बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

सुरक्षित राजधानी का सच – ज़मीन कारोबारी को दिनदहाड़े मारी गई दो गोलियां, कंकड़बाग थाना 24 घंटे तक बेखबर,गंभीर हालत में आईसीयु में इलाजरत

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पटना Live डेस्क। राजधानी पटना कितनी सुरक्षित है इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते है कि एक व्यक्ति को सरेआम बाइक सवार अपराधियों ने गोलिया मारी और फरार हो गए। घटना को शहर के अति व्यस्ततम सड़को में शुमार न्यू बायपास के समीप उस अंजाम दिया गया जब शख्स ऑटो के इंतज़ार में सड़क पर खडा था। अब जरा पटना की तेजतर्रार पुलिस का सच जान लीजिए स्थानीय थाना यानी कंकड़बाग को   घटना के बाबत 24 घंटे तक कोई जानकारी ही नही मिली। अब आप स्वयं राजधानी की सुरक्षा का सच समझ सकते है।

मिली जानकारी के अनुसार बेउर थाना अंतर्गत 70 फिट निवासी एक 50 वर्षीय ज़मीन कारोबारी को अपराधियों ने सरेआम बीच सड़क उस वक्त ताबड़तोड़ 2 गोलियां मार दी जब वह ऑटो में इंतज़ार में चांगड बाइपास पर खड़ा था। बकौल चश्मदीदों के बाइक पर सवार अपराधियों ने भरी दोपहर में शिवजी सिंह को कत्ल करने की नीयत से 2 गोलियों मारी और फरार हो गए। घटना की जानकारी पर पहुचे परिजनों ने पहले तो घायल को सिपारा स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया फिर हालात गंभीर होने पर पाटलिपुत्रा स्थित फोर्टिस अस्पताल ले गए पर जब वहां भी हालत बिगड़ने लगे तो गुरुवार को परिजन शिवजी सिंह को लेकर पीएमसीएच पहुचे।जहा 2 गोलियों लगने के बाद से आईसीयु में शिवजी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे है।
लेकिन इस पूरे प्रकरण में सबसे हास्यास्पद
हालात पटना की तेज तर्रार पुलिस की है।घटना बुधवार को दोपहर लगभग ढाई बजे कंकड़बाग थाना क्षेत्र के चांगड जो बायपास से बिलकुल सटा इलाका है में घटित हुई। एक 50 वर्षीय व्यक्ति को सरेआम शहर के व्यस्ततम सड़क न्यू बायपास पर 2 गोलियां मारी गई। परिजन आये गभीर रूप से घायल को लेकर सिपारा के नज़दीक एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया पर स्थानीय थाना को इस घटना की भनक तक नही लगी। हद तो घटना के 36 घंटे बाद भी न तो एफआईआर दर्ज हुई है। ना ही कंकड़बाग थाने ने खुरेजी की इस घटना के बाबत जानने का प्रयास ही किया है। मामला जब मीडिया द्वारा उजागर किया गया तब जानकर इस मामले के बाबत स्थानीय थाना ने हाथ पांव डुलाए है।
वही पीएमसीएच आईसीयु में इलाजरत शिवजी सिंह के बेटे सुनील के अनुसार पुलिस ने अब तक उनसे कोई संपर्क नही किया है। चुकी गोली लगने के बाद से पिता की नाज़ुक हालात देख उनका पूरा ध्यान पहले इलाज़ की ओर है।

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