपसे मदद की गुहार लगाई थी। लेकिन आप पुलिस महकमें की बहादुरी की तारीफ में कहीं व्यस्त होंगे इसलिए , उसकी मार्मिक और जीने की जद्दोजहद की आसुओं से लबरेज आखरी गुहार भी आप के अतिव्यस्त कानो तक नहीं पहुंची।

और उसका कत्ल कर दिया गया

बिहार पुलिस को जनसरोकार व पीपल्स फ्रेंडली पुलिसिंग का रहबर बनाने का असंभव सा जुमला तो आपने खूब सुनाया पर एक युवक की जिंदगी आपकी बहादुर खाकी वाली फौज नही बात सकी। पुलिस सिस्टम के सड़ांध को आप बहुत अच्छे से समझते है तभी तो आप ने महीनों पहले कह दिया था कि “अगर राज्य का DGP भी रात में अकेले निकले, तो इस बात की गारंटी क्या है कि उन्हें गोली नहीं मार दी जाएगी। ख़ैर,

जिंदगी हारने से पहले विनीत की गुहार

मुजफ्फरपुर पुलिस के पोर पोर में बसे सड़ांध की हर बदबू से अवगत कराने और खुद की जिंदगी पर मंडराते आसन्न खतरे को महसूस करते हुए विनीत ने एक मार्मिक गुहार पुलिस प्रमुख से लगाई। लेकिन उसे क्या मालूम था कि अंधों और बहरों के शहर में जीने की गुहार लगाना मौत का सबब साबित होगा। मुजफ्फरपुर पुलिस से हार चुका विनीत आपके कथनानुसार आप से संपर्क करने के तहत अपनी आईडी से फेसबुक लाइव के माध्यम से16 जुलाई 2019 को आपसे मदद की गुहार लगाता है। वो  लाइव आकर आपको सारी कहानी बताता है। आँखों से बहते नीड और लरज़ते अल्फ़ाज़ के जरिए कहता है कआपकी पुलिस मेरी मदद नहीं कर रही बल्कि -आपकी पुलिस कहती है जिसको तुम पकड़ कर लाए हो उसके अगर जेल भेज देंगे तो पता है तुम्हारे साथ क्या होगा? और वो सच मे सच साबित हुआ और वो आवाज सदा के लिए खामोश कर दी गई।

मुजफ़्फ़रपुर पुलिस और विनीत की हत्या

दरअसल, विनीत मुजफ्फरपुर पुलिस की काहिलियत और सड़ चुके सिस्टम से उसवक्त हार गया जब कार्ववाई करने के बजाय उल्टा मकतूल से कहती रही कि “जिसको तुम पकड़ कर लाए हो उसके अगर जेल भेज देंगे तो पता है तुम्हारे साथ क्या होगा? खाकी की बड़े लोगो की पहरेदारी और दलाली करते देख वो उन लफुओं से सुलह करने तक को राजी हो गया था, वो सारी संपत्ति बेचकर यहां से दूर जाना चाहता था लेकिन उसके बाद भी अपराधियों ने 17 जनवरी की रात विनीत की गोली मारकर शहर से ही नही दुनिया से ही दूर भेज दिया।

मुजफ्फरपुर पुलिस
डीजीपी साहब आप फेसबुक पर लाइव होकर बिहार पुलिस का भले गुणगान करे लें लेकिन मुजफ्फरपुर में अपराधियों की गोली या यूं कहें आपके वर्दी वालों के निकम्मेपन की बोली की वजह से मारे गए विनीत के परिवार वाले आपकी बातों से बिलकुल भी इतेफाक नहीं रखते। मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना इलाके में रहने वाले विनीत की अपराधी चुनौती देकर हत्या कर देते हैं लेकिन आपकी पुलिस कुछ नहीं कर पाती।

उसके छोटे भाई को सरेआम कुछ लफुए बेल्टों से पीटते हैं लेकिन आपकी पुलिस कुछ नहीं कर पाती।विनीत खुद एक आरोपी को पकड़क कर थाने ले जाती है लेकिन आपकी पुलिस माल लेकर उस गुंडे को थाने से बेल देने की बात कहती है। अब आपके बेशर्म सिस्टम ने विनीत की जान ले ली है। कम से कम अब तो उसका दर्द सुनकर कार्रवाई की रश्म-अदायगी तो कर दीजिए।

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