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BiG News – शीतलहर का कहर,पटना 2 समेत बिहार में अबतक 16 लोगों की मौत, सरकार ने जारी कर दिया एडवायजरी

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#पटना में हवाहवाई चालक और अनजान युवक की मौत 

#अबतक सूबे में कुल 16 लोगो की मौत 

पटना Live डेस्क। राजधानी समेत पूरे बिहार में ठंड ने आम लोगो को घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया है। सूबे में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। शीतलहर की चपेट में आकर राजधानी पटना में जहाँ पिछले 24 घण्टों में 2 लोगो की मौत हो गई है। वही, शीतलहर और कनकनी का कहर पूरे बिहार में जारी है, जिसकी चपेट में आने से अबतक पूरे प्रदेश में 16 लोगों की मौत हो गई। जम्मू-कश्मीर की ओर से आ रही बफीर्ली पछुआ हवा की वजह से पटना सहित पूरा बिहार ठंड की चपेट में आ गया है।। उधर, बिहार सरकर ने ठंड से बचने के लिए एडवायजरी जारी की है।

राज्य में ठंड के प्रकोप की वजह से बिहारवासी कई तरह की बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं। इन स्थितियों में अब स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार ने सभी जिलों के लिए एडवायजरी जारी की है। राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से सभी जिलाधिकारियों, सिविल सर्जन, प्राचार्य, अस्पताल अधीक्षकों को पत्र जारी किया है। जिसमें उन्हें ठंड और इसकी वजह से होने वाली बीमारियों से बचाव के उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।

जिलों के अफसरों से कहा गया है कि ठंड की वजह से आस्थमा, जोड़ों के दर्द, दिल का दौरा और सर्दी जुकाम के ज्यादा मरीज अस्पताल में लाए जाते हैं। इनके इलाज के साथ ही उन्हें इस प्रकार की ठंड के दौरान बचाव के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी दें।

जारी एडवायजरी के साथ ही एक दस्तावेज भी जिलों को मुहैया कराया गया है जिसमें ठंड की वजह से व्यक्तियों में होने वाले लक्षण और बचाव के उपाय की जानकारी दी गई है। चिकित्सकों को कहा गया है कि वे मरीजों को ठंड से बचाव के उपायों की जानकारी निश्चित रूप से दें।

शीतलहर और कनकनी से हो सकती है ये परेशानिया

– शरीर का ठंडा होना, अंगों का सुन्न पडऩा

– अत्याधिक कंपकंपी व ठिठुरन

– बार-बार उल्टी या उल्टी की इच्छा होना

– अत्याधिक सुस्ती व थकावट

– अद्र्धबेहोशी या बेहोश होना

बचाव के उपाय

– जब जरूरी हो तभी जाएं घर से बाहर

– शरीर को निर्जलीकरण से बचाएं

– शरीर में उष्मा बनाए रखने को ले पौष्टिक आहार, गर्म पेय पदार्थ

– कमरे में आग जलाएं तो धुआं निकलने की व्यवस्था करें

– हीटर, ब्लोअर जलाए तो सोने के पूर्व इनके स्विच ऑफ करें

– घर से बाहर जाएं तो पर्याप्त गर्म कपड़े पहनना ना भूलें

– बीमार होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

हाइपोथर्मिया से बचाव के उपाय करें

सर्दी के मौसम में बुजुर्गों को हाइपोथर्मिया होने की आशंका रहती है। हाइपोथर्मिया में शरीर का तापमान 37 डिग्री से कम होने लगता है। रोगी की आवाज धीमी होने के साथ उसे नींद आने लगती है। शरीर कांपने लगता है और हाथ-पैर जकडऩे लगते हैं। दिमाग का शरीर से नियंत्रण कम होने लगता है।

डॉ. अजय कुमार कहते हैं कि हाइपोथर्मिया से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें। भूखे पेट ना रहें। सिर से शरीर को ज्यादा गर्मी मिलती है, इसलिए सिर को टोपी या गर्म कपड़े से ढंककर रखें। जितना हो सके हीटर से दूरी बनाएं। उन्होंने कहा यदि किसी को हाइपोथर्मिया होता है तो रोगी को गर्म कपड़ों से ढंककर किसी गर्म कमरे में लिटा दें।

हीटर या आग से सीधे गर्मी ना दें यह ज्यादा खतरनाक है। रोगी के हाथ-पैर को रगड़कर गर्म करें। साथ ही बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी दवा देने से परहेज करें। जितना जल्द हो सके रोगी को डॉक्टर के पास लेकर जाएं।

पिछले 24 घण्टे में पटना में 2 कई मौत

भीषण ठंड के कारण राजधानी पटना में जहां बीते 24 घण्टे में 2 लोगो की मौत हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार बीती रात पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र के लोहानीपुर खादरपर रहने वाले एक 50 वर्षीय हवाहवाई चालक पाताली पासवान की मौत हो गई। मृतक अपने घर का इकलौता कमाने वाला था। उसकी मौत से उसके 2 छोटे छोटे बच्चे और पत्नी पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वही,आसपास के लोगो की मदद से मृतक का शवदाह किया गया है।

वही,दूसरी मौत एक युवक की हुई है जिसकी अबतक पहचान नही हो पाई है। जिसके बाबत स्थानीय लोगो का कहना है कि युवक फटेहाल अक्सर राजेन्द्र नगर टर्मिनल से बहादुरपुर पुल के नीचे भटकता रहता था। अनुमान लगाया जा रहा है कि बीती रात किसी पहर शीतलहर की चपेट में आकर उसकी मौत हो गई।

अबतक उत्तर बिहार में कुल 14 लोगो की हुई मौत

उत्तर बिहार में 7 लोगों की मौत हो गई। बेतिया में दो लोगों की मौत हुई जबकि समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी व मोतिहारी में एक-एक व्यक्ति की जान चली गई। गया के आमस में एक बच्चे जबकि शेरघाटी में चौकीदार की मौत हो गई। ठंड से अररिया में भी दो लोगों की मौत की खबर है। गोपालगंज के कटेया में भी 10वीं के छात्र की मौत हो गई।

उत्तर बिहार में क्यों पड़ रही है इतनी ठंड

भूमध्य सागर में उत्पन्न होने वाले असमान्य और शक्तिशाली ‘पश्चिमी विक्षोभ’ ने हिंदी पट्टी सहित समूचे उत्तर भारत को बीते पखवाड़े से ठिठुरने को मजबूर किया है। यह स्थिति चार से पांच दशकों में एक बार पैदा होती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र जेनामणि ने कहा, ‘यह लंबी अवधि है, जिसकी प्रकृति अनोखी है और यह पूरे उत्तरपश्चिम भारत पर असर डालेगी।’

गंगा के मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा और हिंद महासागर की असामान्य वार्मिंग पश्चिमी विक्षोभ के लिए जिम्मेदार है। इसके साथ ही भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले उष्णकटिबंधीय तूफान से भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरपश्चिम भाग में अचानक से ठंड के मौसम में बरसात हुई, जिससे देश के कुछ शहरों में दिन का तापमान 12 डिग्री से नीचे हो गया।

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