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क्या आप जानते है? स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा फहराने में क्या अंतर है? जानिए

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पटना Live डेस्क।देश भर में जश्न ए आज़ादी की धूम है। कृतज्ञ राष्ट्र मुल्क को अंग्रेजों के जुल्मों सितम और पराधीनता की कैद से आज़ाद कराने वाले मतवालों और शहीदों की शहादत को नमन कर राह है। उनके बलिदान को याद कर रहा है। विश्व्यापी कोरोना महामारी के बावजूद 74वें स्वतंत्रता दिवस पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। सभी सरकारी व गैर सरकारी प्रतिष्ठानों समेत देसह भर के विभिन्न चौक चौराहों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडा फहराने में क्या अंतर होता है आइए जानते हैं उन अंतरों को …

संविधान के मुताबिक, देश में कोई भी व्यक्ति कभी भी, कहीं भी राष्ट्रीय ध्वज बिना किसी दबाव के राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। वैसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस ऐसे दो उत्सव हैं, जब पूरा देश एक साथ एक ध्वज के नीचे नजर आता है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस दोनों ही दिन तिरंगा फहराया जाता है, लेकिन तिरंगा फहराने में थोड़ा अंतर होता है।

पहला अंतर

                      15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के दिन राष्ट्रीय ध्वज को नीचे से रस्सी द्वारा खींच कर ऊपर ले जाया जाता है,फिर खोल कर फहराया जाता है, जिसे ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहा जाता है। यह 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना को सम्मान देने के लिए किया जाता है। संविधान में इसे अंग्रेजी में Flag Hoisting (ध्वजारोहण) कहा जाता है।

जबकि

जबकि 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस (Republic Day) के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोलकर फहराया जाता है, जिसे झंडा फहराना कहा जाता है।संविधान में इसे Flag Unfurling (झंडा फहराना)कहा जाता है।

दूसरा अंतर

स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के दिन मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शामिल होते हैं। वह केंद्र सरकार के प्रमुख होने के नाते ध्वजारोहण करते हैं।दरअसल स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 1947)के दिन भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था और राष्ट्रपति जो कि राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख होते है,उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था। इस दिन शाम को राष्ट्रपति अपना सन्देश राष्ट्र के नाम देते हैं।

जबकि

26 जनवरी जो कि देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।इस दिन संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के दिन राष्ट्रपति मुख्य कार्यक्रम में शामिल होते हैं। 26 जनवरी जो कि देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, इस दिन संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।

तीसरा अंतर

तीसरा एवं प्रमुख कारण है स्थान का। स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री लाल किले से ध्वजारोहण करते हैं। वहीं पर मुख्य कार्यक्रम होता है। प्रधानमंत्री लाल किले से ही देश को संबोधित करते हैं।

जबकि

गणतंत्र दिवस के दिन मुख्य कार्यक्रम राजपथ पर होता है। इस दिन राष्ट्रपति राजपथ पर झंडा फहराते हैं। गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर विभिन्न प्रदेश की झाकियां निकाली जाती है, जो आकर्षण का प्रमुख केंद्र होती है।

उम्मीद है यह जानकारी आपके ज्ञानकोष में इज़ाफ़ा करेगी। हम समय समय पर पाठकों से देश-दुनिया से जुड़ी रोचक और तथ्यात्मक जानकारी साझा करते रहेंगे।

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