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बबलू दुबे उर्फ मिथलेश हत्याकांड- हत्या की गुत्थी और पुलिसिया खुलासा अपनो की साज़िश शिकार हुआ कुख्यात अपराधी( कुणाल सिंह के कुबलनामे का ऑडियो )

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अभिषेक कुमार, ब्यूरो कॉर्डिनेटर

पटना Live डेस्क। बेतिया न्यायालय की चौखट पर गोलियों से बिंध दिए गए कुख्यात अपराधी बबलू दुबे उर्फ मिथलेश दुबे हत्याकाण्ड से पर्दा उठाते हुए पुलिस ने कई अहम ख़ुलासे किये है। पूरी कहानी बिलकुल फिल्मी है। हत्यारे मोतिहारी बाल सुधार गृह से निकलते है हत्याकाण्ड को अंजाम देते है फिर वापस लौट जाते है। इस काण्ड को अन्ज़ाम देने खातिर वो एक बार नही के बार सुधार गृह से बाहर निकलते है। यानी बबलू को परलोक पठाने खातिर जेल कर्मियों समेत सफेदपोशो का सहयोग मिला है अपराधियों को। लेकिन जो सबसे अहम बात है वो ये है कि मोतिहारी बाल सुधार गृह पर एक बडा प्रश्न चिन्ह लग गया है। दरअसल बबलू दुबे की हत्या के बाद से कोर्ट परिसर और पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए है।
ख़ैर पुलिस अब महज चार दिनों के भीतर इस हत्या की गुत्थी सुलझा देने का दावा कर रही है। इसका खुलासा बेतिया पुलिस कप्तान विनय कुमार ने किया। बकौल एसपी विनय कुमार के हत्या के बाद शुरुआत में ही कुछ बेहद अहम सुराग मिले थे। घटनास्थल से मिले मोबाइल और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बहुत कुछ तो तत्काल ही स्पष्ट हो गया था। दरअसल बबलू दूबे की हत्या में मोतिहारी किशोर सुधार गृह में रह रहे एक लड़के सूरज मेहता का नाम सामने आया है,जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।बताया गया कि हत्या के बाद सूरज वापस सुधार गृह पहुंचा। सुधारगृह में रह रहे कुछ अन्य लोगों को बबलू दूबे की मौत से गहरा सदमा लगा था। बबलू की मौत की खबर सुन कुछ लोग तो रोने भी लगे थे। इस बात को देखकर सूरज काफी सोच में पड़ गया था। उसे लगने लगा था कि आने वाले समय में कहीं ये लोग ही इस बात का खुलासा न कर दें कि बबलू दूबे की हत्या में वह भी शामिल था।लिहाजा डर कर वह हत्या के दो दिन बाद सुधार गृह से भाग निकला और जाकर अपने घर छुप गया।पुलिस ने उसे उसके घर से ही गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पुलिस ने एक और शख्स की गिरफ़्तारी की है जिसका नाम विजय यादव बताया गया है।यह बेतिया मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पर्वतिया टोला का निवासी है।
बता दें कि विजय यादव पर पहले से ही कई थानों में जाली नोट, मारपीट,आर्म्स एक्ट,डकैती समेत कई मामलों में नामजद रहा है। उसके घर के अन्य पुरुषों का भी आपराधिक बैकग्राउंड रहा है।विजय यादव ने बबलू दुबे की हत्या में अहम भूमिका निभाई थी। इसी ने हत्या में शामिल शूटरों के रहने आदि की व्यवस्था की थी।एसपी ने बताया कि विजय यादव लॉज का कारोबार करता है।जमीन पर अवैध कब्जा करके अपने दबंगई के बल पर उस पर लॉज बनवाता है। उसके लॉज में स्टूडेंट तो रहते हैं साथ ही इन्हीं लॉज में आपराधिक छवि के लोग भी शरण लिया करते थे। बबलू दुबे की हत्या में शामिल शूटरों ने भी शाम में पहुंच कर पहले विजय यादव से संपर्क साधा और फिर रात भी इसी लॉज में बिताई थी।बबलू दुबे की हत्या के लिए 6 मई की तारीख ही मुकर्रर की गई थी।लिहाजा 5 मई की शाम में अपराधी विजय यादव के यहां पहुंच गए थे. लेकिन 6 मई को यह पता चला कि आज बबलू दूबे की पेशी नहीं होगी तो ये वापस चले गए थे।
एसपी ने बताया कि इस हत्या में जेल से राहुल सिंह, विकास सिंह और छोटाई सिंह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अतिरिक्त मोतिहारी के बाल सुधार गृह से दो लोग एक सूरज मेहता दूसरा सुमन सौरभ इस हत्या में शामिल थे।एसपी की मानें तो जेल से और भी कुछ लोग इस योजना में शामिल थे।लेकिन फिलहाल इनकी निशानदेही पर शक है। उन्होंने बताया कि इस घटना में मोतिहारी जेल से फरार कुणाल सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।इसके अतिरिक्त मनीष सिंह, संजय सिंह सिगरेट और रिपुसूदन समेत कई अन्य लोगों के नाम भी इस मामले में सामने आया है।
बता दें कि यह वही कुणाल सिंह है जिसने फोन करके इस घटना की जिम्मेदारी ली थी। पटना Live ने सर्वप्रथम इस बात का खुलासा करते हुए अपने पाठकों को इस शीर्षक के माध्यम से कुणाल सिंह के दावों की आवाज सुनवाई थी।

