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Super Exclusive-सीरीज(थर्ड पार्ट)आखिर कैसे देश में कहि नही बना पर बिहार के इस जिले के VD सार्टिफिकेट ने शैलजा शर्मा को बनाया IAS..पढ़े पूरा सच

मैडम आईएएस को बिहार से इतना लगाव क्यो? जब हमने इस खेल-ए- फर्जीवाड़ा के सच को तलाश करना शुरू किया तो पता चला कि बिहार से लगाव यूं है जब VD का सर्टिफिकेट कही से नही बना तो मैडम ने सुबे इस जिले से बनवाया और IAS बन गई, जानिए इस शातिराना खेल का हर सच

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पटना Live डेस्क।अबतक आपने पढा की कैसे एक “जेहनी” तौर पर कलाकार (वर्त्तमान दौर में स्मार्ट कहे जाने वाले) जो मूलतः शातिर द्वारा UPSC की तमाम खामियों को अपने हक़ के इस्तेमाल कर के आईएएस (Indian Administrative Service (भारतीय प्रशासनिक सेवा) कहलाने का न केवल हक़ हड़प लिया बल्कि बाकायदा अब तो प्रोन्नति पाकर अवर सचिव स्तर वेतनमान लेवल 12 तक पहुच गई हैं। देखिए वो अधिसूचना … प्रोन्नति वाला

ख़ैर, जब UPSC की लापरवाही होतो राज्य सरकार को क्या दोष दिया जाए पदोन्नति व प्रोन्नति कक मानक तय है तो समय पर दिया भी जाएगा। ख़ैर

पार्ट-1

अबतक तक आपने हमारे खुलासा महासीरीज पढ़ा है …महज 2 क़िस्त जिनके लिंक निम्नांकित है। 

Super Exclusive-(सबसे बड़ा खुलासा) क्या फर्जीवाड़ा कर आईएएस बना जा सकता है? क्या केंद्रीय मंत्री जानते हुए की गलती हो रही गलती कर सकता है? सवाल बड़ा है पर जवाब बेहद छोटा ” जी हां क्यो नहीं .. पढ़े पूरा सच”

पार्ट-2

Fact Finding सीरीज़- “बागपत से बिहार” परत दर परत कब कैसे कहाँ-बेहद शातिराना ढंग से फर्जीवाडा सीधे IAS बना देता है! बेहद गंभीर सवाल

रैंक 39वाँ वर्ष 2012-13 कैटेगरी-VD

                      वर्ष 2012-13 के यूपीएसी (UPSC) के फाइनल रिजल्ट में ऑलइंडिया में 39वाँ और 224वा रैंक हासिल करने वाल क्रमशः मूल रूप से यूपी की निवासी है। तो वही दूसरे वाले केरल के मूल निवासी है। दोनों का सेलेक्शन वीडी (विजुअली हैंडीकैप्ड) कोटे में हुआ है। यह तो वो सच है जो दुनिया जानती है। साथ ही इनके रिजल्ट के साथ भी VD शब्द का उल्लेख है। लेकिन कमाल की बात यह है कि मैडम ने खुद का वीडी (विजुअली हैंडीकैप्ड) सर्टिफिकेट इन्होंने बिहार से बनवाया था।वर्ष 2012 के यूपीएसी के फाइनल रिजल्ट में ऑलइंडिया में 39वा और 224वा रैंक हासिल करने वाले थे क्रमशः शैलजा शर्मा और लिपिनराज एमपी। शैलजा जहा मूल रूप से यूपी की निवासी है वही लिपिनराज केरल के मूल निवासी है।दोनों का सेलेक्शन वीडी (विजुअली हैंडीकैप्ड) कोटे में हुआ है। यह तो वो सच है जो दुनिया जानती है। साथ ही इनके रिजल्ट के साथ भी VD शब्द का उल्लेख है।लेकिन बिहार कैडर की आईएएस अधिकारी की करेंगे क्योंकि रहने वाली यूपी की है और वीडी सर्टिफिकेट इन्होंने बिहार से बनवाया था है न ग़ज़ब का बिहार प्रेम?

                                          दरअसल, शैलजा शर्मा ने खुद को विजुळली हैंडिकैप्ड बता कर यूपीएससी की परीक्षा पास वर्ष 2012 में पास कर लिया,रैंक भी बेहद शानदार मिला। अब बारी थी खुद को VH (विएच) साबित करने की तो नई दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर ने जब मेडिकल जांच की तो चौकाने वाला तथ्य इस जांच रिपोर्ट में लिखा। अपनी जांच रिपोर्ट में डॉक्टर अनुज मेहता जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर MCI 6229 है ने साफ साफ साफ लिखा कि रोल नंबर शैलजा शर्मा रोल नंबर- 470602  विजुअली हैंडिकैप्ड नही है। मतलब साफ था खेल हुआ था। कोटे के नाम पर शातिराना खेल खेला गया।

खेल-ए-आईएएस

फ़िदरते सब शातिराना थी …फिदरती ही है पूरा खेल
फर्जीवाड़-ए-खुद से सने है सर्टिफिकेट और रिजल्ट …
खेल-ए-आईएएस बनना था सब …..

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