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बेतिया में दम तोड़ रही सीएम की सात निश्चय योजना, लोग खुद तोड़ रहे बने हुए शौचालय! जानिए आखिर क्यों?

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पटना Live डेस्क. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों में से एक घर-घर शौचालय योजना प्रशासनिक उदासीनता का शिकार बनती जा रही है. आलम यह है कि लोग खुद अपने हाथ से ही घर में बने शौचालयों को तोड़ रहे हैं. लोगों का आरोप है कि सीएम के कहने पर उनलोगों ने कर्ज लेकर शौचालय तो बनवा लिए लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें अभी तक रुपए नहीं मिल पाए. लोगों का आरोप है कि जिस दुकानदार से उधार लेकर शौचालय बनाने के लिए सामग्री लाई थी वो दुकानदार अब पैसे के लिए उन्हें तंग कर रहे हैं. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जिन लोगों के शौचालय ठेकेदारों की मदद से बनवाए गए, जिला प्रशासन ने उनका भुगतान तो कर दिया लेकिन जिन लोगों ने शौचालय खुद बनवाए उन्हें अभी तक रुपए नहीं मिल सके हैं. मामला बेतिया जिले से जुड़ा हुआ है.जिसके बारे में यह कहा जाता है कि सीएम नीतीश कुमार के लिए यह जिला काफी शुभ माना जाता है और राज्य स्तर पर कोई भी बड़ा काम करने की शुरुआत आमतौर पर मुख्यमंत्री इसी जिले से करते हैं. लेकिन प्रशासनिक सुस्ती के चलते लोग नाराज हैं, और खुद ही इस बड़ी परियोजना की मिट्टी पलीद करने में लगे हैं.

जिले के पकड़िया पंचायत के ही एक दूसरे टोले में भी घर-घर शौचालय निर्माण कराया गया लेकिन पदाधिकारियों की मनमानी के कारण आज तक उन्हें पैसे का भुगतान नहीं हो पाया लिहाजा अब लोग इसे तोड़ने मे हीं भलाई समझ रहे है. ग्रामीणों के मुताबिक कर्ज लेकर तो उन्होंने किसी तरह शौचालय का निर्माण करा लिया लेकिन अब पैसा नहीं मिलने के कारण दुकानदार इन्हे पैसे के लिए परेशान कर रहे हैं.

सबसे हैरत की बात तो यह है कि तीन माह पहले ही यह पंचायत खुले मे शौच मुक्त भी हो चुका है लेकिन शौचालय निर्माण के नौ माह बीत जाने के बाद भी आज तक लोगों को पैसा नहीं मिला.

सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने नवम्बर 2016 मे लोहिया स्वच्छता मिशन के तहत नौतन के पकड़िया पंचायत मे नल का जल व शौचालय का उदघाटन किया था और आज नौ माह बाद इसी पंचायत के रेखासुन्दर पट्टी टोला के नया बस्ती वार्ड नम्बर 3-4 में लोग इस योजना की कमी का खामियाजा भुगतने लगे हैं.

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