Exclusive(वीडियो) – अब जरा कुणाल सिंह जो बबलू दुबे की हत्या करने वाले दावे को सुनिए…

Exclusive(वीडियो) – अब जरा कुणाल सिंह जो बबलू दुबे की हत्या करने वाले दावे को सुनिए…

पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि इस हत्याकांड में चार मोटरसाइकिलों का प्रयोग किया गया था, जिसमें एक अपाची, एक ग्लैमर व दो अन्य मोटरसाइकिलें शामिल थीं। जब 6 तारीख को हत्या की घटना अंजाम न दी जा सकी तो कुणाल सिंह ने इसके लिए तत्काल बबलू की मौत की दूसरी तारीख मुकर्रर की। उसने 11 मई को शूटरों को ट्रेनिंग देकर यह बताया कि कहां से गोली चलानी है और कैसे वहां से भागना है।भागने के समय यदि कुछ समस्या होती है तो उस समय उन्हें क्या करना है।ये सारी बातें कुणाल सिंह ने इन शूटरों को पहले ही समझा दी थी।
11 तारीख को मिली ट्रेनिंग के बाद सभी लोग पुनः विजय यादव के लॉज पर पहुंचे।इस क्रम में पहले तीन लोग आए जिसमें रिपुसूदन, सूरज मेहता और सुमन सौरव के नाम शामिल हैं।
बबलू दुबे हत्याकांड को यूं ही अंजाम नहीं दिया गया।इसके लिए कई लोगों की मिलीभगत सामने आ रही है।भले ही पुलिस ने फिलहाल दो लोगों को ही गिरफ्तार किया है लेकिन इस मामले में कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी जल्द हो सकती है।बता दें कि विजय यादव के लॉज में ठहरे शूटरों को कोर्ट में हो रही गतिविधियों की पल-पल की जानकारी दी जा रही थी। शूटरों को जब यह पता चला कि कोर्ट में बबलू दूबे पहुंच चुका है तब शूटरों ने कोर्ट की ओर प्रस्थान किया। वहां से वे सीधे कोर्ट के समीप एक मॉल के पास पहुंचे, जहां उन्होंने नाश्ता भी किया। उसके बाद कोर्ट परिसर पहुंचकर उन्होंने कोर्ट के माहौल को परखा। बबलू दूबे को देखते ही उन्हें गोली चलाने की सूझी लेकिन उस समय उन्हें माहौल इसके अनुकूल नहीं लगा,लिहाजा उन्होंने इंतजार करना मुनासिब समझा। जब कोर्ट पेशी के बाद बबलू दूबे कोर्ट से वापस लौट कर आ रहा था,तब अपराधियों ने उसपर तड़तड़ा गोलियां चलानी शुरु कर दीं। पहली गोली सुमन ने चलाई और अंत की दो गोलियां सूरज मेहता ने मारी। इस घटना को अंजाम देकर वे भीड़ का हिस्सा बन गए और भगदड़ का फायदा उठाकर वहां से बच निकले।

 

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