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बिहार के योगगुरू पद्मभूषण से सम्मानित

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बिहार में मुंगेर के योग विद्यालय परमाचार्य स्वामी निरंजनानंद सरस्वतीजी को उनके योग क्षेत्र में अभूतर्पूव योगदान के लिए 14 मई, 2017 को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। मुंगेर योग विद्यालय वही संस्था है, जहां से योगगुरू रामदेव बाबा ने अपनी प्ररांभिक योग शिक्षा ग्रहण की थी।

हांलाकि यह सम्मान महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा दिया जाना था, परन्तु पंचाग्नि साधना की वजह से नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में स्वामी निरंजनानंद शामिल नहीं हो पाए थे। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को यह कार्य सौंपा। और राज्य सरकार ने अंतिम में मुंगेर के डीएम उदय कुमार सिंह को राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के तौर पर पद्मभूषण अलंकरण सौंपने का निर्देश दिया। आखिर में मुंगेर के डीएम उदय कुमार सिंह ने योग विद्यालय के पादुका दर्शन सन्यासपीठ में योग गुरू निरंजनानंद सरस्वती जी को पद्मभूषण अलंकरण से सम्मानित किया।

स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने यह सम्मान मुंगेर में योग की नींव रखने वाले स्वामी शिवानंद और स्वामी सत्यानंद को समर्पित कर कहा कि यह दोनों ही वह महान योगगुरू हैं, जिन्होंने मुंगेर में योग की नींव रखी थी। इसके साथ ही मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने बताया कि योग-विद्या के प्रचार-प्रसार का कार्य 1930 में शुरू हुआ। उस समय तो कोई भी योग के बारे में नहीं जानता था । स्वामी शिवानंद ने मुंगेर में योग को स्थापित करने के लिए बंजर खेत को उपज़ बनाया और फिर इस खेत में योग और अध्यात्म का पौधा लगाया। उस पौधे को तैयार किया एवं उसे बड़ा और विशाल पेड़ बनने तक संवारा। अब उस पेड़ का ही फल पूरे विश्व को लाभ दे रहा है। उन महान पुरूषों के ही फसल को काटकर समाज में आज के योगगुरू ज्ञान वितरित कर रहे हैं। यह सम्मान उन दो मनुष्यों, दो गुरुओं का है। यह सम्मान, उपलब्धि और प्राप्ति सब उनकी है। उसे विनम्रतापूर्वक ग्रहण कर वे पुन: इस जिम्मेदारी के लिए तैयार हुए हैं।

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