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नाराज शरद यादव की नीतीश को चुनौती,अब दिल्ली में सांप्रदायिकता के खिलाफ करेंगे सेमिनार

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पटना Live डेस्क. नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ सरकार बनाने को लेकर नाखुश पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शरद यादव की नाराजगी कम होती नहीं दिख रही है. अब शरद यादव ने नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ाते हुए दिल्ली में सांप्रदायिकता के खिलाफ सेमिनार करने का फैसला किया है. राजनीतिक हल्कों में शरद यादव के इस आयोजन को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि कारण कि उसके दो दिन बाद ही जेडीयू ने पटना में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. जानकारी के मुताबिक इस सेमिनार में कांग्रेस और वाम दलों सहित विपक्ष के सभी वरिष्‍ठ नेता शामिल होंगे. कार्यक्रम के माध्‍यम से शरद यादव की मंशा विपक्षी एकता को और ज्यादा मजबूत करने की है. इसमें जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने के फैसले का विरोध किया जाएगा.

बताया जाता है कि नीतीश कुमार के एनडीए के साथ नई सरकार बनाने के फैसले से जदयू के एक धड़े में असंतोष है. पार्टी के कारीब एक दर्जन वरीय नेताओं ने नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि भाजपा के साथ गठबंधन में विहित प्रावधानों की अवहेलना की गई है।

उन्‍होंने लिखा है कि 2013 में भाजपा से नाता तोड़ने का अंतिम निर्णय करने के लिए शरद यादव व नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया था. ऐसा कुछ इस बार नहीं किया गया. इन पार्टी नेताओं ने जदयू नेशनल काउंसिल की बैठक बुलाकर भाजपा से गठबंधन के फैसले में सुधार की मांग की है. इन नेताओं में तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, गुजरात तथा राजस्‍थान के पार्टी प्रमुख शामिल बताए जा रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार टूटने और नीतीश कुमार के एनडीए में जाने से शरद यादव नाराज हैं. उन्‍होंने खुले तौर पर महागठबंधन की सरकार गिरने को दु:खद बताया है. उन्होंने सेक्युलर ताकतों को मजबूत करने की बात कही है. पार्टी के राज्‍यसभा सांसद वीरेंद्र कुमार तथा अली अनवर भी नीतीश कुमार के फैसले से नाराज हैं. दूसरी ओर पार्टी सुप्रीमो व सीएम नीतीश कुमार पीएम मोदी की तारीफ कर रहे हैं. ऐसे में जदयू में फूट की संभावना जताई जा रही है.

 

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