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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर कहा ‘जातीय जनगणना बेहद जरूरी’

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पटना Live डेस्क। बिहार में जाति आधारित जनगणना का मुद्दा फिर से गरमा रहा है। जिसपर एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ-साफ सबको सुना दिया है। उन्होंने कह दिया कि देश के लिए, राज्य के लिए और समाज के लिए जातीय जनगणना बहुत जरूरी है। जाति आधारित जनगणना तो करानी ही चाहिए। साथ ही इसे बहुत बारीकी से कराने की जरूरत है। इसमें जातियों व उपजातियों का भी ख्याल रखना होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज रविवार को दिल्ली में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।

दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली गए हुए हैं। दिल्ली में आज सुबह 10 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ नक्सल के खात्मे के मुद्दे पर 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई। इसमें शामिल होकर जब नीतीश कुमार बाहर निकले तो पत्रकारों ने उन्हें जातीय जनगणना के मुद्दे पर घेरा। इसी पर उन्होंने कहा कि देश व राज्य में जातीय जनगणना बहुत जरूरी है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अभी तो कोर्ट में अन्य मामले में कहा गया है. कोर्ट का मामला अलग है। केंद्र की ओर से ना में जवाब आएगा तो इस पर सबों के साथ मिल-बैठ कर कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से कई लाभ हैं। लेकिन इसे बारीकी से कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हर जाति में उपजाति भी है। ऐसे में कुछ लोग जाति का नाम बताते हैं तो कुछ लोग उपजाति का नाम बताते हैं। इसे नोट करते समय गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के एक मामले में हलफनामा देकर कहा है कि बीसी और ओबीसी की जनगणना कराने में काफी परेशानी है। केंद्र सरकार फिलहाल ऐसा नहीं कर सकती है।

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