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BiG News – 1993 से अब तक वैशाली जिले में रहे 3 डीएसपी,50 इंस्पेक्टर और 13 एएसाई  के खिलाफ नगर थाना में IPC 409 के तहत FIR,देखिये पूरी लिस्ट 

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पटना Live डेस्क। बिहार के वैशाली जिले में  वर्ष 1993 से लेकर अब तक तैनात कुल 66 पुलिसकर्मियों पर नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। वर्त्तमान वैशाली एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लन ने लंबित कांड़ों का चार्ज नहीं देने पर एक साथ 66 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज करा दिया है। एसपी के आदेश पर हाजीपुर नगर थाने में सभी लापरवाह पुलिस पदाधिकारियों पर केस दर्ज किया गया है।केस दर्ज होने वाले पुलिस पदाधिकारियों में 3 डीएसपी,50 इंस्पेक्टर और 13 एएसाई पर केस दर्ज किया गया है।

दरअसल, बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस कप्तानों को आदेश दिया है कि जो पुलिस पदाधिकारी लंबित केस की फाईल नहीं सौपते हैं उनपर कार्रवाई करें। इसके बाद वैशाली एसपी ने केस का चार्ज नहीं देने वाले अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की है।

3 डीएसपी पर दर्ज हुआ केस

वैशाली जिले में तैनात रहे 3 डीएसपी पर दर्ज कराये गए FIR में पहला नाम वर्त्तमान दौर में सीबीआई में अपनी सेवाए दे रहे डीएसपी नागेंद्र प्रसाद है। वही दूसरा नाम डीएसपी अशोक प्रसाद और तीसरा और आखरी नाम एसडीपीओ पंकज रावत का है।

इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और जमादार की लिस्ट

अभय कुमार सिंह, विजय महतो ,मनोज कुमार, कृष्ण मुरारी सिंह, मनोज कुमार, देवेंद्र प्रसाद, पंचम राय, धुरंधर सिंह, अरविंद कुमार, कुमार अमिताभ, अनंत कुमार सिंह, मदन सिंह, सरोज बाला, गिरीश कुमार सिन्हा, एसके झा, नरेश राय, धनंजय कुमार निर्दोष, कामेश्वर सिंह, चंद्रशेखर सिंह, विकास कुमार, कालेश्वर टू डू, मोहम्मद अयूब, रामचंद्र राय, राम इकबाल पासवान, मदन मोहन सिन्हा, शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, योगेंद्र बैठा, दया शंकर प्रसाद, अजय कुमार सिंह, ललन शर्मा, सत्येंद्र कुमार चौधरी, जगदीश प्रसाद, प्रेमचंद्र मिश्रा, किरण कुमारी, सुदामा राय, अशोक सिंह, संजय कुमार, विनय राम, जितेंद्र राम, गुप्तेश्वर सिंह, चंदन कुमार, मिथिलेश कुमार सिंह, रामदुलार सिंह, मुकेश, रामप्रवेश प्रसाद, दिलीप कुमार, प्रेम कुमार सिंह, मनोहर कुमार राम, आशीष मिश्रा, रघुनाथ सिंह, शशि भूषण, शंकर प्रसाद, प्रेम कुमार राय, नीरू कुमारी, हृदय नारायण सिंह, रामेश्वर प्रसाद सिंहस राजेश कुमार, प्रकाश ,ओम प्रकाश गुप्ता ,अवधेश सिंह, ब्रजेश कुमार, जनार्दन शर्मा, एवं शाहनवाज खां के विरुद्ध धारा 409 आईपीसी के अंतर्गत दोषी पाते हुए नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज किया गया है।

IPC 409 के तहत दर्ज एफआईआर 

नगर थाना के थानाध्यक्ष अंजनी कुमार सिंह ने अपने बयान में लिखा है कि एसपी वैशाली के 17 जून को आदेश दिया था कि जो भी पदाधिकारी लंबित केस का प्रभार नहीं सौंपे हैं उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाए।उसके बाद स्वयं के बयान पर नगर थाने में पदस्थापित रहे और जिनपर कई केस का प्रभार था, उऩके खिलाफ धारा 409 के तहत केस दर्ज किया जा रहा है।

क्या है IPC 409, क्या है सज़ा का प्रावधान

धारा 409 आईपीसी (IPC Section 409)-लोक सेवक या बैंक कर्मचारी, व्यापारी या अभिकर्ता द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन

लागू अपराध -.लोक सेवक या बैंक कर्मचारी, व्यापारी या अभिकर्ता द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन
सजा – दस वर्ष कारावास और आर्थिक दंड।          यह एक गैर-जमानती (Non bailable)  संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

सारांश()

जो भी कोई लोक सेवक के नाते अथवा बैंक कर्मचारी, व्यापारी, फैक्टर, दलाल, अटर्नी या अभिकर्ता के रूप में किसी प्रकार की संपत्ति से जुड़ा हो या संपत्ति पर कोई भी प्रभुत्व होते हुए उस संपत्ति के विषय में विश्वास का आपराधिक हनन करता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा।

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