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BiG News – CM नीतीश कुमार के फरमान के खिलाफ पुलिस एसोसिएशन ने खोला मोर्चा, पूछा मेडल अधिकारियों को तो सज़ा सिर्फ थानेदार को ही क्यो?

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शशि यादव, ब्यूरो कोर्डिनेटर, पटना

पटना Live डेस्क। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सूबे में पूर्ण शराबबंदी को लेकर एकबार फिर बेहद तल्ख तेवर अख़्तियार कर लिया है। इस को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विगत बुधवार को मद्य निषेध,उत्पाद व निबंधन विभाग की समीक्षा करते हुए राज्य के सभी 1064 थानों के थानेदार से यह गारेंटी लेने का फरमान जारी किया कि उनके इलाके में शराब नहीं बिकती है। साथ ही यह भी कहा कि गारंटी के बाद भी यदि जिस किसी भी थानाक्षेत्र में शराब पकड़ी जाएगी, तो वहां के थानेदार को अगले 10 साल तक किसी भी थाने में पोस्टिंग नहीं दी जाएगी। यानी सूबे में अगर कही भी शराब बिकी तो वहा के थानेदार को अगले दस साल तक किसी भी थाने में पोस्टिंग नहीं  होगी।

सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के इस फरमान के बाद से सूबे में लगातार थानेदारों और थाना प्रभारियों पर निलंबन की गाज गिर रही है। इसको लेकर अब बिहार पुलिस एसोसिएशन मुखर हो उठा है। साथ ही अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए सीएम के इस फैसले की मुख़ालफ़त करने की कवायद शुरू कर दी है। अपना विरोध दर्ज कराने ख़ातिर पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है।

पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जो फरमान जारी किया है हम उसका विरोध करते हैं। साथ ही कहा कि बिहार में जिस प्रकार से अपराध पर नियंत्रण ना कर पाने और शराब बिक्री पर रोक नहीं लगाने के कारण थाना प्रभारी को सस्पेंड किया जा रहा है। ये सरासर गलत है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। साथ ही अपने विरोध के तल्ख तेवरों के बीच दृढ़ता से अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने कहा कि जब पुलिस अच्छा काम करती है तो मेडल उनके बड़े अधिकारी लेते हैं।  गाज सिर्फ इस्पेक्टर पर ही क्यों गिरेगी ?डीएसपी के ऊपर गाज क्यों नहीं गिरेंगी ? यानी मेडल अधिकारी को और पेनाल्टी वाली सज़ा सिर्फ थानेदार को क्या यह तर्क संगत है।

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