बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

मिशन 2019 कामयाब करने में जुटी बीजेपी..खंड-खंड विपक्ष के चलते बीजेपी के हौसले बुलंद…विकास कार्यों से जनता को लुभाने की कोशिश..

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पटना Live डेस्क. प्रधानमंत्री के बिहार दौरे और सूबे को मिलने वाली सौगातों के देखकर यह कहा जा सकता है कि बीजेपी राज्य में कम से कम चुनावी मोड में आ गई है…राज्य में महागठबंधन सरकार के गिरने के बाद बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व बिहार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कुछ ज्यादा एक्टिव नजर आ रहा है…14 अक्टूबर को बिहार के दौरे पर आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सड़कों और पुलों की चार सौगातें बिहार को देंगे…हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में ही पीएम के घोषित पैकेज में इन बातों का उल्लेख है.. लेकिन पिछले तीन सालों से सुस्त पड़ी केंद्र सरकार ने मौजूदा सरकार में बीजेपी के शामिल होते ही बिहार को ज्यादा तवज्जो देना शुरु कर दिया है…अभी पिछले अगस्त महीने में ही पीएम मोदी राज्य में बाढ़ के हालात का जायजा लेने राज्य के दौरे पर आ चुके हैं…और उऩ्होंने उस समय राज्य को फौरन 500 करोड़ की मदद का एलान भी किया था…साथ ही बाढ़ से होने वाली क्षति के लिए राज्य सरकार को पूरी मदद का भरोसा दिया था..दरअसल आगामी लोकसभा चुनान को ध्यान में रखकर एक्टिव हुई बीजेपी के लिए यह समय भी सबसे मुफीद है…नीतीश कुमार के बीजेपी के पाले में आने के बाद लड़ाई अब एकतरफा नजर आ रही है..जेडीयू के एनडीए के साथ आने के बाद राज्य में विपक्ष बिखर सा गया है..कांग्रेस अपनी अंदरुनी कलह के चलते खंड-खंड होने की कगार पर है…तो विपक्ष की सबसे बड़ी ताकत राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी भ्रष्टाचार के मामलों में फंसकर केस मुकदमों में उलझे हैं…ऐसे में पीएम मोदी का मिशन 2019 कुछ ज्यादा आसान लग रहा है…पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह कार्यक्रम में आने वाले पीएम कुछ बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास कर मिशन 2019 की बुनियाद रख जाएंगे…पीएम के दौरे और विकास कार्यों के कार्यारंभ करने के बाद प्रदेश का चुनावी तापमान अब उपर चढ़ने वाला है..विधानसभा चुनावों के बाद यह पहला मौका है जब प्रमुख विपक्षी दल अपने ही कारणों से भाजपा से भिड़ने की स्थिति में नहीं हैं…विपक्ष का प्रतिरोध अत्यंत कमजोर है..राज्य का वर्तमान सियासी पिच खाली है..और बीजेपी का इरादा साफ नजर आ रहा है..पार्टी को भी लग रहा है कि बड़े स्कोर के लिए अभी अच्छे मौके हैं…कारण है कि केंद्रीय स्तर पर चुनौती देने वाली कांग्रेस का राज्य में अंदरुनी सत्ता संघर्ष के चलते ताकत कमजोर पड़ती दिखाई दे रहा है..लालू प्रसाद और उनके पुत्र कानूनी दांवपेचों में उलझकर पिछले तीन हफ्तों से पटना से बाहर दिल्ली में हैं…ऐसे में बीजेपी को लगता है कि अगर इस समय प्वाइंट बढ़ा लिए तो आगे यह बेहद काम आएगा…और मिशन 2019 कामयाब हो जाएगा…

 

 

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