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BiG Breaking- Deoghar Court Murder Case| अमित सिंह हत्याकाण्ड का कभी भी हो सकता है खुलासा, महत्वपूर्ण “कड़ी” हिरासत में ताबड़तोड़ छापेमारी जारी

"नीमा से न्यायालय वाया बेउर" जुड़ रही है कड़िया। देवघर पुलिस की दो टीमें पटना में मौजूद,सुपारी किलिंग पर लगी मुहर, कब,कहा,कैसे,क्यो के जवाब पुलिस के पास कौन की तलाश और एक जोड़ी "लाल चप्पल" झारखंड से लेकर पटना जिले में ताबड़तोड़ छापेमारी जारी, वो बचपन के साथी है।

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पटना Live डेस्क।पटना की बेउर जेल से पेशी के लिए झारखंड के देवघर कोर्ट गए बदमाश अमित कुमार सिंह की शनिवार 18 जून 2020 को कोर्ट परिसर में वकील से मिलने ख़ातिर चेम्बर मे बैठे होने के दौरान एक शूटर ने दनादन 3 गोलियों मार कर मौत के घाट उतार दिया गया।घटना के बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने भी अमित को मृत घोषित कर दिया। देवघर पुलिस ने अमित के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर घटना की जांच शुरू कर दी थी। एसपी देवघर ने 2 टीमों का गठन किया था। पटना में मौजूद देवघर पुलिस की दोनो टीमें बिहार एसटीएफ और डीएआयु के साथ मिलकर लगातार छापेमारी में जुटी है।

देवघर पुलिस की 2 टीमें शहर में 

दिन दहाड़े देवघर कोर्ट परिसर में अंज़ाम पाई इस घटना के बाद से लगातार झारखंड पुलिस मामले के उद्भेदन में जुटी हुई है। घटना के बाद पहली सफलता तब मिली जब अमित को कोर्ट में पेशी केलिए लेकर गए बिहार पुलिस के दो पुलिसकर्मियों की काण्ड में संलिप्तता को उजागर करते हुए देवघर पुलिस ने पटना के बेउर जेल में बंद माणिक और उसके गुर्गे सोनू के बाबत जानकारी हासिल की। फिर कुछ फोन नंबर्स को आईडेंटिफाई कर लिया और षड्यंत्र में शामिल मनोज सिंह और 2 अन्य का लोकेश वेरिफाई करते हुए इनके काण्ड में महती भूमिका को चिन्हित कर लिया। फिर बिहार पुलिस के दोनों कर्मियों को जेल भेज दिया।

साथ ही पटना स्थित बेउर जेल और पटना पश्चिम क्षेत्र पर अपनी निगाहें गड़ा दी। शुरुआत में कई एंगल से तफ़्तीश करते हुए लगातार दबिश दी गई पर कामयाबी नही मिली। लेकिन इसी बीच घटना के पीछे के तात्कालिक कारणों के बाबत जो इनपुट मिले वो आपस मे कड़ियों को जोड़ने लगे। उधर दोनो राज्य के डीजीपी लेबल पर भी कम्युनिकेशन स्थापित हुआ और बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा एसटीएफ को सक्रीय करते हुए पटना में हुए डबल मर्डर और देवघर कोर्ट हत्याकांड के आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का फरमान जारी हो गया। निशाने पर पांडव सेना सरगना रहे संजय सिंह और उनके गुर्गे आ गए तो वही दूसरी तरफ माणिक के गुर्गे सोनू की तलाश भी होने लगी। तो वही जेल में बंद कई संदिग्धों से जेल पहुचकर पुलिस दस्ते ने ढंग से पूछताछ कर महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठा कर ली। सूत्र बताते है कि साज़िश में शामिल चेहरे बेनकाब हो चुके है। साथ ही अमित की हत्या सुपारी किलिंग है इस पर भी अब संशय नहीं रह गया है। पर्दे के पीछे के खिलाड़ियों के बाबत इनपुट मिल चुका है। बस अब देवघर काण्ड के शूटर जिसने लाल चप्पल पहन रखी थी और कमर में पिस्टल खोंसकर भीड़ में टहलते हुए हुए टारगेट अमित तक पहुचकर गोलिया मारी और फिर बाइक से हत्यारे को फरार कराने वाले लड़के को ट्रैक करते हुए पुलिस उनके पीछे पड़ी है और कभी भी उनको गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश कर सकती है। शूटर के गिरफ्तार होते है तामम कड़िया जुड़ जाएगी जो मिसिंग है।

राउटर ने पहुचाया चंदन तक 

अमित हत्याकांड में देवघर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम चंद्रभूषण कुमार उर्फ चंदन है। वह पटना जिले के नौबतपुर थाना क्षेत्र के मिसरी चौक का मूल निवासी है। देवघर पुलिस टीम द्वारा इसे पटना पुलिस की सहायता से हिरासत में लेकर देवघर लाया गया था। यहां पूछताछ में पुलिस को घटना के षड़यंत्र में उसकी संलिप्तता पायी गयी है। उसके बाद गुरुवार को पुलिस द्वारा मेडिकल जांच कराने के बाद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

