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पूर्णिया: दो साल के आयुष के दोनों हाथ नहीं, लेकिन समझदारी ऐसी की बड़े लोग भी दांतों तले दबा लेते हैं उंगलियां

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पटना Live डेस्क. कहते हैं होनहार बीरवान के होत चिकने पात..जी हां…पूर्णिया के रहने वाले महज दो साल के आयुष को देखकर तो सब यही कहते हैं…आयुष को जन्म से ही दोनों हाथ नहीं हैं…लेकिन आयुष के इसी उम्र में लोग उसकी प्रतिभा के कायल हैं…जन्म से ही दोनों हाथ नहीं होने के बाद भी आयुष पैरों से ही बिस्कुट खाता है…और तो और पैरों में कलम फंसाकर लिखने की कोशिश भी करता है…इसी छोटी सी उम्र में आयुष अपनी मां को इशारों ही इशारों में ही बातें बताने की कोशिश भी करता है…आयुष की मां बताती है कि उसकी हरकतों को देखकर लोग कई बार दंग हो जाते हैं..दो साल का आयुष अपनी हरकतों से ही अपनी मां को सारी बातें बताता है…उसकी मां बताती है कि आयुष अब थोड़ा बहुत बोलना भी सीख गया है..लेकिन भूख लगने पर या फिर कुछ चीज की जरुरत होने पर वो ईशारों में ही मां को ये बात बताता है..

आयुष के पिता पेंटर का काम करते हैं और काफी गरीब हैं..मां कहती है कि घर की आमदनी इतनी नहीं है कि आयुष की सारी जरुरतें पूरी हो सकें…घरवाले प्रशासनिक उदासीनता से बेहद नाराज हैं जिसके चलते उन्हें सरकारी सहायता नहीं मिल पाती है..घरवाले कहते हैं कि आयुष का जन्म सरकारी अस्पताल में ही हुआ था लेकिन आजतक उनलोगों को आयुष का दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं मिल सका…बेहद गरीब आयुष के पिता को आजतक प्रशासन की तरफ से बीपीएल कार्ड नहीं मिल सका है…आयुष के पिता बताते हैं कि कई बार दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद भी किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और वो सरकारी सुविधाओं से आजतक वंचित हैं..

हालांकि अब जिला प्रशासन ने बच्चे और उसके परिजनों को हरसंभव मदद की बात कही है..जिलाधिकारी के मुताबिक बच्चे को दिव्यांग सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा..इसके अलावा अगर उसका परिवार बीपीएल श्रेणी में आता है तो उसके परिजनों को सरकारी लाभ जरुर मिलेगा…

 

 

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