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BiG न्यूज़ – महागठबन्धन से कॉंग्रेस ने बनाई दूरी, राबड़ी आवास पर होता रहा इंतजार नही पहुचे प्रदेश अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि

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#महागठबंधन की समीक्षा बैठक से कॉंग्रेस किया किनारा

#राबड़ी आवास पर होता रहा इंतजार लेकिन नही पहुचा कोई कॉंग्रेसी 

#राज्य की 40 में से सिर्फ 1 सीट पर जीता महागठबंधन ,एनडीए को 39 सीटें मिलीं

#अब कांग्रेस आरजेडी से इतर राजनीतिक भविष्य की योजना 

पटना Live डेस्क। बिहार में आम चुनाव में बड़ी हार के बाद अब विपक्षी महागठबन्धन पर इसका असर पड़ने लगा है। हार के बाद जहां राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजश्वी यादव को अपनी पार्टी की बगावत का सामना करना पड़ रहा है। तो वहीं कॉंग्रेस भी अब राजद से इतर राजनीतिक भविष्य योजना पर अमल करने की ओर बढ़ चली है। तभी तो लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आज महागठबंधन की राबड़ी देवी के आवास पर समीक्षा बैठक थी। लेकिन बैठक से कांग्रेस नेताओं ने दूरी बना ली। राबड़ी आवास पर महागठबंधन के नेता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि का इंतजार करते रह गए, पर बैठक में न तो अध्यक्ष आए और न दल का कोई दूसरा नेता। आखिरकार बिना कांग्रेस के हीं बैठक शुरू हुई। बैठक में तेजस्वी यादव,राबड़ी देवी, शरद यादव,उपेन्द्र कुशवाहा,मुकेश सहनी और जीतनराम मांझी की तरफ से उनके बेटे मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में राज्य की 40 सीटों में एनडीए 39 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रहा था। गठबंधन को मात्र एक सीट पर जीत मिली। कांग्रेस के उम्मीदवार किशनगंज सीट जीतने में सफल हुए। आरजेडी के इतिहास में यह पहला मौका था, जब पार्टी के एक भी सांसद नहीं चुने गए।

कांग्रेस का तर्क और भविष्य का प्लान 

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया से कहा कि पिछले एक दशक से अधिक समय में आरजेडी के साथ रहकर कांग्रेस ने कुछ भी खास हासिल नहीं किया। इसके उलट जो भी पार्टी का अपना जनाधार था, वह खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि एक बार जब पार्टी के अंदर शीर्ष स्तर पर नेतृत्व को लेकर चल रही उठापठक खत्म हो जाएगी, उसके बाद सबसे पहले इस दिशा में फैसला होगा। विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी कम से कम एक साल संगठन पर काम करना चाहती है।

भविष्य की योजना

कांग्रेस को यह भी लगता है कि अगर आरजेडी से अलग होकर पार्टी स्वतंत्र राजनीति करती है तो मुस्लिम उसके साथ जुड़ सकते हैं। पार्टी को उम्मीद है कि हाल के दिनों में कई नेता पार्टी से जुड़े और आरजेडी से हटने के बाद कई और नेता साथ हो सकते हैं। मिसाल के तौर पर पप्पू यादव जैसे नेता कांग्रेस से जुड़ सकते हैं। पार्टी कीर्ति आजाद का उपयोग भी अब बिहार में करेगी। बिहार में दरभंगा से कांग्रेस को सीट नहीं मिलने के कारण उन्हें झारखंड के धनबाद से चुनाव में उतारा गया था, लेकिन वहां उनकी हार हुई।

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