              वही, इस सनसनीखेज वारदात के बबात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एसडीपीओ पवन कुमार ने जानकारी दी कि पुलिस ने अमित हत्याकांड का पूरी तरह से उद्भेदन कर लिया है। पटना के माणिक गिरोह द्वारा अमित की हत्या कराई गई है। अमित और माणिक के गिरोह के बीच रंगदारी वसूलने को लेकर विवाद चल रहा था। गिरफ्तार आरोपी चंद्रभूषण कुमार उर्फ चंदन को घटनास्थल से बरामद राउटर की तकनीकी जांच के क्रम में गिरफ्तार किया गया है। बरामद राउटर में जो Airtel का सिमकार्ड लगा हुआ था, वह चंद्रभूषण कुमार उर्फ चंदन के नाम पर इशू हुआ था। हालांकि घटना के दिन चंद्रभूषण कुमार उर्फ चंदन देवघर नहीं आया था। लेकिन पूरे षड़यंत्र व घटना के बारे में उसे जानकारी थी। पुलिस द्वारा पूछताछ के क्रम में उसने घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों के बारे में भी खुलासा किया है। उसने घटना में शामिल दो आरोपियों का नाम पुलिस को बताया है। जिन्होंने कांड को देवघर कोर्ट में अंजाम दिया है।

बचपन से बेउर तक 

देवघर पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी चंद्रभूषण कुमार उर्फ चंदन घटना में शामिल अनीश व आशुतोष की काफी पुरानी दोस्ती थी। काफी कम उम्र में ही इनलोगों के बीच एक जगह ट्यूशन पढ़ने के दौरान दोस्ती हुई थी। दोस्ती हुई तो एक दिन  चंदन के मोबाइल से ही अनीश ने किसी व्यक्ति से 25 लाख रुपए रंगदारी की मांग की थी। इस मामले में तीनों एक साथ जेल गए थे। जेल में ही इन तीनो का परिचय अपने इलाके नौबतपुर के कुख्यातों माणिक, उज्ज्वल व अमित सिह से जान-पहचान हुई। उसके बाद तीनो दोस्त अमित व माणिक व उज्ज्वल के शागिर्द बन गए। उन दिनों दौरान अमित सिंह निर्भय सिंह हत्याकांड में जेल में बंद थे। बिहटा सिनेमा हॉल के मालिक निर्भय सिंह हत्याकांड के बाद अमित की बाजार में धाक बन गई और वह रंगदारी वसूलने का काम करने लगा।

इसके बाद ही माणिक व अमित के बीच रंगदारी को लेकर विवाद होना शुरू हो गया। उसके बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए। माणिक के साथ मुचकुन, आशुतोष, अनीश, उज्ज्वल व अन्य लोग शामिल हो गए। उसी क्रम में सभी लोग जेल से बाहर आए। इस दौरान पटना पुलिस द्वारा मुचकुन का इनकाउंटर कर दिया गया। बाद में अमित सिंह व माणिक गिरोह के बीच विवाद बढ़ता गया। उसी क्रम में माणिक गिरोह के सदस्यों ने 18 जून को बेउर जेल से देवघर के चर्चित चंचल कोठारी अपहरण केस में सजायाप्ता कैदी अमित सिंह की देवघर कोर्ट में पेशी के दौरान वकालतखाना में अधिवक्ता राजीव कुमार देव के एस्बेस्टस से बने चैम्बर में अमित की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

अनीश ने चंदन को किया था फोन

घटना को अंजाम देने के बाद भागने के क्रम में आरोपी का राउटर घटनास्थल पर ही गिर गया था। जिसके बाद अनीश ने चंदन को फोन कर राउटर में लगे सिमकार्ड को बंद कराने के लिए कहा था। पुलिस द्वारा पूछताछ के क्रम में चंद्रभूषण कुमार उर्फ चंदन ने पुलिस को बताया कि अगर हमलोग अमित की हत्या नहीं करते तो अमित उनलोगों की हत्या करा देता। पुलिस ने बताया कि अमित सिंह के हत्या की पूरी योजना की जानकारी चंद्रभूषण कुमार उर्फ चंदन को भी थी। घटना के पूर्व अनीश ने चंद्रभूषण कुमार उर्फ चंदन को देवघर आने की बात कही थी। साथ ही घटना को अंजाम देने के बाद भी अनीश ने चंदन को फोन कर अमित की हत्या कर दिए जाने की जानकारी दी थी।

बिहटा से बाइक से ही देवघर पहुचे

वही, चंदन से हुई पूछताछ के बाद देवघर  पुलिस द्वारा जानकारी दी गई कि घटना को अंजाम देने के लिए अनीश व आशुतोष मोटरसाइकिल से ही बाबा नगरी देवघर पहुंचे थे। अमित सिंह को मौत की नींद सुलाने के बाद दोनो फौरन मोटरसाइकिल से ही फरार हो गए थे।

 संपर्क में था सिपाही ताबिश

पूछताछ के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि सिपाही मो. ताबिश माणिक, बिट्टू, अनीश, उज्ज्वल व अमित सिंह के भी संपर्क में था। घटना के दिन भी ताबिश ने राउटर से माणिक के भाई सोनू से बात की थी। साथ ही लगातार अमित के मूमेंट की जानकारी देते रहा था।

पटना में कैम्प कर रही है देवघर पुलिस

एसडीपीओ पवन कुमार ने बताया कि पुलिस ने पूरे मामले का उद्भेदन कर लिया है। देवघर पुलिस की एक टीम पटना में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस अनीश की गिरफ्तारी के लिए उसके कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। लेकिन वह अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है। एसडीपीओ ने बताया कि अनीश काफी शातिर बदमाश है। वह कई सिमकार्ड यूज करता है। पुलिस जल्द ही घटना में शामिल अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लेगी।

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