मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना हो रही है ‘पंक्चर’… आवंटित राशि में कमी ने सीएम की महत्वाकांक्षी योजना पर उठाए सवाल
पटना Live डेस्क. क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी बालिका साइकिल योजना पंक्चर हो गई है…होना तो नहीं चाहिए…लेकिन आंकड़ तो यही बता रहे हैं…आंकड़ों पर गौर करें तो साल दर साल इस योजना के लिए जारी की आवंटित राशि में कमी देखने को मिल रही है…जिस योजना को खुद कई बार मुख्यमंत्री ने सराहा और खासकर बालिकाओं के सशक्तिकरण का हथियार बताया भला वो योजना ऐसे कैसे धूल फांक सकती है…अब बजटीय आवंटन इस योजना से क्यों कम हो रहा है उसका जवाब तो सरकार के पास होना चाहिए…लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि सालों साल स्कूल जाने वाली बच्चियों की तादाद मे इजाफा हो रहा है लेकिन साइकिल योजना का बजट घट रहा है…
साल बालिकाओं की तादाद आवंटित राशि
2014-15 724494 204.30 करोड़
2015-16 815837 180.00 करोड़
2016-17 986633 169.20 करोड़
2017-18 1170384 50.00 करोड़
अगर इस वित्तीय साल की बात करें तो इस साल इस योजना के लिए जितनी राशि आवंटित की गई है उससे तो आठवीं में पढ़ने वाली महज 20 फीसदी बच्चियों को ही साइकिल मिल पाएगी…कई अर्थशास्त्री भी राज्य सरकार के इस बजट से हैरत में हैं..वो कहते हैं ये मान भी लिया जाए कि सरकार की कई योजनाएं राजनीति और परिस्थिति को देखरकर निर्धारित होती हैं..फिर भी सरकार की इस योजना का तो खुद मुख्यमंत्री ने भी जबर्दस्त तरीके से प्रचार किया था..
आज बिहार सरकार नारी सशक्तिकरण के लिए विशेष अभियान चला रही है लेकिन दूसरी तरफ इसके लिए धरातल पर चलने वाली योजनाओं में ब्रेक लग रहा है. एक नजर इऩ आंकड़ों पर भी डालिये.
आठवीं में पढने वाली बच्चियों की संख्या – 1170384
प्रति छात्रा साइकिल योजना की राशि – 2500
संख्या के हिसाब से आवंटन चाहिए – 246.66 करोड
इस मद में बजट आवंटन – 50 करोड़
आवंटित राशि से योजना का लाभ – 20.3 फीसदी छात्राओं को
हालांकि इन आंकड़ों को देख सूबे के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने सफाई दी है… और कहा कि इस योजना के लिए सरकार बजटीय आवंटन कम नहीं होने देगी..और पूरक बजट में राशि का प्रावधान किया जाएगा…वो भी मानते हैं कि इस योजना से बालिकाओं में शिक्षा के प्रति माहौल बदला है…
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