बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

बिहार के कई लाल ने किया यूपीएससी के परीक्षा में कमाल

268

पटना Live डेस्क। बुधवार, 31 मई 2017 को यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन ) की सिविल सर्विस परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया। इस बार भी देश के सबसे मुश्किल परीक्षा में बिहार के बच्चो का दबदबा रहा। पूरे देश भर से तक़रीबन 1099 स्टूडेंट्स सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता का परचम लहराने में सक्षम रहे। इस परीक्षा में बिहार के कई स्टूडेंट्स को सफलता हासिल हुई और सभी का परफॉरमेंस एक से बढ़कर एक रहा। बिहार में स्थित वैशाली के उत्सव कौशल ने यूपीएससी की परीक्षा में 14वां रैंक ला पूरे बिहार का नाम रौशन किया। उत्सव के पिता, डॉ. केके सिन्हा दरभंगा सीएम साइंस कॉलेज के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष और माता एसबीआई में डिप्टी मैनेजर है।

 

इन बिहारी स्टूडेंट्स को भी मिली सफलता

सारण के मढ़ौरा के अवारी गांव के सोमेश  उपाध्याय को  34वां रैंक प्राप्त हुआ। वहीं मधुबनी की डॉ. सौम्या झा को 58वां रैंक मिला। इनकी माँ का नाम डॉ. मातंगी है जो कि पेशे से प्रोफेसर है और पिता, संजय कुमार मध्यप्रदेश में आईपीएस ऑफिसर है। सौम्या को ये सफलता उनके पहले ही प्रयास में मिली है। सिविल सर्विसेज की परीक्षा में उनका मुख्य विषय मेडिकल साइंस ही था क्योंकि उन्होंने एमबीबीएस कर रखा था और इस सब्जेक्ट में उनका कांसेप्ट क्लियर था। उन्होंने बताया कि वो रोज़ का बस 7-8 घंटे पढ़ाई को देती थी और पॉजिटिव रहती थी। अपनी रोज़ के रूटीन को सही से फॉलो किया और आज रिजल्ट सबके सामने है। साथ ही कहा कि उनको शुरू से ही ये विश्वास था की उन्हें सफलता जरूर मिलेगी। सौम्य ने तैयारी खुद से ही की और किसी भी कोचिंग की मदद नहीं ली।

बिहार में खगौल के निवासी सनी राज को 132वां रैंक प्राप्त हुआ। सनी, एनआईटी जमशेदपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद से ही यूपीएससी की परीक्षा के तैयारी में जुट गए थे। मुज़फ्फरपुर के सुमन शेखर 133वां रैंक लाने में सक्षम रहे। सुमन शेखर पेशे से इंजीनियर है और उनके पिता का नाम सुधांशु कुमार है। सुमन ने अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने माता-पिता को ही दिया। सुमन शेखर 2016 में आईआईटी दिल्ली से बी.टेक करने के बाद, खुद से ही इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। गया के प्रभात रंजन पाठक जिन्होंने आईआईटी आइएसएम से अपनी पढ़ाई पूरी की 137वां रैंक लाने में सफल रहें। सहरसा के सत्यम ठाकुर ने 218वां रैंक हासिल किया। सत्यम के पिता प्रदीप ठाकुर है जो की सहरसा में चैनपुर के ही निवासी है। दामुचक के डॉ. विवेक को 374वां रैंक मिला और ओंकार को 458वां रैंक मिला। ओंकार बीआरए बिहार विवि शिक्षक आवास के निवासी हैं। वही अभिषेक जो की शेखपुरा के बरबीघा के निवासी है, ने हासिल किया 773वां रैंक।

बिहार के नितेश पांडेय को 141वां रैंक, मानस वाजपेयी को 456वां रैंक, आदित्य कुमार झा को 503वां रैंक, कुंदन कुमार को 553वां रैंक, विनोद कुमार को 819वां रैंक, बमबम यादव को 949वां रैंक प्राप्त हुआ। पहले ही एटेम्पट में उत्सव कौशल, सुमन, सौम्या और इन सभी को मिली ये सफलता बिहार के आगे आने वाले यूपीएससी एस्पिरेंट्स के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है। ये तो कुछ ही बिहार के छात्र छात्राओं के  नाम है जो अब तक सामने आ रहें है। इस परीक्षा में और भी कई अन्य बिहार के कैंडिडेट्स ने सफलता पायी है जिनकी लिस्ट जल्द ही निकल कर आपके सामने रखा जायेगा।

Comments are closed.