बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

सुशासन की संवेदनहीनता -पीएमसीएच में “लखीसराय की निर्भया” को लेकर दर-दर भटकते रहे परिजन

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पटना Live डेस्क। बिहार में स्वास्थ्य सेवा भगवान भरोसे चल रहा है। हालात का अन्दाज़ा आप इस बात से लगा सकते है की सूबे को झकझोर देने वाले वीभत्स और क्रूर बलात्कार कांड की पीड़िता ‘निर्भया’ को भी राजधानी पटना में सरकार के नाक नीचे सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में भर्ती करने खातिर काफी जद्दोजहद करनी पड़ी।भर्ती तब मिली जब पीएमसीएच के प्रचार्य ने दखल दिया। हद तो ये है कि ये हाल राजधानी पटना का है,तो सूबे के सरकारी अस्पतालों में क्या हालत है अंदाज़ा लगाना कठिन नही है। इधर, सूबे के सरकारी अस्पताल जहां संवेदनशीलता का चरम पार कर रहे है वही सूबे के आवाम के स्वास्थ की जिमनेदारी जिन कंधो पर है वो मंदिर में भगवान के दर्शन करने खातिर मंदिर मंदिर घूम रहे है।

उल्लेखनीय है कि बिहार को झकझोर देने वाले बेहद वीभत्स और क्रूरता पूर्ण हरकत के तहत
गुरुवार की देर रात बिहार के लखीसराय जिले में एक दसवीं के छात्रा के साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया है। गैंगरेप के बाद लड़की को चलती ट्रेन से किउल स्टेशन के पास फेंक दिया। शुक्रवार की सुबह यात्रियों द्वारा पीड़िता को घायल स्थिति में गिरे हुए देखा तो उसे  उठाकर प्लेटफार्म पर रख दिया गया। छात्रा शरीर से खून तेजी से बह रहा था। वही पीड़िता की जांघ की हड्डी टूट गई है। सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने भी एक्स-रे कराने के बाद फ्रैक्चर की बात कही थी। परिजन भी खोजबीन करते हुए किउल स्टेशन पहुंचे और छात्रा को लेकर निजी क्लीनिक ले गये।शनिवार की शाम छात्रा को सदर अस्पताल लाया गया। फिर डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया।
लखीसराय की रेप पीड़िता को शनिवार की रात पीएमसीएच में भर्ती कराने को लेकर परिजनों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। रात 11 बजे अस्पताल पहुंचे परिजन लगभग एक घंटे तक पीड़िता को लेकर एक से दूसरे विभाग में चक्कर लगाते रहे। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की इस संवेदन शून्यता की सूचना मिलने पर प्राचार्य ने डयूटी पर तैनात डॉक्टर, स्टाफ नर्स एवं हेल्थ मैनेजर को कार्रवाई की चेतावनी दी तब जाकर पीड़िता को इमरजेंसी में भर्ती किया गया।
पीड़िता के भाई का आरोप है कि एक निजी वाहन से वे लखीसराय से बहन को लेकर रात 11 बजे पीएमसीएच पहुंचे थे। सबसे पहले प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में गए। वहां डॉक्टरों ने यह कहकर भर्ती लेने से इंकार कर दिया कि रात में केवल प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला को ही भर्ती किया जाता है।जब परिजन पीडि़ता को इमरजेंसी में भर्ती कराना होगा। परिजन इमरजेंसी गए तो वहां डॉक्टरों ने प्रसूति रोग विभाग में जाने को कहा क्योंकि वहां महिला डॉक्टर ड्यूटी पर तैनात थी। इधर पीड़ित युवती का अधिक रक्तस्राव होने से लगातार बिगड़टी जारही थी।
सूचना मिलने पर प्राचार्य प्रो एसएन सिन्हा ने ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मचारियों और डॉक्टरों को कड़ी फटकार लगाई। एक सीनियर डॉक्टर पर कार्रवाई की अनुशंसा करने की चेतावनी दी।तब जाकर कर्मचारी हरकत में आए और पीड़िता को इमरजेंसी के सर्जिकल यूनिट में भर्ती किया गया।
पीएमसीएच के हालात और संवेदना शून्यता अभी खत्म कहा हुई थी। जब पीड़ित को 3 यूनिट खून की आवश्यकता पड़ी तो फिर वही हालात पैदा हुए। बकौल पीड़िता के भाई के बहन को अधिक रक्तस्राव होने के कारण तीन यूनिट खून की जरूरत थी लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से खून नहीं दिया गया। इधर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ब्लड बैंक में खून एक्सचेंज की व्यवस्था होने के कारण कर्मचारियों ने लौटा दिया था लेकिन बाद में व्यवस्था की गई।
लखीसराय के चानन थाना क्षेत्र के लाखोचक गांव की रेप पीड़िता की मेडिकल जांच के लिए बोर्ड गठित होगा। युवती को लखीसराय स्टेशन पर खून से लथपथ पाया गया था। उसे काफी ब्लीडिंग हो चुकी है। इसीलिए पीएमसीएच आने के बाद तीन यूनिट खून चढ़ाया गया है। अभी उसका उपचार इमरजेंसी में चल रहा है। हालत खतरे से बाहर है। पीएमसी प्राचार्य प्रो एसएन सिन्हा ने बताया कि उसे तीन यूनिट खून चढ़ाया गया है। शरीर के कई अन्य हिस्सों में भी चोट के जख्म हैं। जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया जा रहा है। ।

एक आरोपी युवक गिरफ्तार

बिहारी समाज को स्तब्ध और झकझोर देने वाले लखीसराय दुष्कर्म मामले में लखीसराय की घटना पर एडीजी मुख्यालय ने बताया कि घटना की जांच और इसमें शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। पीड़िता की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड बनाया गया है। पुलिस ने लाखोचक गांव से एक नामित आरोपित संतोष कुमार तांती को गिरफ्तार किया है। दूसरी ओर बाकी आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इसमें चानन थानाध्यक्ष सुनील कुमार झा के साथ कबैया थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार और महिला थानाध्यक्ष श्वेता कुमारी भी शामिल हैं।
वही घटना के के बाबत चानन थानाध्यक्ष सुनील कुमार झा ने बताया कि शुक्रवार की रात लाखोचक गांव में पीड़िता के साथ मृत्युंजय कुमार, संतोष तांती और तीन-चार अज्ञात लोगों ने दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म के बाद युवती को किउल स्टेशन पर छोड़कर फरार हो गए थे। पीड़िता के बयान पर चानन थाने में मामला दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी शुरू की और संतोष कुमार तांती पुलिस के हत्थे चढ़ गया। कहा है कि अन्य आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जायेगा।

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